शहडोल। नौतपा की जब शुरुआत हुई, तो हल्की फुल्की बारिश की वजह से मौसम ठंडा हो गया था. नौतपा की प्रचंड गर्मी का एहसास इतना ज्यादा नहीं हुआ था, लेकिन नौतपा खत्म होते ही एक बार फिर से भीषण गर्मी हो रही है. तापमान सारे रिकॉर्ड तोड़ रहा है, सूर्य की तपिश से लोगों का हाल बेहाल है. आलम ये है कि अब लोग इस प्रचंड गर्मी में बीमार पड़ रहे हैं. बच्चे हों, बूढ़े हों या बड़े हों, सभी परेशान हैं और अब मानसून का बड़ी बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं.
गर्मी से लोगों का हाल बेहाल: जब नौतपा की शुरुआत हुई थी, तो ऐसा लग रहा था कि मौजूदा साल जिस तरह की गर्मी पड़ रही है, ऐसे में नौतपा भी खूब तपायेगा. लेकिन मौसम ने करवट बदली, नौतपा के समय हल्की फुल्की बारिश हुई, हवाएं चली, जिसके चलते वातावरण में ठंडक रही. कुल मिलाकर नौतपा की प्रचंड गर्मी का एहसास उतना ज्यादा नहीं हुआ, लेकिन नौतपा खत्म होते ही एक बार फिर से भीषण गर्मी पड़ रही है. तापमान आसमान छू रहा हैं और सारे रिकॉर्ड तोड़ रहा हैं. इतना ही नहीं, गर्मी से लोग डिहाइड्रेशन का शिकार हो रहे हैं, तो कोई उल्टी-दस्त का शिकार हो रहा है. ऐसे में मरीजों की संख्या भी बढ़ती जा रही है, अब इस भीषण गर्मी से राहत पाने के लिए लोगों को मानसून का बड़े ही बेसब्री से इंतजार है.
नवतपा के बाद जिले का तापमान: मौजूदा साल नौतपा की शुरुआत 25 मई से हुई थी, जो 2 जून तक रही. 2 जून के बाद जिले के तापमान पर नजर डालें, तो 3 जून को शहडोल में अधिकतम तापमान 44.3 डिग्री रहा. वहीं न्यूनतम तापमान 23.4 डिग्री रहा. 4 जून को अधिकतम तापमान 44.9 डिग्री रहा, तो वहीं न्यूनतम तापमान 23.8 डिग्री रहा. 5 जून को अधिकतम तापमान 45.1 डिग्री रहा, न्यूनतम तापमान 25.6 डिग्री रहा. 6 जून को अधिकतम तापमान 45.7 डिग्री रहा, वहीं न्यूनतम तापमान 24.2 डिग्री रहा. 7 जून को अधिकतम तापमान 45.8 डिग्री रहा, वहीं न्यूनतम तापमान 24.3 डिग्री रहा. 8 जून को अधिकतम तापमान 44.9 डिग्री रहा, न्यूनतम तापमान 26.2 डिग्री रहा. इस तरह से तापमान में वृद्धि देखने को मिली है.
मौसम वैज्ञानिक से जानिए कब आएगा मानसून: भीषण गर्मी के बीच मानसून का बड़ी बेसब्री से इंतजार है. जिससे लोगों को भीषण गर्मी से राहत मिल सके, ऐसे में मौसम वैज्ञानिक गुरप्रीत सिंह गांधी बताते हैं कि वर्तमान स्थिति की बात करें, तो कर्नाटक के दक्षिणी एरिया में लगभग 5 दिन से मानसून वहां से आगे नहीं बढ़ा है. अपने प्रदेश या अपने जिले की बात की जाए तो 15 जून से 20 जून के आसपास मानसून मध्य प्रदेश में आने की संभावना है.
