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गांव से निकलकर क्रिकेट के मैदान तक पहुंची शहडोल की पूनम, इंडियन टीम में जगह बनाने के करीब - India Green

शहडोल जिले के गांव से निकलकर क्रिकेट के मैदान तक पहुंची पूनम सोनी कड़ी मेहनत कर अपने सपनों को पूरा करने में लगी हुई हैं. पूनम अब भारतीय टीम में जगह बनाने के काफी करीब हैं.

भारतीय महिला क्रिकेट टीम में जगह बनाने के करीब पूनम सोनी
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Published : Oct 16, 2019, 9:26 AM IST

Updated : Oct 16, 2019, 10:36 AM IST

शहडोल। महिला क्रिकेट के लिए शहडोल जिला गढ़ बन चुका है. पूजा वस्त्रकार भारतीय टीम में जगह बना चुकी हैं, तो वहीं कई लड़कियां भारतीय महिला टीम में जगह बनाने के बहुत करीब हैं. पूनम सोनी अभी मध्यप्रदेश की महिला टीम से खेलती हैं, जो इंडिया ग्रीन भी खेल चुकी हैं. गांव में रहने वाली पूनम सोनी ने अपने सपनों को पूरा करने के लिए कड़ी मेहनत की है और भारतीय महिला टीम में जगह बनाने के बहुत करीब हैं.

भारतीय महिला क्रिकेट टीम में जगह बनाने के करीब पूनम सोनी

पूनम सोनी अमलाई के पास केल्हौरी गांव की रहने वाली हैं. क्रिकेट के गुर सीखने के लिए पूनम हर दिन गांव से शहडोल जिला मुख्यालय की यात्रा करती थी. जिसके बाद क्रिकेट को और समय देने के लिए जिला मुख्यालाय में ही रहने लगी हैं.

पूनम हैं लेफ्ट आर्म ऑर्थोडॉक्स प्लेयर

पूनम लेफ्ट आर्म ऑर्थोडॉक्स प्लेयर हैं. पूनम ने बताया कि वो काफी छोटी उम्र से क्रिकेट खेलने के लिए अपने गांव से शहडोल जिला मुख्यालय आती रही हैं. सुबह 7.30 बजे से क्रिकेट स्टेडियम पहुंचना और रात के 8 बजे ट्रेन से 10 बजे घर पहुंचना होता था, तब जाकर युवा महिला क्रिकेटर का सफर तय कर पाई हैं.

गांव से आई लड़कियां करती हैं कड़ी मेहनत

बीसीसीआई के लेवल वन कोच आशुतोष श्रीवास्तव ने बताया कि गांव से भी यहां क्रिकेट सीखने के लिए कई लड़कियां आती हैं, जो काफी मेहनती होती हैं. उनसे कितनी भी मेहनत क्यों न करा लो, वे हमेशा करने को तैयार रहती हैं.

पूनम भारतीय महिला टीम में जगह बनाने के काफी करीब

पूजा वस्त्रकर पहले ही भरतीय टीम में जगह बना चुकी हैं. अब पूनम सोनी भी इसके काफी करीब पहुंच चुकी हैं. क्रिकेट के जानकारों का कहना है कि पूनम भी भारतीय महिला टीम में जगह बनाने के काफी करीब हैं.

शहडोल। महिला क्रिकेट के लिए शहडोल जिला गढ़ बन चुका है. पूजा वस्त्रकार भारतीय टीम में जगह बना चुकी हैं, तो वहीं कई लड़कियां भारतीय महिला टीम में जगह बनाने के बहुत करीब हैं. पूनम सोनी अभी मध्यप्रदेश की महिला टीम से खेलती हैं, जो इंडिया ग्रीन भी खेल चुकी हैं. गांव में रहने वाली पूनम सोनी ने अपने सपनों को पूरा करने के लिए कड़ी मेहनत की है और भारतीय महिला टीम में जगह बनाने के बहुत करीब हैं.

भारतीय महिला क्रिकेट टीम में जगह बनाने के करीब पूनम सोनी

पूनम सोनी अमलाई के पास केल्हौरी गांव की रहने वाली हैं. क्रिकेट के गुर सीखने के लिए पूनम हर दिन गांव से शहडोल जिला मुख्यालय की यात्रा करती थी. जिसके बाद क्रिकेट को और समय देने के लिए जिला मुख्यालाय में ही रहने लगी हैं.

