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बदलते मौसम में किसान परेशान, सब्जी की खेती करने वाले किसान क्यों हैं चिंतित, देखिए खास रिपोर्ट

मौसम में आ रहे लगातार बदलाव के कारण किसानों को काफी परेशान होना पड़ रहा है, जिसे लेकर ETV BHARAT ने किसान शीतेश जीवन से खास बातचीत की.

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कैसे बचाएं बदलते मौसम में फसलों को
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Published : Feb 7, 2020, 10:36 AM IST

शहडोल। जिले में बदलते मौसम के इस मिजाज़ ने लोगों की परेशानी तो बढ़ाई ही है, साथ ही किसानों की भी दिक्कतें बढ़ा दी हैं. कभी बारिश, कभी ठंडी कभी गर्मी, एक सा टेम्परेचर नहीं रह रहा है, जिससे किसान मुश्किल में हैं, क्योंकि इस मौसम ने अरहर की फसल को तो बर्बाद कर ही दिया, साथ ही सब्जियों की खेती करने वाले किसानों को भी परेशानी में डाल दिया है.

कैसे बचाएं बदलते मौसम में फसलों को

इस मौसम में सब्जी की खेती पर भी बुरा असर पड़ रहा है. हम सब्जी की खेती करने वाले एक ऐसे किसान के खेत में पहुंचे, जो कई एकड़ में पिछले कई साल से सब्जी की खेती अलग अलग तरीके से कर रहे हैं, एक तरह से कहा जाए तो शहडोल सब्जी बाज़ार में सबसे ज्यादा सब्जी अगर किसी की खेत से निकलकर आती है तो वो इनके खेतों से ही आती है. इन किसानों से ही जानिए इस मौसम में सब्जी की फसलों का क्या है हाल..

इस मौसम ने बढ़ाई किसानों की मुश्किल

कई एकड़ में बड़े स्तर पर पिछले कई साल से सब्जी की खेती करने वाले किसान शीतेश जीवन पटेल कहते हैं कि इस समय हर दिन मौसम में बदलाव हो रहा है, पहले बारिश, फिर कोहरा, तो जितने फूल वाली सब्जियां हैं उनसे पूरे फूल खत्म हो गए. फिर से टमाटर, चना में फूल और फल लाने के लिए रासायनिक दवाईयों का इस्तेमाल करना पड़ता है, तब जाकर फली लगना और फूल आना शुरू होता है.

दवाईयों का इस्तेमाल जरूरी, लेकिन अभी सम्भव नहीं

किसान शीतेश जीवन पटेल कहते हैं कि इस मौसम में फसलों में रासायनिक दवाईयों का इस्तेमाल करना पड़ता है. फंगीसाइड देना पड़ता है. अगर फंगइसाइड नहीं दिए गए, तो पत्ती में जलन करने वाला फंगस आ जाएगा और फसल से फंगस हटाने के लिए महंगी से महंगी रासायनिक दवाईयों का इस्तेमाल करना पड़ता है. ऐसा नहीं करने पर फंगस नहीं जाएंगे और पेड़ तो डण्डे की तर्ज पर खड़े रह जाएंगे, लेकिन फल्ली एक भी नहीं आएगी.

किसान शीतेश जीवन पटेल कहते हैं कि इस मौसम में रासायनिक दवाई का इस्तेमाल भी संभव नहीं, क्योंकि मौसम खुल नहीं रहा. 3 से 4 दिन में लगातार मौसम बदल रहा है. अगर फूलों के लिए दवाई डालते भी हैं तो फिर मौसम खराब होगा और वो झड़ जाएंगे, ऐसे में फिर दवाई डालनी पड़ेगी. जबतक एक समान टेम्परेचर नहीं होगा, फसल के लिए और किसानों के लिए मुश्किल की घड़ी है.

सब्जियां तो बहुत लगी हैं मौसम तो खुले

किसान शीतेश जींवन पटेल अभी अपने खतों में टमाटर, कलिंदर, खरबूज , लगाए हैं और खीरा लगाने जा रहे हैं चना भी लगा है टमाटर भी लगा है, फसलों से फूल खत्म हो गया है और उनको मौसम खुलने का इंतज़ार है किसान कहते हैं मौसम खुले तो दवाई डालें। लेकिन हर 3 से 4 दिन में बदलते मौसम ने परेशानी बढ़ा दी है।

टमाटर में ब्लाइट का कहर

किसान शीतेश जीवन पटेल कहते हैं मौसम खुला था तो सबकुछ ठीक था लेकिन जैसे ही मौसम खराब हुआ है फसलों में ब्लाइट आना शुरू हो गया है, इतने में अगर हम दवाई डालेंगे तो दो एकड़ में 2 से ढाई हज़ार के करीब दवाई लग जायेगी।तब जाकर इसको कंट्रोल कर पाएंगे और जहां कंट्रोल किये फिर मौसम बिगड़ा, ऐसे में थोड़ी परेशानी तो बढ़ ही गई है समझिए।

