ETV Bharat / state

बारिश कहीं लाई खुशी, तो कहीं लाई गम, जानिए कैसे कुछ किसानों के लिए बन गई अमृतवर्षा, कुछ के लिये आफत

अक्टूबर माह में भी जिले में बारिश का दौर भी जारी है, शहडोल में पिछले कुछ दिन से झमाझम बारिश हो रही है या यूं कहें कि हर दिन थोड़ी बहुत बारिश होती ही जा रही है, ऐसे में खरीफ की फसल के अंतिम चरण में क्या है किसान और अधिकारियों का इसे लेकर देखिए रिपोर्ट..

shahdol
shahdol
author img

By

Published : Oct 13, 2020, 10:52 AM IST

शहडोल। पिछले कुछ दिन से झमाझम बारिश हो रही है या यूं कहें कि हर दिन थोड़ी बहुत बारिश होती ही जा रही है. आज भी जिले में बारिश का दौर देखने को मिला और मौसम विभाग के रिपोर्ट के मुताबिक आगे भी दो तीन बार बारिश की संभावना है. वहीं खरीफ सीजन की खेती अपने आखिरी चरण में है, ऐसे में यह बारिश किसानों के लिए कितना सही किन किसानों के लिए यह बारिश खुशियां लेकर आई, तो कैसे कुछ किसानों के लिए गम बनकर आई, इस बारिश का किसानों की खेती पर कितना असर.

शहडोल में कैसी रही फसलों के लिए बारिश

अक्टूबर में बरस रहे बदरा

अक्टूबर का महीने में जिले में बारिश का दौर भी जारी है, हालांकि यह बारिश धान की खेती करने वाले किसानों के लिए फायदेमंद बारिश है, खासकर उन किसानों के लिए जो वर्षा आधारित खेती करते हैं, ऐसे किसानों के लिए तो ये बारिश अमृत वर्षा के समान रही, क्योंकि उन किसानों के धान की फसलों को एक आखरी बार पानी की बहुत जरूरत थी.

जिले में धान के खेती ज्यादा बड़े रकबे में की जाती है या यूं कहें कि यहां की मुख्य खेती धान के फसल की खेती ही है, और यहां के ज्यादातर किसान वर्षा आधारित खेती ही करते हैं.

बारिश, किसानों के चेहरे पर लाई खुशी

इस बारिश के बाद किसानों का साफ कहना है कि यह बारिश उनकी धान की फसल की बहुत बड़ी जरूरत थी, जिसके होने से वो ऊपर वाले का लगातार शुक्रिया भी कर रहे हैं. तो वहीं कुछ किसानों का यह भी कहना है कि इस बारिश ने उड़द और तिल की फसल को भी नुकसान पहुंचाया है, हालांकि जिले में बहुत बड़े रकबे में उड़द और तिल की खेती नहीं की जाती, लेकिन जिन किसानों ने भी तिल और उड़द की खेती की है, उनमें से कुछ किसानों ने तो कटाई कर ली थी, लेकिन कुछ किसान जिन्होंने देरी से फसलों की कटाई की थी या जिनकी फसलें खलिहान पर ही पड़ी थीं, उनकी फसलों को नुकसान हुआ है.

किसान कल्याण एवं कृषि विभाग के उपसंचालक आरपी झारिया कहते हैं कि शहडोल जिले में अभी तक बारिश हुई है वो हर साल होने वाली सामान्य बारिश के लगभग ही हुई है. जिले में सामान्यता 1100 से 1200 मिली मीटर के आसपास बारिश होती है, जिसमें से 965 मिलीमीटर के करीब अब तक जिले में बारिश हो चुकी है. अभी भी कुछ मिली मीटर वर्षा सामान्य वर्षा से कम हैं. उपसंचालक का कहना है कि यह बारिश कुछ किसानों के लिए संजीवनी भी बन कर आई है.

गौर करने वाली बात है कि जिले में खरीफ की फसलों का जो टोटल रकबा 1 लाख 99 हजार हेक्टेयर का है, जिसमें मुख्य फसल धान की है और धान का रकबा 1 लाख 64 हजार 200 हेक्टेयर का है.

अभी कुछ दिन और बारिश

मौसम वैज्ञानिक गुरप्रीत सिंह गांधी बताते हैं कि आने वाले 3 से 4 दिनों में हल्की बारिश होने की संभावना अभी और बनी है पिछले दो-तीन दिनों से भी लगातार अच्छी बारिश हो रही है.

जानिए जिले में अब तक कितनी बारिश

अधीक्षक भू-अभिलेख ने जो जानकरी दी है उसके मुताबिक शहडोल जिले में टोटल 966.6 मिलीमीटर औसत वर्षा दर्ज की गई है, जिसमें तहसील सोहागपुर में 893.0 मिलीमीटर तहसील बुढ़ार में 819 मिलीमीटर, तहसील गोहपारू में 1,021 मिलीमीटर तहसील जैतपुर में 1,389 मिलीमीटर तहसील ब्यौहारी में 870 मिलीमीटर और तहसील जयसिंह नगर में 812.5 मिलीमीटर औसत वर्षा दर्ज की गई है.

