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बारिश ने किसानों के सपनों पर फेरा पानी, खेत में खड़ी सोयाबीन फसल में लगा रहे आग

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Published : Sep 30, 2020, 8:15 PM IST

Updated : Sep 30, 2020, 8:20 PM IST

शाजापुर जिले में किसानों को सोयाबीन की फसल में काफी नुकसान हुआ है, जहां अगली फसल की बुवाई के लिए मजबूरी में कटाई करनी पड़ रही है, जिसमें अत्यधिक मजदूरी लग रही है. पढ़िए पूरी खबर...

Farmers are putting fire on soyabean crop
सोयाबीन फसल में आग लगा रहे किसान

शाजापुर। शुजालपुर और कालापील क्षेत्र में मौसम की मार के चलते किसानों को खरीफ फसल को काफी नुकसान हुआ है. शासन स्तर पर सर्वे और अन्य कार्रवाई तो की जा रही है, लेकिन किसानों को अगली फसल की बुआई के लिए खेत भी साफ करना है.

सोयाबीन का उत्पादन नहीं होने के बावजूद भी किसानों को मजबूरी में फसल की कटाई करनी पड़ रही है, जिसमें मजदूरी ज्यादा लग रही है. इसके चलते कुछ किसान ट्रैक्टरों से सोयाबीन की फसल के ढेर लगाकर खेतों में आग लगा रहे हैं, तो कुछ जगह किसान खुद खेत में खड़ी फसल को काटकर जला रहे हैं.

किसानों का कहना है कि सरकार भले ही राहत और बीमा राशि भविष्य में प्रदान करे, लेकिन उस राशि से किसान को हुए नुकसान की भरपाई संभव नहीं है. क्षेत्र का किसान पिछले तीन वर्षों से खरीफ फसल में हुए नुकसान को उठा रहा है.

खेड़ीनगर गांव के किसान अम्बाराम मेवाड़ा ने बताया कि अगस्त माह के अंत और सितम्बर माह की शुरूआत में हुई लगातार बारिश के चलते सोयाबीन की फसल बुरी तरह से प्रभावित हुई है. लगभग 5 बीघा कृषि भूमि में सोयाबीन की बोवनी की गई थी, जहां बुबाई सहित दवाई और अन्य कार्यों में हजारों रुपए खर्च हुए थे, लेकिन मौसम की मार से सोयाबीन का एक दाना भी नसीब नहीं हुआ. यह स्थिति क्षेत्र के कई किसानों की है.

शाजापुर। शुजालपुर और कालापील क्षेत्र में मौसम की मार के चलते किसानों को खरीफ फसल को काफी नुकसान हुआ है. शासन स्तर पर सर्वे और अन्य कार्रवाई तो की जा रही है, लेकिन किसानों को अगली फसल की बुआई के लिए खेत भी साफ करना है.

सोयाबीन का उत्पादन नहीं होने के बावजूद भी किसानों को मजबूरी में फसल की कटाई करनी पड़ रही है, जिसमें मजदूरी ज्यादा लग रही है. इसके चलते कुछ किसान ट्रैक्टरों से सोयाबीन की फसल के ढेर लगाकर खेतों में आग लगा रहे हैं, तो कुछ जगह किसान खुद खेत में खड़ी फसल को काटकर जला रहे हैं.

किसानों का कहना है कि सरकार भले ही राहत और बीमा राशि भविष्य में प्रदान करे, लेकिन उस राशि से किसान को हुए नुकसान की भरपाई संभव नहीं है. क्षेत्र का किसान पिछले तीन वर्षों से खरीफ फसल में हुए नुकसान को उठा रहा है.

खेड़ीनगर गांव के किसान अम्बाराम मेवाड़ा ने बताया कि अगस्त माह के अंत और सितम्बर माह की शुरूआत में हुई लगातार बारिश के चलते सोयाबीन की फसल बुरी तरह से प्रभावित हुई है. लगभग 5 बीघा कृषि भूमि में सोयाबीन की बोवनी की गई थी, जहां बुबाई सहित दवाई और अन्य कार्यों में हजारों रुपए खर्च हुए थे, लेकिन मौसम की मार से सोयाबीन का एक दाना भी नसीब नहीं हुआ. यह स्थिति क्षेत्र के कई किसानों की है.

Last Updated : Sep 30, 2020, 8:20 PM IST
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