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Sarva Pitru Amavasya 2022: पितृ मोक्ष अमावस्या का दिन है विशेष, जानिए इस दिन तर्पण करने का क्या है महत्व

25 सितंबर को सर्व पितृ अमावस्या है. आश्विन मास की अमावस्या को पितृ पक्ष का समापन होता है, जिसे सर्व पितृ अमावस्या कहा जाता है. सर्व पितृ अमावस्या के दिन विशेष उपायों से पितरों को प्रसन्न कर सकते हैं. ईटीवी भारत पर जानिए ज्योतिषाचार्य पंडित सुशील शुक्ला शास्त्री से, Sarva Pitru Amavasya 2022, Pitru Moksha Amavasya People Will Do Pind Daan

Sarva Pitru Amavasya 2022
सर्व पितृ अमावस्या 2022
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Published : Sep 23, 2022, 7:21 AM IST

शहडोल। इन दिनों पितृपक्ष चल रहे हैं और अब पितृमोक्ष अमावस्या का दिन भी आने वाला है जो काफी विशेष माना गया है. आखिर पितृ मोक्ष अमावस्या का दिन क्यों है विशेष, इस दिन तर्पण करने का क्या है महत्व, किन चीजों को चढ़ाने से मिलती है मुक्ति और इस दिन को अज्ञात दिन क्यों माना जाता है. आखिर इस विशेष दिन किसी का भी श्राद्ध तर्पण क्यों किया जा सकता है. इन सब बातों के जवाब जानिए ज्योतिषाचार्य पंडित सुशील शुक्ला शास्त्री से. (25 September Pitru Moksha Amavasya)

सर्व पितृ अमावस्या 2022

25 सितंबर को पितृ मोक्ष अमावस्या: ज्योतिषाचार्य पंडित सुशील शुक्ला शास्त्री बताते हैं कि, 25 सितंबर को पितृ मोक्ष अमावस्या है. जैसे दीपावली, दशहरा अन्य त्योहार होते हैं, यह देवताओं के शुभ माने जाते हैं, ठीक उसी तरह 25 सितंबर 2022 को सर्व पितृ मोक्ष अमावस्या का दिन है. इस दिन को अज्ञात तिथि भी माना जाता है, अगर किसी व्यक्ति की मृत्यु पंचमी, अष्टमी, एकादशी या किसी भी दिन हुई हो और पता ना हो मतलब मृत्यु की तिथि अज्ञात हो कि मौत के दिन कौन सी तिथि थी, तो शास्त्रों में लिखा है कि पितृ मोक्ष अमावस्या के दिन इनका श्राद्ध किया जाए. (Sarva Pitru Amavasya 2022)

पितृ मोक्ष अमावस्या के दिन करें ये काम: ज्योतिषाचार्य के मुताबिक इस दिन सर्वप्रथम लोग स्नान करें. बाल बनवाए, दाढ़ी बनवाऐं, इसके बाद पीपल के पेड़ के पास जाकर के एक पिंड दान करें, या फिर पिंडदान नहीं कर पाते हैं तो पीपल में जल चढ़ाएं, दूध चढ़ाएं, तिली, चावल, जौ भी चढ़ाएं.

तिल, जौ, चावल चढ़ाने का महत्व: ज्योतिषाचार्य के मुताबिक तिल चढ़ाने से जितने भी पितृ हैं, वो संतुष्ट होते हैं. जौ चढ़ाने से जितने ऋषि होते हैं, वे प्रसन्न होते हैं और चावल चढ़ाने से जो देवता होते हैं, वे खुश होते हैं. क्योंकि मनुष्य के ऊपर तीन ऋण चढ़ा रहता है, देव ऋण, पितृ ऋण और ऋषि ऋण तो अमावस्या के दिन तिल, जौ, और चावल चढ़ा देने से तीनों ऋणों से मोक्ष गति मिलती है. (Pitru Moksha Amavasya 2022)

MP News:पन्ना में अनोखी परंपरा, जहां पितृ पक्ष में भगवान करते हैं पूर्वजों का तर्पण

पितृ मोक्ष अमावस्या के दिन तर्पण का महत्व: ज्योतिषाचार्य पंडित सुशील शुक्ला शास्त्री बताते हैं कि जिनका हम श्राद्ध करते हैं, तर्पण करते हैं अमावस्या के दिन अगर ऐसा कर दिया जाए, तो वे सीधे बैकुंठ लोक में पहुंचते हैं. उनकी गति बन जाती है, उनको नरक की यात्रा नहीं भोगनी पड़ती है. उनको यमदूत परेशान नहीं करते हैं और वो बैकुंठ में जाकर निवास करते हैं. 25 सितंबर 2022 को जो पितृ मोक्ष अमावस्या का दिन आ रहा है, यह सभी वर्ग के लोगों के लिए है चाहे ब्राह्मण हो, क्षत्रिय हो, शूद्र हो या वैश्य हो, सभी वर्णों के लिए यह तिथि प्रशस्त मानी गई है. इस दिन यह सब विशेष करने से पितरों को मोक्ष गति मिलती है, इसलिए इस तिथि को तर्पण जरूर करना चाहिए. इस तिथि को विशेष माना गया है. (Pitru Moksha Amavasya People Will Do Pind Daan)