पूनम हैं लेफ्ट आर्म ऑर्थोडॉक्स प्लेयर

पूनम लेफ्ट आर्म ऑर्थोडॉक्स प्लेयर हैं. पूनम ने बताया कि वो काफी छोटी उम्र से क्रिकेट खेलने के लिए अपने गांव से शहडोल जिला मुख्यालय आती रही हैं. सुबह 7.30 बजे से क्रिकेट स्टेडियम पहुंचना और रात के 8 बजे ट्रेन से 10 बजे घर पहुंचना होता था, तब जाकर युवा महिला क्रिकेटर का सफर तय कर पाई हैं.

गांव से आई लड़कियां करती हैं कड़ी मेहनत

बीसीसीआई के लेवल वन कोच आशुतोष श्रीवास्तव ने बताया कि गांव से भी यहां क्रिकेट सीखने के लिए कई लड़कियां आती हैं, जो काफी मेहनती होती हैं. उनसे कितनी भी मेहनत क्यों न करा लो, वे हमेशा करने को तैयार रहती हैं.

पूनम भारतीय महिला टीम में जगह बनाने के काफी करीब

पूजा वस्त्रकर पहले ही भरतीय टीम में जगह बना चुकी हैं. अब पूनम सोनी भी इसके काफी करीब पहुंच चुकी हैं. क्रिकेट के जानकारों का कहना है कि पूनम भी भारतीय महिला टीम में जगह बनाने के काफी करीब हैं.

Intro:Note_ special story

mp_sha_01_many_bytes_7203529 इसमें तीन वर्जन हैं बैक टू बैक पहला वर्जन क्रिकेटर पूनम सोनी का है दूसरा वर्जन बीसीसीआई के लेवल वन कोच आशुतोष श्रीवास्तव का है और फिर तीसरा और आखिरी वर्जन संभागीय क्रिकेट संघ के ट्रेनर सोनू रॉबिन्सन का है।

mp_sha_01_poonam_visual_raw_7203529 इस स्लग में पूनम सोनी के सभी जरूरी विसुअल हैं।




गांव से निकलकर क्रिकेट के मैदान तक पहुंची है ये लड़की, इसके संघर्ष की कहानी जान आप भी हैरान हो जाएंगे, भारतीय टीम में जगह बनाने के काफी करीब है


शहडोल- शहडोल आज महिला क्रिकेट के लिए गढ़ बन चुका है, पूजा वस्त्रकार भारतीय टीम में जगह बना चुकी हैं तो कई लड़कियां भारतीय महिला टीम में जगह बनाने के बहुत करीब हैं। इनके जुनून, मेहनत और संघर्ष की कहानी जान आप भी हैरान हो जाएंगे। पूनम सोनी अभी एमपी की महिला टीम से खेलती हैं, इंडिया ग्रीन से भी खेल चुकी है, इनके शुरुआती दिनों के संघर्ष, गांव से हर दिन कई किलोमीटर का सफर तय कर जिला मुख्यालय पहुंचना, और फिर अपने सपने को साकार करने के लिए कड़ी मेहनत करना ये तो उस खेल के प्रति जुनून ही करा सकता है।



Body:सुबह सुबह उठना, क्रिकेट किट बैग उठाना और फिर अपनी मंज़िल की ओर निकल जाना इस युवा क्रिकेटर की कुछ महीने पहले हर दिन की यही कहनी थी।

पूनम सोनी अमलाई के पास केल्हौरी गांव की रहने वाली है जिसकी दूरी जिला मुख्यालय से आने जाने में करीब 60 किलोमीटर है, पूनम सोनी क्रिकेट के अपने शुरुआती दिनों में हर दिन गांव से इतनी यात्रा करके शहडोल जिला मुख्यालय पहुंचती थी सिर्फ और सिर्फ क्रिकेट के गुर सीखने के लिए। और गांव से आने जाने का ये सिलसिला कई सालो तक चला ये बात अलग है की अब पूनम सोनी एमपी टीम से रिप्रेजेंट करने लगी हैं तो क्रिकेट में और वक्त देने के लिए जिला मुख्यालाय में ही रहने लगी हैं।

