शहडोल। आजादी का अमृत महोत्सव शहडोल संभाग के स्कूली बच्चों के लिए खुशहाली का संदेश लेकर आया है. यहां के स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों के बस्ते का बोझ कम हो गया है. बच्चों के स्कूल के बैग का बढ़ता वजन हर किसी के लिए चिंता का सबब रहा है. यही कारण है कि केंद्र सरकार ने नेशनल स्कूल बैग नीति 2020 बनाई. इस नीति में यह तय किया गया कि बच्चों के वजन से 10 फीसदी से अधिक बैग का भार नहीं होना चाहिए, इसके लिए मध्यप्रदेश में भी कदम आगे बढ़ाए गए. इस मामले में शहडोल संभाग प्रदेश के दूसरे संभागों को पीछे छोड़ते हुए आगे निकल गया है, क्योंकि यहां बच्चों के बैग के वजन को कम कर दिया गया है.
बच्चों के बैग का वजन बच्चों के वजन के मुकाबले 10 फीसदी कम किया गया: शहडोल के संभाग आयुक्त राजीव शर्मा ने बच्चों के स्कूली बैग का वजन कम करने की रणनीति बनाई. इसके लिए उन्होंने एक टीम बनाई और इस टीम को सरकारी और निजी स्कूलों में भेजा गया, जब बच्चों के बैग का वजन लिया गया तो वे वह निर्धारित मापदंड से दो और तीन गुना तक ज्यादा वजन निकला. इस पर तमाम प्राचार्यों और शिक्षा अधिकारियों को हिदायत देने के साथ स्कूलों का निरीक्षण किया गया. बीते एक पखवाड़े तक चली मुहिम का नतीजा यह हुआ कि 12 दिन की कवायद के बाद बच्चों के बैग का वजन बच्चों के वजन के मुकाबले 10 फीसदी कम कर दिया गया.
नेशनल स्कूल बैग नीति अपनाई गई: शहडोल के संभाग आयुक्त शर्मा बताते है कि नेशनल स्कूल बैग नीति के अनुसार सभी स्कूलों में बच्चों के बैग का वजन लिया गया तो यह बात सामने आई कि बैग का वजन बहुत ज्यादा है. इस पर बैग के बोझ को कम करने की रणनीति बनाकर उस पर अमल किया गया, जिसके चलते बस्ते का बोझ कम कर हो गया है.
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शहडोल पहला ऐसा संभाग : मध्य प्रदेश का शहडोल पहला ऐसा संभाग बन गया है जहां बच्चों के बैग का वजन कम कर दिया गया है. आजादी के अमृत महोत्सव के मौके पर यह बड़ी सौगात मिली है स्कूली बच्चों को. संभाग में पूरी तरह बच्चों के स्कूली बैग अतिरिक्त बोझ से मुक्त हो जाएंगे. इसकी स्वतंत्रता दिवस के मौके पर आयोजित समारोह में मुख्य अतिथि द्वारा घोषणा भी की जाएगी. (Shahdol division reduced burden of bags on children)(Azadi ka Amrit Mahotsav)
(आईएएनएस)