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कुपोषण और डायबिटीज के मरीजों के लिए वरदान है ये सुपरफूड, ओमेगा 3 और मिनरल्स से है भरपूर

कीनोवा चीनापोरियम एक ऐसा सुपरफूड है, जो डायबिटीज और कुपोषण के शिकार लोगों के लिए फायदेमंद है. इसमें पॉलीअनसैचुरेटेड फैट ओमेगा 3 और कई मिनरल्स पाए जाते हैं, जो सेहत के लिए काफी अच्छे होते हैं.

डायबिटीज के मजदूरों के लिए वरदान है ये सुपरफूड
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Published : Apr 9, 2019, 1:25 PM IST

Updated : Apr 10, 2019, 9:35 AM IST

शहडोल। इस आदिवासी अंचल में एक फसल वरदान साबित हो रही है. कीनोवा चिनापोरियम नाम की इस फसल में पॉलीअनसैचुरेटेड फैट ओमेगा 3 बहुत ज्यादा मात्रा में पाया जाता है. कृषि वैज्ञानिक डॉ मृगेंद्र सिंह का कहना है कि यह एक सुपरफूड है, जो डायबिटीज और कुपोषण का खात्मा करने की ताकत रखता है.

डायबिटीज के मरीजों के लिए वरदान है ये सुपरफूड

कीनोवा चिनापोरियम में ओमेगा 3 अधिक मात्रा में पाया जाता है. इसके साथ-साथ इसमें ज़िंक, मैंगनीज जैसे कई मिनरल्स पाए जाते हैं, जो लोगों की सेहत के लिए फायदेमंद हैं. इसकी खेती आसानी से की जा सकती है. यह फसल सिर्फ एक बारिश में ही तैयार हो जाती है. कीनोवा को किसी भी तरह से खाया जा सकता है. इसे चावल के रूप में इस्तेमाल कर सकते हैं. इस सुपरफूड की रोटी, खिचड़ी, डोसा, इडली जैसी कई चीज़ें बनाई जा सकती हैं.

कृषि वैज्ञानिक डॉक्टर मृगेंद्र सिंह का कहना है कि कीनोवा चिनापोरियम कुपोषण और डायबिटीज के मरीजों के लिए वरदान साबित हो सकता है. इसमें मौजूद मिनरल्स ऐसे मरीजों के लिए लाभकारी होते हैं. कृषि वैज्ञानिक डॉक्टर मृगेंद्र सिंह कहते हैं कि कीनोवा एक ऐसी फसल है जो किसानों की दिशा और दशा बदल सकती है.

शहडोल। इस आदिवासी अंचल में एक फसल वरदान साबित हो रही है. कीनोवा चिनापोरियम नाम की इस फसल में पॉलीअनसैचुरेटेड फैट ओमेगा 3 बहुत ज्यादा मात्रा में पाया जाता है. कृषि वैज्ञानिक डॉ मृगेंद्र सिंह का कहना है कि यह एक सुपरफूड है, जो डायबिटीज और कुपोषण का खात्मा करने की ताकत रखता है.

डायबिटीज के मरीजों के लिए वरदान है ये सुपरफूड

कीनोवा चिनापोरियम में ओमेगा 3 अधिक मात्रा में पाया जाता है. इसके साथ-साथ इसमें ज़िंक, मैंगनीज जैसे कई मिनरल्स पाए जाते हैं, जो लोगों की सेहत के लिए फायदेमंद हैं. इसकी खेती आसानी से की जा सकती है. यह फसल सिर्फ एक बारिश में ही तैयार हो जाती है. कीनोवा को किसी भी तरह से खाया जा सकता है. इसे चावल के रूप में इस्तेमाल कर सकते हैं. इस सुपरफूड की रोटी, खिचड़ी, डोसा, इडली जैसी कई चीज़ें बनाई जा सकती हैं.

