शहडोल। कोरोना महामारी से लोगों को अब तक छुटकारा नहीं मिला है. वहीं नई बीमारी ने दस्तक दे दी है. ये बीमारी इंसानों में नहीं बल्कि डॉग्स में देखने को मिल रही है. डॉग्स में ये बीमारी आने के बाद उनके मालिक काफी परेशान हैं. आलम यह है कि अब मालिक अपने डॉग्स को दिखाने के लिए अस्पताल के चक्कर काटने को मजबूर हैं.
इंसान कोरोना से, तो डॉग्स घातक वायरस से परेशान
अलग-अलग तरह के ये डॉग्स एक ही बीमारी से परेशान हैं. उन्हें हर दिन बोतल चढ़ाई जा रही है, इंजेक्शन लगाए जा रहे हैं और तरह-तरह की दवाइयां भी दी जा रही हैं. लगातार 7 से 8 दिनों तक जब इनका इलाज होता है. उसके बाद ही ये ठीक हो पाते हैं. इस घातक वायरस का नाम पार्वो बताया जा रहा है.
शहडोल में पार्वो वायरस से ग्रसित अधिकतर डॉग्स इन दिनों देखने को मिल रहे हैं और पशु चिकित्सालय में इनका इलाज कराने के लिए भी काफी तादात में हर दिन लोग पहुंच रहे हैं. डॉग्स के मालिक ने बताया कि वह पिछले 2- 3 दिन से लगातार यहां इलाज के लिए आ रहे हैं. क्योंकि उनका पेट अचानक बुखार से पीड़ित हो गया. डॉग्स ने खाना खाना छोड़ दिया और उल्टियां करने लगा, जिसके चलते वह बेहद परेशान हैं. डॉक्टर ने उसे पार्वो नामक बीमारी से ग्रसित बताया और अब उसका इलाज चल रहा है. इसीलिए वह हर दिन अपने डॉग को यहां पर लाते हैं और जिस तरह से डॉक्टर ने सलाह दी है. उसके मुताबिक डॉग को बोतल चढ़वाते हैं, इंजेक्शन लगवाते हैं और फिर दवाइयां खिलाते हैं.
इस वायरस का कोई इलाज नहीं
वरिष्ठ पशु चिकित्सक डॉ. यूके मिश्रा बताते हैं कि डॉग्स में यह पार्वो नामक बीमारी है, जो एक वायरल डिजीज है और डॉग्स में ये जनरली होती ही है. ये बीमारी जनवरी और फरवरी में होती है. यह संक्रमित करने वाला होता है. इसके शुरुआती लक्षण ये हैं कि डॉग्स को शुरू में बुखार आएगा, उल्टी होना और दस्त होना है. इसका कोई पर्टिकुलर इलाज नहीं है. हम इनके पालकों को तो यही सलाह देते हैं कि इसके इलाज से बेहतर है इससे बचाव इसके लिए वैक्सीनेशन लगवाना.
यहां से आई बीमारी
डॉ. यूके मिश्रा बताते हैं कि पार्वो ये कोई नई बीमारी नहीं है बहुत पुरानी बीमारी है और उसका वैक्सीनेशन भी लगभग 30 से 40 सालों से हो रहा है. यह वायरस पहले उन डॉग्स में होता था, जो विदेशों से यहां इंपोर्ट किए गए. वहां से ये बीमारी यहां आई. पहले क्या था कि लिमिटेड डॉग्स में ही यह बीमारी होती थी, अब ये बीमारी डॉग्स में फैल गई है.
इसलिए हुआ खतरनाक
पार्वो वायरस नामक वाली यह बीमारी पिछले 1 साल से स्ट्रीट डॉग पर भी देखने को मिल रही है. यह अब ज्यादा खतरनाक हो चुकी है, वजह यह है कि जो स्ट्रीट डॉग्स होते हैं उनको इलाज तो मिलता ही नहीं है और न ही उनका कोई इलाज करवाने वाला होता है. इसलिए ज्यादा घातक होते हैं और इसमें पार्वो वायरस का संक्रमण फैलने का खतरा ज्यादा बना रहता है.
सावधान। ये खतरनाक है, जानलेवा है
एक ओर जहां कोरोना वायरस से पिछले 1 साल से इंसान परेशान हैं, तो वहीं दूसरी ओर अब डॉग्स भी वायरस वाली बीमारी से अछूते नहीं हैं.