शाजापुर। कोरोना संकट के बीच रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने वाले और पोषण युक्त औषधीय पौधों की डिमांड बढ़ रही है. कृषि विज्ञान केंद्र में तैयार किए गए इस तरह के पौधों की खरीदी के लिए हर रोज कई लोग वहां आ रहे हैं. जिला मुख्यालय के समीप गिरवर स्थित कृषि विज्ञान केंद्र में कृषि वैज्ञानिक जिले के किसानों को फसलों के बेहतर उत्पादन, कीट व्याधियों से बचाव के तरीके, आधुनिक यंत्रों आदि के बारे में बताते हैं. फिलहाल कोरोना संकट के बीच लोगों की सेहत को लेकर भी सलाह दी जा रही है.
दरअसल, जिले में प्रतिदिन कोरोना पॉजिटिव मरीजों की संख्या में इजाफा हो रहा है. कोरोना के लिए कई देशों में वैक्सीन बनाने का काम तो चल रहा है, लेकिन अभी तक इसमें ठोस सफलता नहीं मिल पाई है. ऐसे में कोरोना से बचाव के लिए शासन-प्रशासन गाइड लाइन का पालन करने और रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में औषधीय पौधे मददगार साबित हो रहे हैं. इसी के चलते अब कृषि विज्ञान केंद्र अब लोगों को रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने वाले पौधें तैयार कर उपलब्ध करा रहा है.
रामपुरा मेवासा में किया वितरण
शाजापुर विकासखंड के न्यूट्री स्माल विलेज रामपुरा मेवास में कुपोषित दस बच्चों के परिवारों को कृषि विज्ञान केंद्र ने फल और औषधीय पौधों का निशुल्क वितरण किया. कृषि वैज्ञानिक डॉक्टर वर्मा ने बताया कि फल और औषधीय पौधे उन्नात नस्ल के दिए गए हैं, जो कि जल्दी ही बड़े हो जाते हैं. गांवों के कुछ परिवारों को किचन गार्डन के लिए पूर्व में सब्जियों के बीज भी उपलब्ध कराए जा चुके हैं.
कई औषधीय पौधे किए जा रहे तैयार
कृषि वैज्ञानिक डॉक्टर गायत्री वर्मा बताती है कि कृषि विज्ञान केंद्र ने उन्नात किस्म का सुरजना, गिलोय, तुलसी, नींबू, एलोवेरा, अदरक और लेमन ग्रास के पौधे तैयार किए हैं. सुरजना औषधीय पौधों के उपयोग से आयरन, कैल्शियम, विटामिन सहित कई तरह के तत्व भरपूर मात्रा में होते हैं. वहीं लेमन ग्रास, तुलसी, अदरक व गिलोय के पौधे भी औषधीय गुणों से भरपूर होते हैं. लेमन ग्रास का काढ़ा बनाकर भी सेवन किया जाता है.
कम कीमत पर हो रहा उपलब्ध
गिलोय के उपयोग से बुखार में भी लाभ मिलता है. इन पौधों को कृषि विज्ञान केंद्र में बड़े पैमाने पर तैयार किया जा रहा है. बाजार में इनकी कीमत काफी ज्यादा है. ऐसे में कृषि विज्ञान केंद्र पर काफी कम कीमत पर इन्हें उपलब्ध कराया जा रहा है. उन्होंने बताया कि सुरजना, लेमन ग्रास और गिलोय तीनों ही तरह के पौधे कृषि विज्ञान केंद्र के पॉली हाउस में तैयार किए जा रहे हैं. इन पौधों को जैविक खाद दी जा रही है. लोग इन्हें यहां से लेने भी आ रहे हैं.