कृषि वैज्ञानिक डॉक्टर मृगेंद्र सिंह का कहना है कि कीनोवा चिनापोरियम कुपोषण और डायबिटीज के मरीजों के लिए वरदान साबित हो सकता है. इसमें मौजूद मिनरल्स ऐसे मरीजों के लिए लाभकारी होते हैं. कृषि वैज्ञानिक डॉक्टर मृगेंद्र सिंह कहते हैं कि कीनोवा एक ऐसी फसल है जो किसानों की दिशा और दशा बदल सकती है.

Intro:Note_ एक बाईट कृषि वैज्ञानिक डॉक्टर मृगेंद्र सिंह की है।


कुपोषण और डायबिटीज जैसे मरीजों के लिए खास है ये सुपर फ़ूड, इस आदिवासी अंचल के लिए साबित हो सकता है वरदान !

शहडोल- शहडोल जिला आदिवासी अंचल के अंतर्गत आता है, अक्सर इस अंचल में कुपोषण की समस्या बहुतायत में देखने और सुनने को मिलती है जो इस क्षेत्र के स्वास्थ्य विभाग के लिए बड़ी चुनौती है। इसके अलावा डाइबिटीज जैसी बीमारी के मरीज़ भी जहां देखो वहां मिल जाएंगे, ऐसे में इस आदिवासी अंचल में कीनोवा की फसल वरदान साबित हो सकती है, ये फसल सुपर फ़ूड के तौर पर जाना जाता है क्योंकि इसमें प्रोटीन, वसा, फाइबर, साथ ही सबसे बड़ी चीज ओमेगा थ्री पाया जाता है, इसके अलावा इस फसल को कम संसाधन में लगाया जा सकता है, साथ ही अधिक उपज के साथ इसकी डिमांड भी मार्केट में बहुत ज्यादा है, और उससे भी बड़ी बात ये सुपर फ़ूड सेहत के लिए बहुत लाभकारी है।


Body:ये सुपर फ़ूड है सुपर स्पेशल

इस लहलहाती फसल को देखकर ही अंदाजा लगाया जा सकता है कि अगर सही तरीके से इसकी खेती की जाए तो इस फसल से बहुत लाभ कमाया जा सकता है पैसे के साथ साथ ये सुपर फ़ूड सेहत के लिए भी लाभकारी है साथ ही इसे लगाने से पकने तक कम संसाधन की जरूरत पड़ती है। शहडोल जिले में इस बार इस फसल को कृषि वैज्ञानिकों ने ट्रायल के तौर पर कुछ किसानों के यहां लगवाया गया था, जहां इस बार इसकी बंपर पैदावार हुई है जिसे लेकर किसानों का उत्साह तो बढ़ा ही है साथ ही वैज्ञानिक बताते हैं कि यहां की जलवायु और मिट्टी भी इसके लिए शानदार है अगर सही समय पर इसकी खेती की जाए तो इस फसल की अच्छी पैदावार हासिल कर सकते हैं।

इस फसल को लेकर वरिष्ठ कृषि वैज्ञानिक डॉक्टर मृगेंद्र सिंह बताते हैं कि कीनोवा को सुपर फ़ूड कहें तो सही होगा इसे कीनोवा चिनापोरियम भी कहते हैं।

इसकी सबसे बड़ी खासियत ये है कि इसको सुपर फ़ूड मदर ग्रेन भी कहा जाता है, मतलब इसमें प्रोटीन,वसा, फाइबर, ओमेगा थ्री, इसके अलावा इस सुपर फ़ूड में सोडियम, पौटेशियम, मैग्नीशियम,जिंक, आयरन, मैग्नीज, जैसे कई मिनरल्स पाए जाते हैं।

कृषि वैज्ञानिक डॉक्टर मृगेंद्र सिंह बताते हैं कि इसमें काफी मात्रा में माल न्यूट्रिशन पाया जाता है, इसके सेवन से मॉल न्यूट्रिशन से की कमी से होने वाली बीमारियां भी दूर होंगी।

