शहडोल। जिला मुख्यालय से सटे बैगा बाहुल्य गांव का कोटमा हाई स्कूल इन दिनों चर्चा में है. स्कूल स्टाफ की अनूठी पहल लोगों के बीच चर्चा का केंद्र बनी हुई है. क्योंकि नवरात्रि के अवसर पर स्टाफ रोज कन्या भोज कराता है, जिसका पूरा खर्च स्टाफ उठाता है.
कन्या भोज कराने से चर्चा का केंद्र बना ये सरकारी स्कूल, शिक्षक उठाते हैं पूरा खर्च
शहडोल के कोटमा हाई स्कूल में नवरात्र पर्व पर कन्या भोजन का आयोजन किया जाता है, जिसकी पूरी फंडिग स्कूल स्टाफ द्वारा की जाती है.
कोटमा हाई स्कूल
शहडोल। जिला मुख्यालय से सटे बैगा बाहुल्य गांव का कोटमा हाई स्कूल इन दिनों चर्चा में है. स्कूल स्टाफ की अनूठी पहल लोगों के बीच चर्चा का केंद्र बनी हुई है. क्योंकि नवरात्रि के अवसर पर स्टाफ रोज कन्या भोज कराता है, जिसका पूरा खर्च स्टाफ उठाता है.
Intro:Note_ वर्जन स्कूल के प्राचार्य संजय पांडे का है।
मध्यप्रदेश का एक ऐसा स्कूल, जहां स्कूल में ही बच्चों को कराया जाता है कन्या भोज, की जाती है पूजा, स्कूल स्टाफ उठाता है पूरा खर्च
शहडोल- किसी ने सच कहा है कि अगर मन में कुछ करने का ठान लिया जाए तो कुछ भी पॉसिबल है, शहडोल जिला मुख्यालय से सटे बैगा बाहुल्य गांव कोटमा के हाई स्कूल के इस अनूठे पहल को जानकर आप भी कह उठेंगे क्या ऐसा भी हो सकता है।
जिले का ये सरकारी स्कूल पहले ही नित नए कार्य के लिए फेमस है, और अब पिछले दो साल से नवरात्र के समय कन्या भोज को लेकर चर्चा में है। स्कूल के प्राचार्य संजय पांडे और उनके स्टाफ की अनूठी पहल लोगों के बीच चर्चा का केंद्र है। पिछले साल की तरह इस साल भी आज कोटमा हाई स्कूल में कन्या भोज का आयोजन किया गया, जहां कक्षा 1 से 5 साल तक कि कन्याओं को भोज कराया गया और फिर पूरे स्कूल के बच्चे और स्टाफ का सहभोज हुआ।
Body:जिला मुख्यालय से सटा कोटमा हाई स्कूल पहले ही अपने नए नए प्रयोग के लिए चर्चा में है, यहां के प्राचार्य की अनूठी पहल और स्टाफ के सहयोग से ये स्कूल आज पूरे प्रदेश में सबसे अलग सरकारी स्कूल बन चुका है, इस स्कूल को देखकर आप भी नहीं मानेंगे की क्या सरकारी स्कूल भी ऐसा हो सकता है, लेकिन यहां के प्राचार्य संजय पांडे की सोच की वजह से इस स्कूल की तस्वीर ही बदल गई है।
बैगा बाहुल्य इस स्कूल में शानदार क्लास रूम, पानी पीने के लिए नल, हाई टेक लाइब्रेरी, प्रयोगशाला, विद्यालय का साफ सुथरा कैम्पस, हर क्लास रूम में लगे पंखे, पर्दे स्कूल में अलग अलग जगहों पर बने पेंटिंग किसी का भी मन मोह लें। शायद यही वजह भी है कि ये सरकारी स्कूल आज अपनी अलग पहचान बना रहा है।
स्कूल की नई पहल
अक्सर अपने नवाचार के लिए पहचान रखने वाला ये सरकारी स्कूल आज नवरात्र के दिन कन्या भोज को लेकर फेमस है। कोटमा हाई स्कूल के प्राचार्य संजय पांडे बताते हैं कि पिछले साल से ही नवरात्र के दिन स्कूल में कन्या भोज का आयोजन कराया जाता है। इस साल भी कराया जा रहा है जहां कक्षा 1 से 5 तक कि कन्याओं को पहले विधिवत उनकी पूजा अर्चना करके कन्या भोज कराया जाता है। और फिर उसके बाद स्कूल के सभी बच्चे और पूरा स्टाफ सहभोज करता है।
इस दौरान पूरा स्टाफ खुद ही पूरा काम करता है सभी मिलजुलकर इस आयोजन को पूरा करते हैं और ये आयोजन सफल रहता है। और सभी को अच्छा भी लगता है।
ऐसे होती है फंडिंग
इस पूरे आयोजन की जब खर्च की बात आई तो कोटमा हाई स्कूल के प्राचार्य बताते हैं कि इसकी फंडिंग स्कूल का पूरा स्टाफ करता है, दो मिनट की मीटिंग होती है और हर कोई कुछ न कुछ लाने की बात करते है। और फिर क्या आयोजन की तैयरी कंपलीट पूरा स्टाफ जुटकर इस आयोजन को सफल करता है। इस कन्या भोज की खासियत ये है की पूरा स्कूल स्टाफ इस आयोजन को सफल बनाता है।
