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बारिश में नाला बन जाता है ये रेलवे अंडर पास, जान हथेली पर लेकर लोग करते हैं पार - बारिश के मौसम में रेलवे अंडर पास का हाल

शहडोल में हल्की सी बारिश भी शहरवासियों के लिए मुसीबत बन जाती है क्योंकि पोंडा नाला रेलवे अंडर पास पानी से लबालब भर जाता है. जिससे लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ता है.

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पोंडा नाला रेलवे अंडर पास
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Published : Aug 12, 2020, 8:52 PM IST

शहडोल। हल्की बारिश भी शहर के लिए मुसीबत बन जाती है और पोंडा नाला रेलवे अंडर पास से गुजरने वाले यात्रियों के लिए आफत बन जाती है. हालात ऐसे बन जाते हैं कि जैसे बाढ़ आ गई हो. अंडर पास पानी से लबालब भर जाता है. अगर यात्रियों को इसे पार करना हो तो सिर्फ दो ही रास्ते बचते हैं. एक तो जान हथेली पर लेकर पानी के बीच से निकलें या फिर टेंपररी रास्ता अख्तियार करें. जो और भी खतरनाक है क्योंकि रेलवे पटरी को पार करना होता है.

पोंडा नाला रेलवे अंडर पास

अंडर पास के साइड से सीढ़ियां लगी हुई हैं. बारिश के मौसम में यात्री इन सीढ़ियों के जरिए रेलवे पटरी को क्रॉस करते हुए इस पार से उस पार जाते हैं, ऐसे में कोई ट्रेन आ जाए तो कभी भी बड़ा हादसा हो सकता है, लेकिन शासन-प्रशासन का ध्यान इस तरफ नहीं है. खास बात ये है कि पोंडा नाला रेलवे अंडर पास शहडोल को छत्तीसगढ़, नागपुर, मंडला, डिंडौरी और जबलपुर से जोड़ता है. बावजूद इस मार्ग की ये दशा है. इससे शासन-प्रशासन की कार्यप्रणाली का अंदाजा लगाया जा सकता है.

Railway under pass condition during rainy season
बारिश के मौसम में रेलवे अंडर पास का हाल

यात्री जान हथेली पर लेकर इस अंडर पास को पार करते हैं, कभी बाइक बीच मझधार में बंद हो जाती है, किसी का एक्सीडेंट हो जाता है. कभी-कभार तो एंबुलेंस तक को पानी का स्तर कम होने तक घंटों इंतजार करना पड़ता है. अगर इस समय कोई इमरजेंसी हो तो भगवान ही मालिक है.

People waiting
इंतजार करते हुए लोग

स्थानीय लोग प्रशासन से गुहार लगाते-लगाते थक गए हैं. कई पीढ़ियां गुजर गईं, लेकिन समस्या का हल नहीं निकला, थक हारकर लोग इस अंडर पास को पोंडा नाला कहने लगे, जबकि वास्तविता ये है कि यहां कोई नाला नहीं है. सिर्फ एक रेलवे अंडर पास है. लेकिन बरसात में यहां के मंजर को देखते हुए लोग इसे स्थानीय भाषा में पोंडा नाला कहने लगे हैं. सोचा होगा कि प्रशासन पर इसका कोई असर पड़ेगा, लेकिन प्रशासन दो कदम आगे निकल गया और इसका नामकरण ही पोंडा नाला रेलवे अंडर पास कर अपना पल्ला झाड़ लिया.

शहडोल। हल्की बारिश भी शहर के लिए मुसीबत बन जाती है और पोंडा नाला रेलवे अंडर पास से गुजरने वाले यात्रियों के लिए आफत बन जाती है. हालात ऐसे बन जाते हैं कि जैसे बाढ़ आ गई हो. अंडर पास पानी से लबालब भर जाता है. अगर यात्रियों को इसे पार करना हो तो सिर्फ दो ही रास्ते बचते हैं. एक तो जान हथेली पर लेकर पानी के बीच से निकलें या फिर टेंपररी रास्ता अख्तियार करें. जो और भी खतरनाक है क्योंकि रेलवे पटरी को पार करना होता है.

पोंडा नाला रेलवे अंडर पास

अंडर पास के साइड से सीढ़ियां लगी हुई हैं. बारिश के मौसम में यात्री इन सीढ़ियों के जरिए रेलवे पटरी को क्रॉस करते हुए इस पार से उस पार जाते हैं, ऐसे में कोई ट्रेन आ जाए तो कभी भी बड़ा हादसा हो सकता है, लेकिन शासन-प्रशासन का ध्यान इस तरफ नहीं है. खास बात ये है कि पोंडा नाला रेलवे अंडर पास शहडोल को छत्तीसगढ़, नागपुर, मंडला, डिंडौरी और जबलपुर से जोड़ता है. बावजूद इस मार्ग की ये दशा है. इससे शासन-प्रशासन की कार्यप्रणाली का अंदाजा लगाया जा सकता है.

Railway under pass condition during rainy season
बारिश के मौसम में रेलवे अंडर पास का हाल

यात्री जान हथेली पर लेकर इस अंडर पास को पार करते हैं, कभी बाइक बीच मझधार में बंद हो जाती है, किसी का एक्सीडेंट हो जाता है. कभी-कभार तो एंबुलेंस तक को पानी का स्तर कम होने तक घंटों इंतजार करना पड़ता है. अगर इस समय कोई इमरजेंसी हो तो भगवान ही मालिक है.

People waiting
इंतजार करते हुए लोग

स्थानीय लोग प्रशासन से गुहार लगाते-लगाते थक गए हैं. कई पीढ़ियां गुजर गईं, लेकिन समस्या का हल नहीं निकला, थक हारकर लोग इस अंडर पास को पोंडा नाला कहने लगे, जबकि वास्तविता ये है कि यहां कोई नाला नहीं है. सिर्फ एक रेलवे अंडर पास है. लेकिन बरसात में यहां के मंजर को देखते हुए लोग इसे स्थानीय भाषा में पोंडा नाला कहने लगे हैं. सोचा होगा कि प्रशासन पर इसका कोई असर पड़ेगा, लेकिन प्रशासन दो कदम आगे निकल गया और इसका नामकरण ही पोंडा नाला रेलवे अंडर पास कर अपना पल्ला झाड़ लिया.

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