शहडोल। आदिवासी बाहुल्य शहडोल ऐतिहासिक पुरातात्विक, भौगोलिक और सांस्कृतिक तौर पर बहुत समृद्ध है. जहां पर्यटन की अपार संभावनाएं भी हैं. यहां ऐसी कई जगहें हैं जिन्हें देखकर टूरिस्ट आश्चर्य में पड़ जाते हैं. शहडोल संभाग में मौजूद उमरिया, बांधवगढ़ और अनूपपुर में मां नर्मदा का उद्गम स्थल अमरकंटक पर्यटकों के लिए जन्नत हैं. ये जगहें पर्यटकों के घूमने के लिए बेहद खास हैं, हालांकि प्रशासन की उदासीनता के चलते सुविधाओं का अभाव और प्रचार की कमी से शहडोल के कई इलाके अभी पर्यटकों की नजरों से अछूते हैं.
![The temple is special for tourism](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/mp-sha-02-paryatan-pkg-7203529_24122021073143_2412f_1640311303_93.jpg)
![Shahdol Temple Art](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/mp-sha-02-paryatan-pkg-7203529_24122021073143_2412f_1640311303_1086.jpg)
खास हैं यहां के मंदिर
शहडोल संभाग को बहुत ही करीब से जानने वाले पुरातत्वविद (archaeologist) रामनाथ सिंह परमार बताते हैं कि, शहडोल का प्राचीन नाम नगरी विराट नगरी के नाम से प्रसिद्ध है और यहां पर पुरातत्व और पर्यटन की दृष्टि से बहुत ही महत्वपूर्ण केंद्र बन सकता है. यहां पर प्राकृतिक धरोहर है और अगर पर्यटन की दृष्टि से देखा जाए तो यहां ऐतिहासिक, पुरातात्विक के साथ ईकोटूरिज्म भी है, जो काफी महत्वपूर्ण है.
![Kankali Devi Temple](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/mp-sha-02-paryatan-pkg-7203529_24122021073143_2412f_1640311303_944.jpg)
![Ardhanareshwar Shivling](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/mp-sha-02-paryatan-pkg-7203529_24122021073143_2412f_1640311303_507.jpg)
यहां पर आए पर्यटक अगर शहडोल मुख्यालय को केंद्र मानकर घूमना चाहते हैं, तो उनके लिए पर्यटन का बहुत बड़ा केंद्र मिल जाएगा. यहां पर कई प्रसिद्ध मंदिर हैं, जिसमें कलचुरि कालीन चमत्कारी ऐतिहासिक विराट मंदिर, बाणगंगा ऐतिहासिक कुंड, सोहागपुर की प्राचीन गढ़ी, साथ ही बावड़ी स्थित है. इसके अलावा यहां पास में स्थित बूढ़ी माई मंदिर, जिला पुरातत्व संग्रहालय मोहन राम मंदिर, पंचायती मंदिर है. जिला मुख्यालय के चारों दिशाओं में जो कलचुरि कालीन गणेश जी की प्रतिमा स्थापित हैं, वह भी अद्भुत है.
![Natural Beauty in Shahdol](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/mp-sha-02-paryatan-pkg-7203529_24122021073143_2412f_1640311303_939.jpg)
![Madhya Pradesh Tourist Places](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/mp-sha-02-paryatan-pkg-7203529_24122021073143_2412f_1640311303_369.jpg)
शहडोल मुख्यालय से दक्षिण की ओर कंकाली देवी मंदिर पर्यटन का बड़ा केंद्र है. इस चमत्कारी मंदिर के बाद सिंहपुर, पचमठा और देवी जी का मंदिर है जो ऐतिहासिक स्थल है. मंदिरों के साथ-साथ यहां की गुफाएं भी काफी आकर्षण का केंद्र है. लखबरिया में एक गुफा मंदिर है जिसे अर्धनारेश्वर शिवलिंग कहा जाता है. यहां पर एक लाख गुफाएं हैं, जिसकी वजह से इसका नाम लखबरिया पड़ा. (Shahdol famous places to visit)
![Shahdol Caves](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/mp-sha-02-paryatan-pkg-7203529_24122021073143_2412f_1640311303_581.jpg)
![Virateshwar Mandir, Shahdol](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/mp-sha-02-paryatan-pkg-7203529_24122021073143_2412f_1640311303_914.jpg)
अद्भुत है कलचुरि काल का विराटेश्वर शिव मंदिर, एक साथ 12 ज्योतिर्लिंगों के होते हैं दर्शन
इसके अलावा जैतपुर के पास पुरातत्व और पर्यटन की दृष्टि से भटिया देवी मंदिर है. शहडोल से उत्तर की ओर जयसिंह नगर के पास घाटी डोंगरी में देवी मंदिर, साथ ही उसी के पास कई पुराने फॉसिल्स वाले क्षेत्र भी हैं, जिसे देखना खास होगा. वहीं पर राम पथ गमन जो की गांधीया नामक स्थान पर है, जहां राम भगवान अपने वनवास के दौरान रुके हुए थे, वह भी पर्यटन का बड़ा केंद्र बन सकता है. ब्यौहारी की ओर थोड़ा और आगे चलें तो प्राचीन स्थल गैबी नाथ जी की गुफाएं हैं और वहीं पर गोदावल का मंदिर और मेला स्थान भी है. मऊ में पुरातत्व स्थल है जो राज्य की ओर से संरक्षित भी है. जहां पर छठवीं सदी से लेकर 13वीं और 14वीं सदी तक के कला शिल्प और मंदिर वास्तु देखने को मिलती है.
![Kalchuri Temple](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/mp-sha-02-paryatan-pkg-7203529_24122021073143_2412f_1640311303_995.jpg)
![Madhya Pradesh Tribe](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/mp-sha-02-paryatan-pkg-7203529_24122021073143_2412f_1640311303_633.jpg)
शहडोल की खूबसूरती एक्सप्लोर होना बाकी है
उमरिया जिले में स्थित बांधवगढ़ नेशनल पार्क भी बहुत अच्छा है. यहां भी बहुत सारी चीजें हैं, जो घूमने के लिए है. इसके अलावा शहडोल से अनूपपुर जिले में स्थित अमरकंटक जो दर्शनीय स्थल है, जहां से नर्मदा जी का उद्गम हुआ है, सोनभद्र का उद्गम हुआ है, वहां भी आसानी से पहुंचा जा सकता है. इसके अलावा दसरथ घाट जहां वनवास के दौरान श्रीराम रुके हुए थे, वहां सोनभद्र और जोहिला का संगम भी देखने को मिलेगा, क्योंकि दोनों जगहों के लिए यहां से आने जाने की भी व्यवस्था है. ऐसे में शहडोल को पर्यटन केंद्र के तौर पर डेवलप किया जाए. अगर आपको एमपी का दिल देखना है तो आदिवासी बाहुल्य शहडोल संभाग घूमने जरूर आएं.