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इस गांव की बदल रही तस्वीर, किसानों और महिलाओं को दिया जा रहा व्यावसायिक प्रशिक्षण

रुलकी गांव में आदर्श ग्राम विकास परियोजना के अंतर्गत किसानों को वर्मी कंपोस्ट बनाने का प्रशिक्षण दिया जा रहा है, जिससे उनका रुझान जैविक खेती के प्रति बढ़ाया जा सके. वहीं महिलाओं को भी रोजगार के लिए विशेष प्रशिक्षण दिया जा रहा है.

किसानों और महिलाओं को दिया जा रहा व्यावसायिक प्रशिक्षण
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Published : Oct 6, 2019, 2:09 PM IST

Updated : Oct 6, 2019, 3:08 PM IST

शाजापुर। जिले के रुलकी गांव लोग अपने गांव को समृद्ध बनाने में जुट गए हैं, इस गांव में आदर्श ग्राम विकास परियोजना के अंतर्गत किसानों को वर्मी कंपोस्ट बनाने का प्रशिक्षण दिया जा रहा है जिससे उनका रुझान जैविक खेती के प्रति बढ़ाया जा सके. इस गांव में किसानों के साथ-साथ महिलाओं को भी रोजगार के लिए विशेष प्रशिक्षण दिया जा रहा है, जिससे उनके आय में वृद्धि हो सके.

किसानों और महिलाओं को दिया जा रहा व्यावसायिक प्रशिक्षण

ग्रामीणों की आय बढ़ाने के लिए सैमकॉर्प कंपनी और गैर सरकारी संगठन की सहायता से किसानों और महिलाओं को विशेष प्रशिक्षण दिया जा रहा है, जिसमें इस गांव के किसानों को वर्मी कंपोस्ट एवं गोबर गैस बनाने एवं उसके संचालन के लिए गहन प्रशिक्षण की व्यवस्था की गई है.

किसानों को वर्मी कंपोस्ट बनाने के लिए जरूरी उच्च किस्म के केंचुए एवं किट उपलब्ध कराई गई है. वहीं महिलाओं को विभिन्न क्षेत्रों में व्यावसायिक प्रशिक्षण दिया जा रहा है. जिसमें सिलाई, कढ़ाई, बुनाई और अन्य तरह के छोटे-छोटे घरेलू उद्योग के लिए भी प्रशिक्षण उनको दिया जा रहा है.ताकि महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाया जा सके और उनकी आय का स्रोत भी बढ़ाया जा सके.

शाजापुर। जिले के रुलकी गांव लोग अपने गांव को समृद्ध बनाने में जुट गए हैं, इस गांव में आदर्श ग्राम विकास परियोजना के अंतर्गत किसानों को वर्मी कंपोस्ट बनाने का प्रशिक्षण दिया जा रहा है जिससे उनका रुझान जैविक खेती के प्रति बढ़ाया जा सके. इस गांव में किसानों के साथ-साथ महिलाओं को भी रोजगार के लिए विशेष प्रशिक्षण दिया जा रहा है, जिससे उनके आय में वृद्धि हो सके.

किसानों और महिलाओं को दिया जा रहा व्यावसायिक प्रशिक्षण

ग्रामीणों की आय बढ़ाने के लिए सैमकॉर्प कंपनी और गैर सरकारी संगठन की सहायता से किसानों और महिलाओं को विशेष प्रशिक्षण दिया जा रहा है, जिसमें इस गांव के किसानों को वर्मी कंपोस्ट एवं गोबर गैस बनाने एवं उसके संचालन के लिए गहन प्रशिक्षण की व्यवस्था की गई है.

किसानों को वर्मी कंपोस्ट बनाने के लिए जरूरी उच्च किस्म के केंचुए एवं किट उपलब्ध कराई गई है. वहीं महिलाओं को विभिन्न क्षेत्रों में व्यावसायिक प्रशिक्षण दिया जा रहा है. जिसमें सिलाई, कढ़ाई, बुनाई और अन्य तरह के छोटे-छोटे घरेलू उद्योग के लिए भी प्रशिक्षण उनको दिया जा रहा है.ताकि महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाया जा सके और उनकी आय का स्रोत भी बढ़ाया जा सके.

Intro:शाजापुर। जिले के गांव रुलकी में आदर्श ग्राम विकास परियोजना के अंतर्गत किसानों को वर्मी कंपोस्ट एवं महिलाओं को रोजगार के लिए विशेष प्रशिक्षण दिया जा रहा है. किसानों का रुझान जैविक खेती की ओर बढ़ाया जा रहा है.Body:







भारत में अक्सर गांव के विकास की बात की जाती है. जहां पर महिला रोजगार प्रशिक्षण और किसानों को उन्नत खेती के लिए प्रशिक्षण की आवश्यकता होती है..
इसी दिशा में एक कदम आगे बढ़ाते हुए आदर्श ग्राम विकास परियोजना के अंतर्गत सैमकॉर्प कंपनी और गैर सरकारी संगठन की सहायता से किसानों और महिलाओं को विशेष प्रशिक्षण दिया जा रहा है.

शाजापुर के रूलकी गांव में किसानों को वर्मी कंपोस्ट एवं गोबर गैस बनाने एवं उसके संचालन के लिए गहन प्रशिक्षण की व्यवस्था की गई है

किसानों को वर्मी कंपोस्ट बनाने के लिए जरूरी उच्च किस्म के केंचुए एवं किट उपलब्ध कराई गई है .साथ ही वर्मी कंपोस्ट बनाने की एक विशेष तकनीक भी उनको उपलब्ध कराई है.

महिलाओं को विभिन्न क्षेत्रों में व्यावसायिक प्रशिक्षण दिया जा रहा है. इसमें सिलाई, कढ़ाई बुनाई और अन्य तरह के छोटे-छोटे घरेलू उद्योग के लिए भी प्रशिक्षण उनको दिया जा रहा है.
ताकि महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाया जा सके और उनकी आय का स्रोत भी बढ़ाया जा सके.

किसान वर्मी कंपोस्ट खाद से काफी लाभान्वित हो रहे हैं

Conclusion:




वर्मी कंपोस्ट बनाकर किसान आप जैविक खेती की ओर लौट रहे हैं साथ ही महिलाओं को विभिन्न क्षेत्रों में व्यवसायिक प्रशिक्षण मिल रहा है जिससे वे आत्मनिर्भर भी बन रही है


बाइट 1-. प्रदीप नामदेव परियोजना अधिकारी टोपी वाले

बाइट 2- अंगूपुरी गोस्वामी किसान
Last Updated : Oct 6, 2019, 3:08 PM IST
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