शहडोल। शनि की दृष्टि जब किसी राशि पर पड़ जाती है तो उस राशि के जातक के बुरे दिन शुरू हो जाते हैं, या यूं कहें कि मुश्किल घड़ी शुरू हो जाती है. ऐसे ही शनि जब वक्री होते हैं तो किस तरह से नुकसान पहुंचाते हैं, शनि की ढैया और साढ़ेसाती में किस तरह का नुकसान होता है, साथ ही शनि किन्हें परेशान करते हैं और किन्हें छोड़ देते हैं और शनि दोष को ख़त्म करने क्या-क्या उपाय किए जा सकते हैं, वो कौन से सरल उपाय हैं जिन्हें आप खुद अपने घर में ही कर सकते हैं या अपने आसपास कर सकते हैं, कैसे शनि दोष से पाएं मुक्ति जानिए ज्योतिषाचार्य सूर्यकांत शुक्ला से.-
शनि सिर्फ इन्हें सताते हैं: ज्योतिषाचार्य पंडित सूर्यकांत शुक्ला बताते हैं कि शनि वैसे तो सूर्य के पुत्र हैं, वैसे तो ज्यादातर लोग शनि को तेज ग्रह मानते हैं, शनि को कष्टकारी ग्रह मानते हैं, जबकि ऐसा नहीं है शनि न्याय के देवता कहलाते हैं, अगर जातक ने अपने जीवन में, सिर्फ पुण्य कार्य ही किए हैं तो शनि आपको श्रेष्ठतम फल देते हैं, और आपके भाग्य फल का निर्माण करते हैं. वहीं जातक अगर पाप कर्म में लिप्त है तो शनिदेव उन्हें दंड भी देते हैं, इसलिए शनि को सबसे तेज और डरावना ग्रह बताया जाता है जबकि शनिदेव की शरण में जो गया है निश्चित रूप से उनका कल्याण ही हुआ है.
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जब शनि वक्री दृष्टि पर चलते हैं: ज्योतिषाचार्य के अनुसार, शनि जब किसी पर वक्री दृष्टि पर चलते हैं, तो निश्चित रूप से उस जातक की कुंडली को प्रभावित करते हैं. शनि के दोष की बात करें तो लोहे से संबंधित वस्तुओं में घात करते हैं, या व्यक्तियों के बने हुए काम को बिगाड़ते हैं. अनेक प्रकार के संकट अगर शनि देना चाहें तो देते हैं, मृत्यु तुल्य कष्ट भी शनि देव देते हैं, इसलिए भी लोग शनि की साढ़ेसाती शनि की ढैया में अनेक प्रकार के पूजन का विधान करवाते हैं और शनि की शांति करवाते हैं.
शनि दोष को खत्म करने के उपाय: अगर किसी के पास शनि मंत्र का जाप कराने का समर्थ नहीं है, तो भगवान भोलेनाथ को शनिवार के दिन गाय का घी और साथ में शमी का पत्र लेकर के अर्पित करें. ओम नमः शिवाय पंचाक्षरी इस पांच अक्षर (न, म, शि, व और य) के मंत्र का 11 बार उच्चारण करें और फिर भगवान भोलेनाथ के शरण में बैठकर के सभी ग्रहों की शांति के लिए प्रार्थना कर सकते हैं. इसके अलावा अगर कहीं आपके आसपास शनि देव की मूर्ति हो शनि मंदिर हो तो वहां जाकर के और सरसों का तेल या राई का तेल या तिल का तेल लेकर के शनि भगवान को स्नान कराएं मंत्र का जाप कर लें, अगर ये भी नहीं हो सकता है तो संध्या के समय में गोधूलि बेला के समय में सिर्फ पुरूष वर्ग ये स्त्रियों के लिए निषेध है, पीपल के पास जाकर के एक दीया जला कर के शनि भगवान से प्रार्थना करें, इस प्रकार से भी जातक की कुंडली का शनि दोष समाप्त होता है.