गौरतलब है कि जिले में जो यह बारिश हो रही है धान की खेती करने वाले किसानों के लिए तो बहुत अच्छी बारिश है, खासकर उन किसानों के लिए जो वर्षा आधारित खेती करते हैं, उन्हें एक बारिश का और इंतजार था. तो वहीं उड़द और तिल की खेती करने वाले उन किसानों के लिए ये बारिश थोड़ी नुकसानदायक है.

शहडोल। पिछले कुछ दिन से झमाझम बारिश हो रही है या यूं कहें कि हर दिन थोड़ी बहुत बारिश होती ही जा रही है. आज भी जिले में बारिश का दौर देखने को मिला और मौसम विभाग के रिपोर्ट के मुताबिक आगे भी दो तीन बार बारिश की संभावना है. वहीं खरीफ सीजन की खेती अपने आखिरी चरण में है, ऐसे में यह बारिश किसानों के लिए कितना सही किन किसानों के लिए यह बारिश खुशियां लेकर आई, तो कैसे कुछ किसानों के लिए गम बनकर आई, इस बारिश का किसानों की खेती पर कितना असर.

शहडोल में कैसी रही फसलों के लिए बारिश

अक्टूबर में बरस रहे बदरा

अक्टूबर का महीने में जिले में बारिश का दौर भी जारी है, हालांकि यह बारिश धान की खेती करने वाले किसानों के लिए फायदेमंद बारिश है, खासकर उन किसानों के लिए जो वर्षा आधारित खेती करते हैं, ऐसे किसानों के लिए तो ये बारिश अमृत वर्षा के समान रही, क्योंकि उन किसानों के धान की फसलों को एक आखरी बार पानी की बहुत जरूरत थी.

जिले में धान के खेती ज्यादा बड़े रकबे में की जाती है या यूं कहें कि यहां की मुख्य खेती धान के फसल की खेती ही है, और यहां के ज्यादातर किसान वर्षा आधारित खेती ही करते हैं.

बारिश, किसानों के चेहरे पर लाई खुशी

इस बारिश के बाद किसानों का साफ कहना है कि यह बारिश उनकी धान की फसल की बहुत बड़ी जरूरत थी, जिसके होने से वो ऊपर वाले का लगातार शुक्रिया भी कर रहे हैं. तो वहीं कुछ किसानों का यह भी कहना है कि इस बारिश ने उड़द और तिल की फसल को भी नुकसान पहुंचाया है, हालांकि जिले में बहुत बड़े रकबे में उड़द और तिल की खेती नहीं की जाती, लेकिन जिन किसानों ने भी तिल और उड़द की खेती की है, उनमें से कुछ किसानों ने तो कटाई कर ली थी, लेकिन कुछ किसान जिन्होंने देरी से फसलों की कटाई की थी या जिनकी फसलें खलिहान पर ही पड़ी थीं, उनकी फसलों को नुकसान हुआ है.

किसान कल्याण एवं कृषि विभाग के उपसंचालक आरपी झारिया कहते हैं कि शहडोल जिले में अभी तक बारिश हुई है वो हर साल होने वाली सामान्य बारिश के लगभग ही हुई है. जिले में सामान्यता 1100 से 1200 मिली मीटर के आसपास बारिश होती है, जिसमें से 965 मिलीमीटर के करीब अब तक जिले में बारिश हो चुकी है. अभी भी कुछ मिली मीटर वर्षा सामान्य वर्षा से कम हैं. उपसंचालक का कहना है कि यह बारिश कुछ किसानों के लिए संजीवनी भी बन कर आई है.

गौर करने वाली बात है कि जिले में खरीफ की फसलों का जो टोटल रकबा 1 लाख 99 हजार हेक्टेयर का है, जिसमें मुख्य फसल धान की है और धान का रकबा 1 लाख 64 हजार 200 हेक्टेयर का है.

अभी कुछ दिन और बारिश

मौसम वैज्ञानिक गुरप्रीत सिंह गांधी बताते हैं कि आने वाले 3 से 4 दिनों में हल्की बारिश होने की संभावना अभी और बनी है पिछले दो-तीन दिनों से भी लगातार अच्छी बारिश हो रही है.

जानिए जिले में अब तक कितनी बारिश

अधीक्षक भू-अभिलेख ने जो जानकरी दी है उसके मुताबिक शहडोल जिले में टोटल 966.6 मिलीमीटर औसत वर्षा दर्ज की गई है, जिसमें तहसील सोहागपुर में 893.0 मिलीमीटर तहसील बुढ़ार में 819 मिलीमीटर, तहसील गोहपारू में 1,021 मिलीमीटर तहसील जैतपुर में 1,389 मिलीमीटर तहसील ब्यौहारी में 870 मिलीमीटर और तहसील जयसिंह नगर में 812.5 मिलीमीटर औसत वर्षा दर्ज की गई है.

गौरतलब है कि जिले में जो यह बारिश हो रही है धान की खेती करने वाले किसानों के लिए तो बहुत अच्छी बारिश है, खासकर उन किसानों के लिए जो वर्षा आधारित खेती करते हैं, उन्हें एक बारिश का और इंतजार था. तो वहीं उड़द और तिल की खेती करने वाले उन किसानों के लिए ये बारिश थोड़ी नुकसानदायक है.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.