Conclusion:गौरतलब है की किसी सरकारी स्कूल में इस तरह के नवाचार होना वाकई काबिले तारीफ है, वैसे भी ये ऐसा हाई स्कूल है जो अक्सर अपने नए नए नवाचार की वजह से सुर्खियों में रहता है और पूरे प्रदेश में सभी स्कूलों से खुद को अलग करता है।
मध्यप्रदेश का एक ऐसा स्कूल, जहां स्कूल में ही बच्चों को कराया जाता है कन्या भोज, की जाती है पूजा, स्कूल स्टाफ उठाता है पूरा खर्च
शहडोल- किसी ने सच कहा है कि अगर मन में कुछ करने का ठान लिया जाए तो कुछ भी पॉसिबल है, शहडोल जिला मुख्यालय से सटे बैगा बाहुल्य गांव कोटमा के हाई स्कूल के इस अनूठे पहल को जानकर आप भी कह उठेंगे क्या ऐसा भी हो सकता है।
जिले का ये सरकारी स्कूल पहले ही नित नए कार्य के लिए फेमस है, और अब पिछले दो साल से नवरात्र के समय कन्या भोज को लेकर चर्चा में है। स्कूल के प्राचार्य संजय पांडे और उनके स्टाफ की अनूठी पहल लोगों के बीच चर्चा का केंद्र है। पिछले साल की तरह इस साल भी आज कोटमा हाई स्कूल में कन्या भोज का आयोजन किया गया, जहां कक्षा 1 से 5 साल तक कि कन्याओं को भोज कराया गया और फिर पूरे स्कूल के बच्चे और स्टाफ का सहभोज हुआ।
Body:जिला मुख्यालय से सटा कोटमा हाई स्कूल पहले ही अपने नए नए प्रयोग के लिए चर्चा में है, यहां के प्राचार्य की अनूठी पहल और स्टाफ के सहयोग से ये स्कूल आज पूरे प्रदेश में सबसे अलग सरकारी स्कूल बन चुका है, इस स्कूल को देखकर आप भी नहीं मानेंगे की क्या सरकारी स्कूल भी ऐसा हो सकता है, लेकिन यहां के प्राचार्य संजय पांडे की सोच की वजह से इस स्कूल की तस्वीर ही बदल गई है।
बैगा बाहुल्य इस स्कूल में शानदार क्लास रूम, पानी पीने के लिए नल, हाई टेक लाइब्रेरी, प्रयोगशाला, विद्यालय का साफ सुथरा कैम्पस, हर क्लास रूम में लगे पंखे, पर्दे स्कूल में अलग अलग जगहों पर बने पेंटिंग किसी का भी मन मोह लें। शायद यही वजह भी है कि ये सरकारी स्कूल आज अपनी अलग पहचान बना रहा है।
स्कूल की नई पहल
अक्सर अपने नवाचार के लिए पहचान रखने वाला ये सरकारी स्कूल आज नवरात्र के दिन कन्या भोज को लेकर फेमस है। कोटमा हाई स्कूल के प्राचार्य संजय पांडे बताते हैं कि पिछले साल से ही नवरात्र के दिन स्कूल में कन्या भोज का आयोजन कराया जाता है। इस साल भी कराया जा रहा है जहां कक्षा 1 से 5 तक कि कन्याओं को पहले विधिवत उनकी पूजा अर्चना करके कन्या भोज कराया जाता है। और फिर उसके बाद स्कूल के सभी बच्चे और पूरा स्टाफ सहभोज करता है।
इस दौरान पूरा स्टाफ खुद ही पूरा काम करता है सभी मिलजुलकर इस आयोजन को पूरा करते हैं और ये आयोजन सफल रहता है। और सभी को अच्छा भी लगता है।
ऐसे होती है फंडिंग
इस पूरे आयोजन की जब खर्च की बात आई तो कोटमा हाई स्कूल के प्राचार्य बताते हैं कि इसकी फंडिंग स्कूल का पूरा स्टाफ करता है, दो मिनट की मीटिंग होती है और हर कोई कुछ न कुछ लाने की बात करते है। और फिर क्या आयोजन की तैयरी कंपलीट पूरा स्टाफ जुटकर इस आयोजन को सफल करता है। इस कन्या भोज की खासियत ये है की पूरा स्कूल स्टाफ इस आयोजन को सफल बनाता है।
Conclusion:गौरतलब है की किसी सरकारी स्कूल में इस तरह के नवाचार होना वाकई काबिले तारीफ है, वैसे भी ये ऐसा हाई स्कूल है जो अक्सर अपने नए नए नवाचार की वजह से सुर्खियों में रहता है और पूरे प्रदेश में सभी स्कूलों से खुद को अलग करता है।