शहडोल। इन दिनों पितृपक्ष चल रहे हैं और अब पितृमोक्ष अमावस्या का दिन भी आने वाला है जो काफी विशेष माना गया है. आखिर पितृ मोक्ष अमावस्या का दिन क्यों है विशेष, इस दिन तर्पण करने का क्या है महत्व, किन चीजों को चढ़ाने से मिलती है मुक्ति और इस दिन को अज्ञात दिन क्यों माना जाता है. आखिर इस विशेष दिन किसी का भी श्राद्ध तर्पण क्यों किया जा सकता है. इन सब बातों के जवाब जानिए ज्योतिषाचार्य पंडित सुशील शुक्ला शास्त्री से. (25 September Pitru Moksha Amavasya)

सर्व पितृ अमावस्या 2022

25 सितंबर को पितृ मोक्ष अमावस्या: ज्योतिषाचार्य पंडित सुशील शुक्ला शास्त्री बताते हैं कि, 25 सितंबर को पितृ मोक्ष अमावस्या है. जैसे दीपावली, दशहरा अन्य त्योहार होते हैं, यह देवताओं के शुभ माने जाते हैं, ठीक उसी तरह 25 सितंबर 2022 को सर्व पितृ मोक्ष अमावस्या का दिन है. इस दिन को अज्ञात तिथि भी माना जाता है, अगर किसी व्यक्ति की मृत्यु पंचमी, अष्टमी, एकादशी या किसी भी दिन हुई हो और पता ना हो मतलब मृत्यु की तिथि अज्ञात हो कि मौत के दिन कौन सी तिथि थी, तो शास्त्रों में लिखा है कि पितृ मोक्ष अमावस्या के दिन इनका श्राद्ध किया जाए. (Sarva Pitru Amavasya 2022)

पितृ मोक्ष अमावस्या के दिन करें ये काम: ज्योतिषाचार्य के मुताबिक इस दिन सर्वप्रथम लोग स्नान करें. बाल बनवाए, दाढ़ी बनवाऐं, इसके बाद पीपल के पेड़ के पास जाकर के एक पिंड दान करें, या फिर पिंडदान नहीं कर पाते हैं तो पीपल में जल चढ़ाएं, दूध चढ़ाएं, तिली, चावल, जौ भी चढ़ाएं.

तिल, जौ, चावल चढ़ाने का महत्व: ज्योतिषाचार्य के मुताबिक तिल चढ़ाने से जितने भी पितृ हैं, वो संतुष्ट होते हैं. जौ चढ़ाने से जितने ऋषि होते हैं, वे प्रसन्न होते हैं और चावल चढ़ाने से जो देवता होते हैं, वे खुश होते हैं. क्योंकि मनुष्य के ऊपर तीन ऋण चढ़ा रहता है, देव ऋण, पितृ ऋण और ऋषि ऋण तो अमावस्या के दिन तिल, जौ, और चावल चढ़ा देने से तीनों ऋणों से मोक्ष गति मिलती है. (Pitru Moksha Amavasya 2022)

MP News:पन्ना में अनोखी परंपरा, जहां पितृ पक्ष में भगवान करते हैं पूर्वजों का तर्पण

पितृ मोक्ष अमावस्या के दिन तर्पण का महत्व: ज्योतिषाचार्य पंडित सुशील शुक्ला शास्त्री बताते हैं कि जिनका हम श्राद्ध करते हैं, तर्पण करते हैं अमावस्या के दिन अगर ऐसा कर दिया जाए, तो वे सीधे बैकुंठ लोक में पहुंचते हैं. उनकी गति बन जाती है, उनको नरक की यात्रा नहीं भोगनी पड़ती है. उनको यमदूत परेशान नहीं करते हैं और वो बैकुंठ में जाकर निवास करते हैं. 25 सितंबर 2022 को जो पितृ मोक्ष अमावस्या का दिन आ रहा है, यह सभी वर्ग के लोगों के लिए है चाहे ब्राह्मण हो, क्षत्रिय हो, शूद्र हो या वैश्य हो, सभी वर्णों के लिए यह तिथि प्रशस्त मानी गई है. इस दिन यह सब विशेष करने से पितरों को मोक्ष गति मिलती है, इसलिए इस तिथि को तर्पण जरूर करना चाहिए. इस तिथि को विशेष माना गया है. (Pitru Moksha Amavasya People Will Do Pind Daan)

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