शहडोल। शहडोल कमिश्नर राजीव शर्मा बीते मंगलवार को ही सुर्खियों में आए थे, जब उन्होंने बताया था कि उन्होंने वीआरएस के लिए आवेदन किया है, और अब वो अपने गृह नगर में सामाजिक क्षेत्र में कार्य करना चाहते हैं. हालांकि उनके इस खबर के बाद कई अटकलें भी लोग लगाने लगे थे. लोगों का कहना है कि क्या अब एक और आईएएस अधिकारी राजनीतिक क्षेत्र में भाग्य आजमाने जा रहा हैं. फिलहाल इस खबर के बाद बुधवार को शहडोल कमिश्नर का तबादला मंत्रालय भोपाल में कर दिया गया है.
इन्हें मिला प्रभार: कमिश्नर राजीव शर्मा का तबादला मंत्रालय भोपाल में कर दिया गया है, अब उन्हें आगामी आदेश तक मध्य प्रदेश शासन के सचिव पद पर पदस्थ किया गया है, और उनकी जगह पर रीवा संभाग के कमिश्नर अनिल सुचारू को अतिरिक्त प्रभार शहडोल संभाग का भी दिया गया है.
वीआरएस की खबरों को लेकर आये सुर्खियों में: बता दें की शहडोल कमिश्नर राजीव शर्मा वीआरएस के आवेदन की खबरों को लेकर ही सुर्खियों में आए थे जब उन्होंने बताया था कि लगभग डेढ़ महीने पहले ही उन्होंने अपने नौकरी से वीआरएस लेने के लिए आवेदन किया है और उन्हें मध्य प्रदेश शासन से राज्य सरकार से काफी सकारात्मक उम्मीद भी थी कि उनका आवेदन स्वीकार कर लिया जाएगा.
भिंड जाना चाहते हैं राजीव शर्मा: कमिश्नर राजीव शर्मा ने का कहना है कि ''वह कई सालों तक प्रदेश के कई अलग-अलग स्थान पर काम कर चुके हैं और अब वह अपने गृह क्षेत्र भिंड में जाना चाहते हैं. जहां वह सामाजिक क्षेत्र से जुड़कर काम करना चाहते हैं. हालांकि जब राजनीतिक सवाल किया गया कि क्या वह चुनाव भी भविष्य में लड़ सकते हैं. इस पर उनका कहना था कि ''अगर उन्हें लगा कि उनके क्षेत्र का विकास राजनीति से जुड़कर ही संभव है तो वह इससे भी गुरेज नहीं करेंगे. फिलहाल अभी उन्होंने किसी प्रकार से राजनीति से जुड़ने से इनकार किया है और न ही चुनाव लड़ने की बात कही है.
वीआरएस के आवेदन के बाद लगाये जा रहे कयास: कमिश्नर राजीव शर्मा के वीआरएस के आवेदन की खबर मिलते ही अब लोग तरह-तरह के कयास भी लगा रहे हैं. ज्यादातर लोगों का यही कहना है कि एक और आईएएस अधिकारी अब राजनीतिक क्षेत्र में अपना भाग्य आजमाने जा रहा है. कुछ लोगों का तो यह भी मानना है कि आगामी विधानसभा चुनाव में ही राजीव शर्मा चुनाव लड़ सकते हैं. फिलहाल इन सभी कयासों से कमिश्नर राजीव शर्मा ने इनकार किया है, और उनका बस यही कहना है कि वो सामाजिक क्षेत्र से जुड़ना चाहते हैं. फिलहाल यह तो आने वाला वक्त ही बताएगा कि क्या राजीव शर्मा भी इस बार के विधानसभा के चुनाव में चुनावी मैदान पर रहेंगे या फिर वह सामाजिक कार्यों से ही जुड़ेंगे, देखना दिलचस्प होगा.