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जंगल में तेंदूपत्ता तोड़ने गए ग्रामीणों के सामने आ गए बाघ, वन विभाग ने बचाई जान - tendupatta collection in shahdol

शहडोल जिले के ब्यौहारी उप वन मंडल में तेंदूपत्ता तोड़ने गए ग्रामणों के बीच उस वक्त हड़कंप मच गया जब उनके सामने अचानक बाघ आ गए. आनन-फानन में वन विभाग को इसकी सूचना दी गई, जिसके बाद बाघों को मौके से भगाया गया.

tigers spotted
तेंदूपत्ता तोड़ने गए ग्रामीण के सामने बाघ
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Published : May 26, 2020, 1:46 PM IST

शहडोल। जिले के ब्यौहारी उप वन मंडल के बोचरो चींटीमार गांव के ग्रामीण जंगल में तेंदूपत्ता तोड़ने गए थे, तभी अचानक से वहां चार बाघ आ गए, बाघों को देखकर कुछ ग्रामीण तो उल्टे पांव वहां से भाग गए, लेकिन कुछ ग्रामीण युवा वहीं पेड़ में चढ़ गए. युवा बाघों का वीडियो बनाने लगे और वन विभाग की टीम को इसकी जानकारी दी. करीब आधे घंटे तक बाघ आसपास ही घूमते रहे, जिसके बाद वन विभाग की टीम पहुंची और बाघों को वहां से भगाया गया.

तेंदूपत्ता तोड़ने गए ग्रामीण के सामने बाघ

इन दिनों तेंदूपत्ता की तुड़ाई चल रही है और ग्रामीण जंगलों में तेंदूपत्ता तोड़ने जाते हैं. यह घटना इसी दौरान घटी, जब महिलाएं और बच्चे तेंदूपत्ता तोड़ रहे थे, तभी 4 बाघ एक साथ वहां पहुंच गए. ब्यौहारी एसडीओ विद्या भूषण मिश्रा ने बताया कि बनास नदी इस गांव से गोकर बहती है और पिछले 20 दिन से एक बाघिन अपने चार बच्चों के साथ बनास नदी के किनारे ही रह रही है.

वहीं आजकल तेंदूपत्ता का संग्रहण भी चल रहा है. इसी बीच चार बाघ आ गए और ग्रामणों के बीच पहुंच गए, जिन्हें देख कुछ ग्रामीण तो वहां से भाग गए, लेकिन कुछ युवा ग्रामीण पेड़ पर चढ़ गए. बता दें कि यहां कारीडोर की सीमाएं लगी हुई हैं और जंगली जानवरों का आना जाना लगा ही रहता है, जो तेंदूपत्ता संग्राहकों के लिए थोड़ी चिंता का विषय है.

शहडोल। जिले के ब्यौहारी उप वन मंडल के बोचरो चींटीमार गांव के ग्रामीण जंगल में तेंदूपत्ता तोड़ने गए थे, तभी अचानक से वहां चार बाघ आ गए, बाघों को देखकर कुछ ग्रामीण तो उल्टे पांव वहां से भाग गए, लेकिन कुछ ग्रामीण युवा वहीं पेड़ में चढ़ गए. युवा बाघों का वीडियो बनाने लगे और वन विभाग की टीम को इसकी जानकारी दी. करीब आधे घंटे तक बाघ आसपास ही घूमते रहे, जिसके बाद वन विभाग की टीम पहुंची और बाघों को वहां से भगाया गया.

तेंदूपत्ता तोड़ने गए ग्रामीण के सामने बाघ

इन दिनों तेंदूपत्ता की तुड़ाई चल रही है और ग्रामीण जंगलों में तेंदूपत्ता तोड़ने जाते हैं. यह घटना इसी दौरान घटी, जब महिलाएं और बच्चे तेंदूपत्ता तोड़ रहे थे, तभी 4 बाघ एक साथ वहां पहुंच गए. ब्यौहारी एसडीओ विद्या भूषण मिश्रा ने बताया कि बनास नदी इस गांव से गोकर बहती है और पिछले 20 दिन से एक बाघिन अपने चार बच्चों के साथ बनास नदी के किनारे ही रह रही है.

वहीं आजकल तेंदूपत्ता का संग्रहण भी चल रहा है. इसी बीच चार बाघ आ गए और ग्रामणों के बीच पहुंच गए, जिन्हें देख कुछ ग्रामीण तो वहां से भाग गए, लेकिन कुछ युवा ग्रामीण पेड़ पर चढ़ गए. बता दें कि यहां कारीडोर की सीमाएं लगी हुई हैं और जंगली जानवरों का आना जाना लगा ही रहता है, जो तेंदूपत्ता संग्राहकों के लिए थोड़ी चिंता का विषय है.

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