शहडोल। एसईसीएल के अधिकरियों के प्रताड़ना से तंग आकर एक आदिवासी किसान ने आत्मदाह की चेतवानी दी है. आदिवासी किसान ने एसईसीएल के अधिकारियों पर कई गंभीर आरोप लगाते हुए जिला प्रशासन से मदद की गुहार लगाई है. आदिवासी किसान की साढ़े 3 एकड़ भूमि एसईसीएल ने अधिग्रहण की है. मुआवजा प्रक्रिया भी सम्पूर्ण हो गई थी. इसके बाद भी एसईसीएल में कुछ अधिकारी मुआवजा की राशि देने से आनाकानी कर रहे हैं. आदिवासी किसान ने आरोप लगाया है कि अधिकारी लाखों रुपए की मांग कर रहे है, जमीन अधिग्रहण करने के बाद मुआवजा भुगतान नहीं किए जाने से आहत आदिवासी किसान ने 4 मई को आत्मदाह की चेतावनी दी है. (Shahdol farmer warned of self immolation)
एसईसीएल के अधिकरियों पर लगाए गंभीर आरोप: शहडोल संभाग के अनूपपुर के ग्राम बकही के रहने वाले मान सिह गोंड़ की साढ़े 3 एकड़ जमीन 2018 में एसईसीएल ने अधिग्रहण की थी. जिसके बदले में उसे मुआवजा और नौकरी देने बात कही गई थी. 4 साल बीत जाने के बाद भी आज तक आदिवासी किसान को न तो नौकरी मिली और न ही मुआवजा. जिसके लिए वह कई बार अधिकारियों के कार्यालय के चक्कर लगाकर थक चुका है. मान सिंह का आरोप है कि एसईसीएल के उप क्षेत्रीय प्रबंधक द्वारा मुआवजा की राशि देने के एवज में 1 लाख रुपए की मांग की जा रही है. मुआवजा, नौकरी दिए जाने के लिए पैसों की मांग किए जाने से आहत आदिवासी किसान अब मौत को गले लगाना चाहता है. किसान ने 4 मई को एसईसीएल सोहागपुर के जीएम ऑफिस के सामने आत्मदाह करने की चेतावनी दी है. जिसकी सूचना भी उसने पत्र लिखकर कलक्ट्रेट कार्यालय को भी दी है.
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एसईसीएल प्रबंधन ने आरोप को झूठलाया: इस मामले में एसईसीएल प्रबंधन कुछ भी कहने से मना कर रहा है. एसईसीएल के कार्मिक प्रबंधक के पद पर कार्यरत राजाराम चौरसिया का कहना है कि उनके ऊपर लगाए गए सभी आरोप निराधार हैं. सब एरिया जीएम पेमेंट रिलीज कराने के लिए सक्षम हैं वे आदेश कर दें, तो मैं अभी पेमेंट रिलीज करा दूंगा.