शहडोल। भोलेनाथ की लीला अपरंपार है, इसलिए शिव के भक्तों की भी कमी नहीं है. भगवान शिव शंकर को प्रसन्न करने के लिए शिव भक्त तरह-तरह के जतन करते हैं. कहा जाता है कि महादेव को श्रावण मास बहुत प्रिय है, इसलिए उनके भक्त महादेव को खुश करने के लिए श्रावण में विशेष पूजा-पाठ करते हैं. श्रावण माह में सोमवार का दिन विशेष माना जाता है. यही वजह है कि श्रावण के सभी सोमवारों को शिवालयों के बाहर जमकर भक्तों का तांता लगा रहता है.
आज श्रावण माह का दूसरा सोमवार है, जिसके लिए माना गया है कि इसका विशेष महत्व होता है और इस दिन भी शिवालयों में शिव भक्तों की भीड़ लगी रहती है. तो अगर आप शिव भक्त हैं और भगवान शिव को प्रसन्न करना चाहते हैं तो जानिए श्रावण के दूसरे सोमवार को शिव पूजा के लिए कितने से कितने बजे तक है शुभ मुहूर्त और किस समय शिव दर्शन और पूजा करने से मिलेगा विशेष फल.
जानिए शुभ मुहूर्त
ज्योतिषाचार्य ने बताया कि श्रावण के दूसरे सोमवर को सुबह 6 बजे से लेकर 8 के बीच एक मुहूर्त है, जोकि प्रदोष काल है. इसके बाद फिर दोपहर में 11 बजे से 1 बजे के बीच भी शुभ मुहूर्त है और शाम को 5 बजे से शाम 7 के बीच भी एक शुभ मुहूर्त है.
श्रावण के दूसरे सोमवार इस विधि से करें पूजा
ज्योतिषाचार्य पंडित सुशील शुक्ला शास्त्री ने बताया कि भगवान भोलेनाथ को प्रसन्न करने के लिए सबसे पहले काली मिट्टी मंगवाएं. उस काली मिट्टी से शिवलिंग बनाएं, उसमें 101 या 108 छोटे-छोटे शिवलिंग बना लें और फिर शिवलिंग बनाने के बाद उसमें चावल लगाएं. हर मूर्ति में चने की दाल लगाएं, इसके बाद प्राण प्रतिष्ठा कर दूध, दही, गंगाजल, शहद, शक्कर, पंचामृत, से स्नान कराएं. बेल पत्र के हर पत्ते में ओम नमः शिवाय या राम-राम सफेद चंदन से लिखकर शिव जी को चढ़ाएं. इससे भगवान भोलेनाथ प्रसन्न होते हैं.
काल सर्प दोष वाले ऐसे करें शांत
ज्योतिषाचार्य कहते हैं कि जिनके ऊपर काल सर्प दोष है, जिनको स्वप्न आते हैं वो आटे का सर्प बना लें और फिर शिव जी के ऊपर चढ़ाएं तो काल सर्प दोष में शांति मिलती है.
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शनि की साढ़े साती वाले करें ये उपाय
ज्योतिषाचार्य कहते हैं जिनके ऊपर शनि की साढ़े साती चल रही है, जैसे मकर राशि, कुंभ राशि, वृश्चिक राशि वाले जातकों को शिव जी की पूजा करके उड़द की दाल और काली तिल चढ़ाना चाहिए, इससे विशेष फल मिलता है. जो लोग श्रावण के दूसरे सोमवार को व्रत करते हैं वो लोग सायं कालीन चाहें तो प्रदोष काल जब खत्म हो जाये, शाम सात बजे के बाद रोटी, पराठा, पूरी को सेंधा नमक के साथ खा सकते हैं.