शहडोल। कोरोना काल में लॉकडाउन का दौर लगातार चल रहा है. लॉकडाउन का असर अलग-अलग क्षेत्रों में देखने को मिल रहा है, जिसमें देश के खिलाड़ी भी अछूते नहीं हैं. कई सालों से हर दिन सुबह शाम लगातार प्रैक्टिस करने वाले खिलाडियों की रुटीन में लंबा ब्रेक लग गया है, ऐसे में खिलाड़ियों के फिटनेस और उनके खेल पर बड़ा असर देखने को मिला है.
कोच इस तरह से दे रहे टिप्स
आदिवासी अंचल में लंबे समय से एथलेटिक्स खिलाड़ियों को टिप्स दे रहे. एनआईएस कोच धीरेंद्र सिंह ने बताया कि लगातार बड़ रहे लॉकडाउन से खिलाड़ियों की जीवन चर्या पर असर पड़ा है. उन्होंने बताया कि उनके ग्रुप के करीब 25 एथलीट राज्य और नेशनल लेवल पर अच्छा परफॉर्मेंस कर रहे थे. अब उन्हें व्हाट्सएप के जरिए ट्रेनिंग शेड्यूल देकर ट्रेंड कर रहे हैं. फोन पर बात कर उन्हें मोटिवेट किया जा रहा है.
![Players are unable to practice](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/7231071_imgg.jpg)
घर और फील्ड में प्रैक्टिस करना और फिट रहने में चुनौतियां
कोच बताते हैं कि अगर एथलीट के शेड्यूल में अंतर आ जाए तो खिलाड़ियों को काफी मुश्किल का सामना करना पड़ता है. यदि 6 महिने से खिलाड़ी प्रैक्टिस कर रहा है और अचानक लॉकडाउन में इतना बड़ा ब्रेक लग जाए तो करीब 20 फीसदी परफॉर्मेंस डाउन हो जाता है. घर में जगह सही नहीं मिलने से खिलाड़ी की प्रैक्टिस प्रभावित होती है.
कितने खिलाड़ी नेशनल खेलने वाले थे और क्या चुनौतियां रहीं
धीरेंद्र ने कहा कि ग्रुप में बायज और गर्ल्स के करीब 20 से 25 एथलीट ऐसे थे, जिनमें से कुछ राज्य, और नेशनल स्तर पर बहुत अच्छा परफॉर्मेंस कर रहे थे. इनमें एसजीएफआई के चार एथलीट थे और स्टेट लेवल के करीब 12 बच्चे, जो मेडल लाए हैं. सीएम कप में भी खिलाड़ियों का बहुत बढ़िया प्रदर्शन चल रहा था.
घर में प्रैक्टिस के लिए क्या करें खिलाड़ी
कोच ने बताया कि घर में यदि बरामदा और स्टेयर्स है तो उसमें स्टेंथिंग एक्सरसाइज कर सकते हैं. साथ ही ऐरोबिक एक्सरसाइज भी कर सकते हैं, जो हार्ट, लंग्स और ह्यूमन सिस्टम के लिए फायदेमंद हैं.
आदीवासी अंचल में डिजिटल प्लेटफॉर्म का किस तरह से उपयोग कर रहे कोच
कोच बताते हैं कि वे खिलाड़ियों को व्हाट्सएप के जरिए कोचिंग टिप्स के वीडियो और समय-समय पर जानकारियां दी जाती हैं. जिससे कि खिलाड़ी फिट रहें और लॉकडाउन में भी अपना परफॉर्मेंस अच्छा रख सकें. बंद के हालातों में खिलाड़ियों को अपनी फिटनेस बचाना बड़ी चुनौती है. उन्हें अपने प्रदर्शन को मेंटेन रखना आसान नहीं होता है.