पूनम सोनी लेफ्ट आर्म ऑर्थोडॉक्स प्लेयर हैं वो बताति है कि काफी छोटी उम्र से वो अपने गांव से शहडोल जिला मुख्यालय क्रिकेट सीखने आती रही है, पूनम बतातति है कि गांव से अमलाई स्टेशन की दूरी 7 किलोमीटर है कभी बस या कभी अपने भाई के साथ स्टेशन आना, फिर ट्रेन पकड़ना और 7.30 बजे तक सुबह सुबह क्रिकेट स्टेडियम पहुंच जाना सुबह की प्रैक्टिस करना फिर दोपहर स्टेडियम में ही काटना और शाम की प्रैक्टिस करना इसके बाद रात 8 बजे ट्रेन पकड़ना और फिर गांव जाना हर दिन 10 बजे रात तक घर पहुंचना, और अगर ट्रेन लेट हुई तो 11 बजे रात तक घर पहुंचना ये है पूनम सोनी के संघर्ष की कहानी। जो कई साल तक लगातार बिना किसी छुट्टी के चला, तब जाकर ये युवा महिला क्रिकेटर यहां तक सफर तय कर पाई है।

अपने खेल में और निखार लाने के लिए क्रिकेट को ज्यादा वक्त देने के लिए अब कई सालों के बाद पूनम जिला मुख्यालाय में ही रहने की व्यवस्था कर ली हैं लेकिन इतनी छोटी सी उम्र करीब 12 से 13 साल की उम्र से कई साल तक इतनी लंबी यात्रा कर क्रिकेट सीखने हर दिन आना एक ग्रामीण लड़की के जुनून की कहानी बयां कर रहा है।

भारतीय टीम में जगह बनाने के करीब

शहडोल से पूजा वस्त्रकर पहले ही भरतीय टीम में जगह बना चुकी हैं और अब पूनम सोनी भी काफी करीब पहुंच चुकी हैं चैलेंजर ट्रॉफी में इंडिया ग्रीन से खेल चुकी हैं, अभी एमपी टीम को रिप्रेजेंट कर रही हैं, लेफ्ट आर्म ऑर्थोडॉक्स प्लेयर हैं। और जिस तरह से कड़ी मेहनत कर रही हैं और सफल हो रही हैं उसे देखकर क्रिकेट के जानकारों का कहना है कि पूनम भी भारतीय महिला टीम में जगह बनाने के काफी करीब है।


काफी मेहनती होती हैं गांव से आने वाली लड़कियां

बीसीसीआई के लेवल वन कोच आशुतोष श्रीवास्तव बताते हैं कि गांव से भी यहां क्रिकेट सीखने के लिए कई लड़कियां आती हैं जो काफी मेहनती होती हैं उनसे कितनी भी मेहनत क्यों न करा लो वो करने के लिये तैयार रहती हैं।

फिटनेस का अलग लेवल होता है

संभागीय क्रिकेट संघ के ट्रेनर सोनू रॉबिन्सन बताते हैं कि फिटनेस आज के समय में खिलाड़ियों के लिए बहुत जरूरी हो गया, जिस भी खिलाड़ी को देखिये जिक्स भी टीम को देखिये फिटनेस फर्स्ट रहता है। ट्रेनर सोनू रॉबिन्सन कहते हैं कि ग्रामीण क्षेत्र से आने वाले खिलड़ियों का फिटनेस लेवल अलग होता है और वो मैदान में ज्यादा मेहनत करने से बचती नहीं हैं।







Conclusion:गौरतलब है बदलते वक़्त के साथ अब सबकुछ बदल रहा है, अब ग्रामीण क्षेत्रों की लड़कियां भी हर क्षेत्र में नाम कमा रही हैं फिर उसके लिए कितनी भी मेहनत क्यों न करनी पड़े पूनम सोनी जैसी लड़कियां इसका उदाहरण हैं जो अपने सपने को साकार करने के लिए कितनी भी मेहनत और संघर्ष करने को हर समय तैयार रहती हैं।
Last Updated : Oct 16, 2019, 10:36 AM IST
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