शहडोल। बढ़ती महंगाई की मार से आम जनता त्रस्त है. महंगाई की मार अब सीधे थाली पर वार कर रही है. वजह है सब्जियां महंगी हो चुकी हैं, उसे पकाने के लिए जिस गैस की जरूरत होती है वो भी पहले से ही महंगी है. इतना ही नहीं खाने का तेल महंगा है, पेट्रोल डीजल महंगा है. य सभी चीजें अब आम इंसान की पहुंच से दूर होती जा रही हैं.
त्योहार के समय महंगाई की मार
बढ़ती महंगाई से आम आदमी की जीना मुश्किल होता जा रहा है. त्योहारों का सीजन चल रहा है. अभी नवरात्र खत्म हुई है. अब दीपावली आनी है. सब्जी, राशन, तेल जैसी चीजों की ज्यादा खपत होगी. लोगों का कहना है कि इस महंगाई ने उन्हें परेशान कर दिया है.
'सबकुछ तो हो गया महंगा'
पेट्रोल डीजल के बढ़ते दामों का असर हर चीज पर देखने को मिल रहा है. शहडोल जिले में पेट्रोल की बात करें तो नॉर्मल पेट्रोल जहां ₹117 प्रति लीटर पहुंचने को है. प्रीमियम पेट्रोल ₹121 रुपये पार कर चुका है. डीजल ₹107 के करीब पहुंच चुका है . जिस तरह से हर दिन पेट्रोल और डीजल के दाम बढ़ रहे हैं उससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि महंगाई का क्या हाल होगा, अब आम पब्लिक त्रस्त होकर यही कह रही है कि बस करो प्रभु और कितना बढ़ेगा दाम.
राशन, सब्जी सब महंगा
खाने का तेल ₹200 प्रति लीटर बिक रहा है. रसोई गैस सिलेंडर ₹922. 50 का मिल रहा है. शक्कर के दाम में भी बढ़ोतरी देखने को मिली है. प्याज का रेट तो पूछिए ही मत. एक हफ्ते में ही ऐसे उछाल किसी ने उम्मीद नहीं की थी. शहडोल जिले में खुले मार्केट में प्याज 45 से ₹55 प्रति किलो बिक रहा है. आलू में भी ₹5 प्रति किलो की बढ़ोतरी देखने को मिली है. टमाटर तो एक हफ्ते में ही डबल से भी ज्यादा रेट बढ़ चुका है. एक हफ्ते पहले जहां टमाटर ₹25 प्रति किलो बिक रहा था वो अब 50 से ₹60 प्रति किलो बिक रहा है. धनिया ₹400 प्रति किलो मिल रहा है. बैगन 40 से ₹50 प्रति किलो बिक रहा है. मिर्ची 80 से ₹100 प्रति किलो बिक रही है. शिमला मिर्च 200 से ₹300 के बीच में बिक रही है. परवल 80 से ₹100 प्रति किलो बिक रहा है. लौकी 20 से ₹30 प्रति किलो बिक रही है. कद्दू 20 से ₹30 प्रति किलो बिक रहा है. भिंडी 30 से ₹40 प्रति किलो बिक रही है. लहसुन 100 से ₹120 प्रति किलो बिक रहा है. एक हफ्ते में पचास से ₹60 इसके दाम बढ़े हैं. इसके अलावा बढ़ते पेट्रोल और डीजल के दाम की वजह से आम जनजीवन के और सामानों में भी महंगाई की मार देखने को मिल रही है.
महंगाई से जनता त्रस्त
अभिषेक गुप्ता खुद भी एक छोटी सा किराना दुकान चलाते हैं. उनका कहना है कि महंगाई ने तो कमर तोड़ दी है. अभिषेक गुप्ता कहते हैं, दुकानदार ग्राहक सभी परेशान हैं. जिस तरह से महंगाई बढ़ी है उससे पूंजी ज्यादा लगानी पड़ रही है. ग्राहक भी जो पहले 1 किलो 2 किलो सामान लेकर जाते थे, वह महज आधे किलो में आ चुके हैं. अभिषेक गुप्ता कहते हैं, महंगाई किसी से छिपी तो है नहीं. बढ़ती महंगाई को देखकर तो यही लग रहा है कि इसका निराकरण अब शायद ये सरकार नहीं कर पाएगी. रसोई गैस तो ₹1000 के करीब है. जो सब्सिडी मिलती थी वह भी बंद हो गई.
इसलिए महंगी हो रही सब्जी
उपेंद्र सिंह कुशवाहा सब्जी व्यापारी हैं. उनका कहना है कि जिस तरह से सब्जियों के दाम पिछले एक-दो हफ्ते में बढ़े हैं उससे गरीब की थाली से तो सब्जियां अब लगभग गायब ही हो चुकी हैं . कुछ जो बची हैं वो धीरे-धीरे गायब होती जा रही हैं. उपेंद्र सिंह कुशवाहा बताते हैं कि सब्जियों के दाम बढ़ने का कारण ये है कि, पिछले कुछ दिनों में जो बारिश हुई है उसकी वजह से सब्जियों की फसल चौपट हुई है .इसके अलावा पेट्रोल और डीजल के दाम भी बढ़े हुए हैं, जिससे ट्रांसपोर्टिंग भी महंगी हो गई है .मजदूरों का खर्च भी महंगा पड़ रहा है. दूर से सामान आएगा तो जितना दूर जाएगा उतनी महंगी तो होगी ही ।
उपेंद्र सिंह कुशवाहा बताते हैं कि शहडोल में छिंदवाड़ा और जबलपुर जैसी जगहों से टमाटर आता है. इसके अलावा बाहर से नासिक से सबसे ज्यादा टमाटर आता है. अब सब्जियों की आवक कम हो चुकी है. जिसका असर उसके दाम पर देखने को मिल रहा है. उपेंद्र सिंह कुशवाहा कहते हैं कि अब तो गरीबों की थाली में धनिया टमाटर और प्याज जैसी सब्जियां नजर नहीं आ रही हैं।
मध्यम वर्ग पर चारों ओर से पड़ रही मार
चंद्रशेखर शर्मा महीने में 5 से ₹7000 रुपए कमा पाते हैं . उसी से अपना किसी कदर घर चलाते हैं. उनका कहना है कि मध्यम वर्गीय परिवार का हाल तो और ज्यादा खराब है. वह तो चारों तरफ से मारा जा रहा है. चंद्र शेखर शर्मा कहते है महंगाई को देखकर अब तो यह लगता है कि साइकिल से जाएं या पैदल जा.एं गाड़ी को रख दें. अब इसी से अंदाजा लगा लीजिए हफ्ते भर पहले जो टमाटर ₹25 में एक किलो मिलता था वह ₹60 में मिलने लग गया है. जो प्याज हफ्ते भर पहले ₹20 में एक किलो मिल जाता था, वो ₹45 में मिलने लग गया. खाने का तेल ₹200 किलो. अब आप बताओ कैसे हो गुजारा.