कुपोषण और डायबिटीज में लाभकारी

कृषि वैज्ञानिक डॉक्टर मृगेंद्र सिंह बताते हैं कि इस सुपर फ़ूड में जितनी चीजें पाई जाती हैं वो सभी सेहत के लिए लाभकारी हैं इसके अलावा इस फ़ूड के सेवन से कुपोषण और डायबिटीज के मरीजों को फायदा मिलेगा।

किसान ले सकते हैं बम्पर पैदावार

कृषि वैज्ञानिक डॉक्टर मृगेंद्र सिंह कहते हैं कि क्रॉप डाई वर्सिफिकेसन में हम किसानों को वो फसल देना चाहते हैं जो कम संसाधनों में किसानों को अधिक फसल और अधिक मुनाफा दे सके, कीनोवा के इस फसल की बाजार में भी अच्छी कीमत मिलती है,एक एकड़ में करीब 8 से 10 क्विन्टल होता है। अगर समय से बोया जाए तो एक पानी में हो जाती है, और अगर दो पानी मिल जाये तो तो बम्पर क्रॉपिंग होती है।एक तरह से नया ऑप्शन किसानों को दिया गया है। ये फसल 90 से 100 दिन का है, और मौज़ूदा समय में मारकेट में ये फसल 50 से 60 रुपये किलो के हिसाब से बिकता है।

इसे किसी भी तरह से खाया जा सकता है

डॉक्टर मृगेंद्र सिंह कहते हैं की ये एक ऐसी फसल है जिसे बड़े ही आसानी से प्रोसेस किया जा सकता है, इसे जैसे धान गेंहू की तरह प्रोसेस नहीं करना पड़ता है। ये किसानों के लिए वरदान है, और सबसे बड़ी बात जो हम न्यूट्रिशन डेफिशिएंसी से जो आज तक सभी लोग जूझ रहे हैं,उसके लिए ये बहुत अच्छी फसल है ये अपने आप में एक औषधि भी है, अपने यहां लोग व्रत में अनाज नहीं खाते हैं, तो इसे आनाज़ की श्रेणी में नहीं रखा गया है। मतलब इसे व्रत में भी खाया जा सकता है।

इसका चावल, इसकी रोटी, खीर, इडली, डोसा जिस तरह से चाहें उसे प्रोसेस करके खा सकते हैं। एक तरह से कहा जाए तो अपने खान पान के तरीके के हिसाब से बनाकर इसे खा सकते हैं।





Conclusion:जानिए कहां होती है इसकी खेती

सुपर फ़ूड कीनोवा की खेती अर्जेंटीना, चिली, और साउथ अमेरिका में अधिकता में होती है इसके अलावा भारत में आंध्रप्रदेश, तमिलनाडु, कर्नाटका, और राजस्थान में इसकी खेती प्रमुखता से की जाती है और अब आदिवासी अंचल शहडोल में इसकी खेती शुरू कर दी गई है।


किसानों की दशा और दिशा बदल सकता है

वरिष्ठ कृषि वैज्ञानिक डॉक्टर मृगेंद्र सिंह कहते हैं कि कीनोवा एक ऐसी फसल है जो किसानों की दिशा और दशा बदल सकती है, इस आदिवासी अंचल में ये फसल वरदान साबित हो सकती है क्योंकि जलवायु और मिट्टी दोनों इस फ़सल के लिए यहां की उपयुक्त है, इस फसल में पानी की ज्यादा जरूतत भी नहीं पड़ती और उससे भी बड़ी बात सेहत के लिए इसका सेवन शानदार है, अच्छे से खेती करें तो बम्पर पैदावार भी ले सकते हैं साथ ही बाज़ार में इसे बेचकर अच्छे दाम भी हासिल कर सकते हैं।
Last Updated : Apr 10, 2019, 9:35 AM IST
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