भीषण गर्मी को लेकर आने वाले 3 से 4 दिनों में मौसम में बदलाव की संभावना है. क्योंकि अभी राजस्थान और उत्तर प्रदेश के ऊपर जो एक परिसंचरण तंत्र स्थापित है. इसलिए यहां पर ज्यादा गर्मी पड़ रही है और आने वाले 3 से 4 दिनों में मौसम में बदलाव की संभावना है और तापमान गिरने की संभावना भी है.
- गुरप्रीत गांधी, मौसम वैज्ञानिक
ज्योतिषाचार्य से जानिए कब आएगा मानसून: मानसून को लेकर ज्योतिषाचार्य पंडित सुशील शुक्ला शास्त्री बताते हैं कि ज्योतिष के अनुसार जो समय चल रहा है, उसके मुताबिक 20 जून से 22 जून तक मानसून अपने यहां आ जाएगा और वर्षा होगी. पंचांग के अनुसार मानसून केरल तक आ चुका है, आगे बढ़ रहा है. जिसके बाद झमाझम वर्षा होगी, गर्मी से लोगों को काफी राहत मिलेगी, नवतपा में जिस तरह मौसम बदला था, उसे देखते हुए तो बारिश की संभावना पहले तो छुटपुट थी, लेकिन जैसे ही नौतपा समाप्त हुआ कुछ गर्मी और बढ़ी, गर्मी का प्रभाव थोड़ा तेज हुआ है. ऐसे में ज्योतिष के हिसाब से बारिश का अनुमान मौजूदा साल 75 परसेंट होने का पूर्ण अनुमान है.
गर्मी से सेहत का ऐसे रखें ख्याल: आयुर्वेद डॉक्टर अंकित नामदेव इस भीषण गर्मी और वर्तमान मौसम को लेकर कहते हैं कि, जिस तरह से मौसम बदल रहा है और नौतपा के समय में बारिश हुई, वापस फिर से गर्मी स्टार्ट हो गई है. इसे रितु विपर्याय कहते हैं, मतलब रितु अपने प्राकृतिक गुणधर्म को ना शो करते हुए, विकृत गुणधर्म को शो कर रही है. इस तरह से न केवल बच्चे बल्कि वयस्क वृद्ध लोगों की सेहत पर बुरा असर पड़ता है. इस मौसम में लू लगना, अचानक से फीवर आना, डीहाइड्रेशन होना, उल्टी दस्त होना, बुखार आने जैसी बीमारियां बहुत तेजी से फैलती हैं.
गर्मी से लोगों को खुद को बचाव करना चाहिए, घर से बाहर निकलें तो मुंह पर कुछ ढ़ककर निकले. कपड़ा, छाता का प्रयोग करें, जिससे डायरेक्ट धूप हमारे ऊपर न पड़े. इस भीषण गर्मी के बीच कहीं बाहर से अगर वापस घर आते हैं, तो आराम करने के बाद ही पानी का सेवन करें. आते ही पानी न पिएं, बाहर धूप में खड़े होकर ज्यादा ठंडा पानी पीना, गन्ने का रस पीना या बाहर ठंडी रेफ्रिजरेटर की चीजें लेने से परहेज करें. इससे तुरंत लू लगने की संभावना बनी रहती है.
- अंकित नामदेव, आयुर्वेद डॉक्टर
सभी को विशेष ध्यान रखने की जरूरत: बच्चों पर इस मौसम का सबसे ज्यादा असर पड़ता है. जिससे उल्टी-दस्त और डिहाइड्रेशन, चक्कर आना, खून की कमी होना, कुपोषण जैसा माहौल एक तरह से बनते जा रहा है. इस टाइम पर जितना हो सके बच्चों का ख्याल रखना चाहिए. कुछ ऐसे पेय पदार्थ हैं, जिनका निरंतर सेवन करना चाहिए. जैसे कि शिकंजी हो या नारियल पानी, लस्सी हो गया छांछ इनका सेवन करने से डिहाइड्रेशन का खतरा कम हो जाता है. बच्चों के लिए सबसे अच्छा तो यही है कि उनको फ्रेश फ्रूट्स खिलाया जाए, जिससे बॉडी में एनर्जी और न्यूट्रिशन लेवल बना रहे.