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राखी के त्यौहार से बाजार हुए गुलजार, लंबे समय के बाद लौटी रौनक

शाजापुर में भाई-बहन के पवित्र त्योहार रक्षाबंधन को लेकर शहर में राखी के बाजार गुलजार हो गए हैं. 3 अगस्त को रक्षाबंधन पर्व मनाया जाएगा. वहीं कोरोना के चलते राखी पर महंगाई का असर देखा जा रहा है.

rakhi at market
बाजार हुए गुलजार,
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Published : Jul 30, 2020, 2:18 AM IST

शाजापुर। जिले के कालापीपल क्षेत्र में भाई-बहन के पवित्र त्योहार रक्षाबंधन को लेकर राखी के बाजार गुलजार हो गए हैं. 3 अगस्त को रक्षाबंधन पर्व मनाया जाएगा. वहीं शहर के बाजारों में बड़ी संख्या में ग्रामीण अंचलों के लोग पहुंचकर राखी की खरीददारी करने लगे हैं. बाजार में तरह-तरह राखियों के साथ ही चांदी की राखी देखने को मिल रही है.

इस बार बाजार में महंगाई की मार राखी पर देखने को मिल रही है. एक रेशम की डोर 10 से 15 रुपए में विक्रय की जा रही है. इसी तरह डिजाइनर राखी 50 से 150 रुपए में बेची जा रहीं हैं. लोगों का कहना है कि जो रेशम की डोर 5 रुपए की होनी चाहिए उसे 10 रुपए में बेचा जा रहा है. इसी तरह चांदी व फैंसी राखी 50-100 रुपए तक बेची जा रही हैं. वहीं रूमाल, नारियल व अन्य सामग्री के दाम भी आसमान छू रहे हैं.

राखी विक्रेता सतीश के अनुसार राखी के लिए व्यापारी पहले दिल्ली से माल की खरीदारी करते थे. वहीं इस बार कोरोना के कारण ट्रेन-बस सेवाए भी बंद हैं. जिसके चलते राखी लाने का खर्च भी बढ़ गया है. पिछले वर्ष की अपेक्षा इस वर्ष राखी में करीब 20 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी हुई है.

शाजापुर। जिले के कालापीपल क्षेत्र में भाई-बहन के पवित्र त्योहार रक्षाबंधन को लेकर राखी के बाजार गुलजार हो गए हैं. 3 अगस्त को रक्षाबंधन पर्व मनाया जाएगा. वहीं शहर के बाजारों में बड़ी संख्या में ग्रामीण अंचलों के लोग पहुंचकर राखी की खरीददारी करने लगे हैं. बाजार में तरह-तरह राखियों के साथ ही चांदी की राखी देखने को मिल रही है.

इस बार बाजार में महंगाई की मार राखी पर देखने को मिल रही है. एक रेशम की डोर 10 से 15 रुपए में विक्रय की जा रही है. इसी तरह डिजाइनर राखी 50 से 150 रुपए में बेची जा रहीं हैं. लोगों का कहना है कि जो रेशम की डोर 5 रुपए की होनी चाहिए उसे 10 रुपए में बेचा जा रहा है. इसी तरह चांदी व फैंसी राखी 50-100 रुपए तक बेची जा रही हैं. वहीं रूमाल, नारियल व अन्य सामग्री के दाम भी आसमान छू रहे हैं.

राखी विक्रेता सतीश के अनुसार राखी के लिए व्यापारी पहले दिल्ली से माल की खरीदारी करते थे. वहीं इस बार कोरोना के कारण ट्रेन-बस सेवाए भी बंद हैं. जिसके चलते राखी लाने का खर्च भी बढ़ गया है. पिछले वर्ष की अपेक्षा इस वर्ष राखी में करीब 20 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी हुई है.

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