शाजापुर। जिले के अति प्राचीन और प्रख्यात मां राजराजेश्वरी मंदिर परिसर में प्रदेश की पर्यटन, संस्कृति एवं अध्यात्म विभाग मंत्री उषा ठाकुर पहुंची. यहां उन्होंने 82 लाख रुपये की लागत से बने सांस्कृतिक भवन का लोकार्पण और शॉपिंग कॉम्पलेक्स का भूमिपूजन किया.
मंत्री उषा ठाकुर ने आज मां राजराजेश्वरी मंदिर परिसर में 82 लाख रुपए की लागत से निर्मित सांस्कृतिक भवन का फीता काटकर लोकार्पण किया. साथ ही 13 दुकानों का बतौर मुख्य अतिथि भूमिपूजन भी किया. इस दौरान पूर्व विधायक अरुण भीमावद और भाजपा जिलाध्यक्ष अम्बाराम कराड़ा ने मंत्री 70 प्राचीन मठ-मंदिरों के जीर्णोद्धार, डेढ़ करोड़ रुपये की लागत से मंदिर परिसर में विभिन्न विकास कार्य और 50 लाख रुपए की लागत से मंदिर परिसर में डोम निर्माण कराने की मांग की, जिस पर उषा ठाकुर ने इन मांगों को शीघ्र पूरा करने की बात कही है.
कन्या पूजन से हुई कार्यक्रम की शुरुआत
कार्यक्रम की शुरुआत कन्याओं का पूजन कर की गई. इसके बाद मंत्री ने समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि भारत जैसी देवभूमि कहीं भी नहीं है. यहां 75 हजार से अधिक प्रजातियों के फल-पौधे सहित 45 हजार से अधिक जीव-जंतु हैं. इस देवभूमि को सजाने, संवारने और उसे वास्तविक स्वरूप में ही रहने देने की जिम्मेदारी शासन, प्रशासन, समाज और व्यक्ति की है. प्रकृति के न्याय का सिद्धांत है कि जितना लिया है, उतना ही उसे वापस भी किया जाए, लेकिन आज वृक्ष कटते जा रहे हैं. इसके अनुपात में पौधे नहीं लग रहे है. इसलिए पर्यावरण का संतुलन बिगड़ रहा है. ग्लोबल वार्मिंग हो रही है, जिसका नतीजा है कि मालवा जैसे क्षेत्र में भी तापमान बढ़ गया है.
उन्होंने कहा कि पृथ्वी पर प्राकृतिक संतुलन बनाने के लिए पौधे लगाना आवश्यक है. एक वृक्ष अपने नीचे 10 हजार लीटर पानी संग्रहित करता है. वहीं वातावरण का 10 डिग्री सेंटीग्रेट तापमान भी कम करता है. उन्होंने कहा कि मनुष्य के दाह संस्कार में लगभग 5 पेड़ लग जाते हैं. इस प्रकार मनुष्य अपने ऋण को उतारने के लिए जीवन में कम से कम पांच पौधे बनाए.
वहीं इस दौरान उन्होंने शंखनाद के बाद दुर्गाशप्तशती का पाठ किया. इस मौके पर सांसद महेन्द्र सिंह सोलंकी, मेला एवं तीर्थ स्थान विकास प्राधिकरण के अध्यक्ष माखन सिंह चौहान, जिलाध्यक्ष अम्बाराम कराड़ा, पूर्व विधायक अरुण भीमावद, गिरीराज मंडलोई शामिल रहे.
तीन दिवसीय मांडू उत्सव का आगाज, मंत्री भी हुए शामिल
मेलों से आती है अध्यात्म की ऊर्जा
मेला एवं तीर्थ स्थान विकास प्राधिकरण के अध्यक्ष ने कहा कि मनुष्य सामाजिक प्राणी है. उसे केवल स्वयं की ही नहीं, बल्कि पूरे समाज की चिन्ता करनी चाहिए. जितने भी धर्म स्थल है, उनके जीर्णोद्धार या विकास के लिए अपनी आय का कुछ हिस्सा लगाना चाहिए. उन्होंने कहा कि प्रदेश में विकास के अनेक कार्य हुए हैं. प्रदेश सरकार की मंशा है कि मध्य प्रदेश उत्कृष्ट प्रदेश बनकर उभरे. इसके लिए सभी को साथ मिलकर काम करना होगा. इसके अलावा सारे धार्मिक स्थानों के विकास के लिए समिति बनें. यह समिति मेलों की व्यवस्था के साथ-साथ छोटे से छोटा और बड़े से बड़ा काम करें. मेले केवल आमोद-प्रमोद के लिए नहीं होते हैं, बल्कि यहां से आने वाले श्रद्धालुओं को अध्यात्म की ऊर्जा प्राप्त होती है.
मंदिर की ऐतिहासिक बावड़ी का भी होगा जीर्णाेद्धार
सांसद ने कहा कि लोग राष्ट्रवादी परंपरा से जुड़कर कार्य करें. उन्होंने क्षेत्र के सांस्कृतिक विकास के लिए विभागीय मंत्री से सहयोग प्रदान करने का अनुरोध किया. इस मौके पर साहित्य अकादमी निदेशक डॉ. दबे ने मां राजराजेश्वरी मंदिर के ऐतिहासिक महत्व के बारे में बताया. कराड़ा ने शाजापुर को धार्मिक नगरी के रूप में विकसित करने का अनुरोध किया.
पूर्व विधायक ने मंदिर परिसर में अन्य निर्माण कार्यों की आवश्यकताओं के बारे में विस्तार से बताया. कलेक्टर दिनेश जैन ने मंदिर क्षेत्र के विकास के संबंध में बताया कि शाजापुर के इस मंदिर को बेहतर ढंग से विकसित करेंगे, ताकि यह पर्यटकों के आकर्षक का केन्द्र बनें. मंदिर परिसर में ऐतिहासिक बावड़ी का भी जीर्णोद्धार किया जाएगा.
ब्रोशर का विमोचन
इस मौके पर 'अपनी मिट्टी अपने गांव' का अतिथियों ने विमोचन किया, जिसमें डिप्टी कलेक्टर जूही गर्ग भी उपस्थित रही. ब्रोशर में सांस्कृति, आध्यात्मिक और ऐतिहासिक चेतना के केन्द्र प्रसिद्ध मंदिर, किले, उद्यान, मकबरे, दरगाह का उल्लेख किया गया है. साथ ही जिला पर्यटन एवं संवर्धन परिषद द्वारा की जाने वाली अन्य गतिविधियों की भी जानकारी दी गई है.