शहडोल। दीपावली के दूसरे दिन मंगलवार 25 अक्टूबर को सूर्य ग्रहण पड़ रहा है. इस बार जो सूर्य ग्रहण होने जा रहा है वह कितने बजे से होगा, सूतक कब से लगेगा, साथ ही इस सूर्य ग्रहण का अलग-अलग राशियों पर अलग-अलग असर भी देखने को मिल सकता है. किस राशि के जातक के लिए इस सूर्य ग्रहण का कैसा असर होगा, किस तरह की सावधानी रखनी पड़ेगी इस सबके बारे में भगवताचार्य एवं ज्योतिषविद पंडित सूर्यकांत शुक्ला ने बताया है.
जानिए सूर्यग्रहण का समय: भगवताचार्य एवं ज्योतिषविद पंडित सूर्यकांत शुक्ला के मुताबिक अमावस्या जो कार्तिक मास की है इसमें सूर्य ग्रहण खंडाग्र सूर्य ग्रहण के नाम से जाना जाएगा. शाम को 4:23 से शाम 6:25 तक यह ग्रहण काल होगा. यह ग्रहण काल इसलिए भी विशेष है क्योंकि यह दीपावली के 1 दिन बाद पड़ने वाला सूर्य ग्रहण है.
सूर्यग्रहण का राशियों पर प्रभाव: भगवताचार्य एवं ज्योतिषविद पंडित सूर्यकांत शुक्ला बताते हैं कि, इस बार सूर्यग्रहण का 12 राशियों में अलग-अलग प्रभाव पड़ रहा है.
मेष राशि- इस बार का सूर्यग्रहण मेष राशि वालों के लिए बहुत ही शुभ है. धन आदि लाभ की सूचना इस ग्रहण से प्राप्त हो सकती है.
वृष राशि- वृष राशि के जो जातक हैं, उन्हें अपने साथी से सतर्क रहना होगा. इस बार के सूर्यग्रहण में उनके साथी से उन्हें कष्ट के योग बन सकते हैं.
मिथुन राशि: मिथुन राशि वालों के लिए यह ग्रहण शुभ होने वाला है.
कर्क राशि: कर्क राशि के जो जातक हैं इस बार के ग्रहण में उनकी प्रतिष्ठा में वृद्धि हो सकती है.
सिंह राशि: सिंह राशि के जातकों को इस बार के सूर्य ग्रहण में विशेष रूप से सावधानी रखनी है. किसी भी व्यक्ति से वाद विवाद नहीं करना है, यह ग्रहण इस राशि के जातकों के लिए विवाद की स्थिति निर्मित कर सकता है.
धनु राशि- धनु राशि के जो जातक हैं उनके मान सम्मान में वृद्धि हो सकती है. सुख समृद्धि की प्राप्ति हो सकती है.
मकर राशि- मकर राशि के जातकों को भी शुभ फल की प्राप्ति हो सकती है.
कुंभ राशि- कुंभ राशि के जो जातक है वो विशेष रूप से सावधान रहें. इस ग्रहण के कारण उनको आघात या फिर किसी प्रकार के भय इत्यादि से बचने की स्थिति निर्मित करनी होगी.
मीन राशि- मीन राशि के जातक किसी भी व्यक्ति से विवाद ना करें.
इस बार ग्रहण के कारण जो ग्रह इत्यादि हैं, वो प्रभावित हो रहे हैं. इन सभी राशियों को विशेष सावधान रहने की आवश्यकता है.
ग्रहण के इतने घंटे पहले सूतक: भगवताचार्य एवं ज्योतिषविद पंडित सूर्यकांत शुक्ला बताते हैं कि ये जो ग्रहण है, 25 अक्टूबर को शाम को 4:23 से जो लगेगा उसका सूतक 8 घंटे पहले माना जाता है. रोगी वृद्ध बीमार और गर्भवती महिलाएं अगर जल औषधी भोजन का प्रयोग करें तो उसमें तुलसीदल अवश्य डाल लें. सूतक काल प्रारम्भ होने के साथ ही प्रयास ये करें की भोजन इत्यादि ना करना पड़े और अगर अत्यंत आवश्यक है तो गंगाजल और तुलसी जल का उपयोग करें. ग्रहण काल के समय में मंदिरों के पट बंद होते हैं, नित्य कीर्तन करें अगर जानकार हैं तो गायत्री जप, अपने गुरु मंत्रों का जप या अपने गुरु मंत्र का जप शांतिपूर्वक ग्रहण के समय में करें.
दान का विशेष महत्व: ग्रहण के बाद दान का विशेष महत्व होता है. भागवताचार्य बताते हैं ग्रहण जब मोक्ष हो जाए तो उस समय दान इत्यादि करके ही भोजन या प्रसाद ग्रहण करें.