मौसम का उतार चढ़ाव फसलों के लिए जहर

किसान शीतेश जीवन पटेल बताते है की मौसम का उतात चढ़ाव चल रहा है ये किसान के लिए जहर है गेहूं भी फूल में है चना भी फूल में है राहर तो खत्म ही हो गया। लेकिन अब जब बगिया बची है तो क्या करें किसी तरह बचाने की कोशिश करेंगे जो भी बचेगा दैवाइयों का सहारा लेकर।

राहर की फसल बर्बाद, दाल के बढ़ेंगे दाम

किसानों का कहना है कि इस मौसम में राहर की फसल पूरी तरह से खत्म हो गया है, राहर की खेतीं करने वाले किसानों को बहुत नुकसान हुआ है. इस साल राहर के दाल की कीमत बढ़ने के पूरे आसार हैं।

सब्जियों की लागत बढ़ जाएगी

किसान शीतेश बताते हैं कि इस मौसम की वजह से इस बार सब्जी की खेतीं में लागत बढ़ने की उम्मीद है. क्योंकी फसलों को बचाने के लिए जितने दवाइयों का इस्तेमाल करेंगे इस बचाने के लिए जितने भी तरकीब करेंगे उसके लिए पैसे तो लगाने ही पड़ेंगे ऐसे में फसलों की लगात तो बढ़ेगी ही.

किसान शीतेश जींवन पटेल कहते हैं की अगर 6 दिन तक एक सा तापमान मिल जाए तो फसल संभल सकती है. लेकिन इस बार मौसम में वही नहीं मिल रहा है, अगर मौसम फिर बिगड़ा तो फूल झड़ जाएंगे कोहरा गिरा तो फिर फूल झड़ जाएंगे, अभी गर्मी है फिर रात में ठंडी हो जाती है, जो किसानों की समस्याओं को बढ़ा देता है इसलिए फसलों को बहतर रखने के लिए एक सा मौसम होना जरूरी है.

शहडोल। जिले में बदलते मौसम के इस मिजाज़ ने लोगों की परेशानी तो बढ़ाई ही है, साथ ही किसानों की भी दिक्कतें बढ़ा दी हैं. कभी बारिश, कभी ठंडी कभी गर्मी, एक सा टेम्परेचर नहीं रह रहा है, जिससे किसान मुश्किल में हैं, क्योंकि इस मौसम ने अरहर की फसल को तो बर्बाद कर ही दिया, साथ ही सब्जियों की खेती करने वाले किसानों को भी परेशानी में डाल दिया है.

कैसे बचाएं बदलते मौसम में फसलों को

इस मौसम में सब्जी की खेती पर भी बुरा असर पड़ रहा है. हम सब्जी की खेती करने वाले एक ऐसे किसान के खेत में पहुंचे, जो कई एकड़ में पिछले कई साल से सब्जी की खेती अलग अलग तरीके से कर रहे हैं, एक तरह से कहा जाए तो शहडोल सब्जी बाज़ार में सबसे ज्यादा सब्जी अगर किसी की खेत से निकलकर आती है तो वो इनके खेतों से ही आती है. इन किसानों से ही जानिए इस मौसम में सब्जी की फसलों का क्या है हाल..

इस मौसम ने बढ़ाई किसानों की मुश्किल

कई एकड़ में बड़े स्तर पर पिछले कई साल से सब्जी की खेती करने वाले किसान शीतेश जीवन पटेल कहते हैं कि इस समय हर दिन मौसम में बदलाव हो रहा है, पहले बारिश, फिर कोहरा, तो जितने फूल वाली सब्जियां हैं उनसे पूरे फूल खत्म हो गए. फिर से टमाटर, चना में फूल और फल लाने के लिए रासायनिक दवाईयों का इस्तेमाल करना पड़ता है, तब जाकर फली लगना और फूल आना शुरू होता है.

दवाईयों का इस्तेमाल जरूरी, लेकिन अभी सम्भव नहीं

किसान शीतेश जीवन पटेल कहते हैं कि इस मौसम में फसलों में रासायनिक दवाईयों का इस्तेमाल करना पड़ता है. फंगीसाइड देना पड़ता है. अगर फंगइसाइड नहीं दिए गए, तो पत्ती में जलन करने वाला फंगस आ जाएगा और फसल से फंगस हटाने के लिए महंगी से महंगी रासायनिक दवाईयों का इस्तेमाल करना पड़ता है. ऐसा नहीं करने पर फंगस नहीं जाएंगे और पेड़ तो डण्डे की तर्ज पर खड़े रह जाएंगे, लेकिन फल्ली एक भी नहीं आएगी.

किसान शीतेश जीवन पटेल कहते हैं कि इस मौसम में रासायनिक दवाई का इस्तेमाल भी संभव नहीं, क्योंकि मौसम खुल नहीं रहा. 3 से 4 दिन में लगातार मौसम बदल रहा है. अगर फूलों के लिए दवाई डालते भी हैं तो फिर मौसम खराब होगा और वो झड़ जाएंगे, ऐसे में फिर दवाई डालनी पड़ेगी. जबतक एक समान टेम्परेचर नहीं होगा, फसल के लिए और किसानों के लिए मुश्किल की घड़ी है.

सब्जियां तो बहुत लगी हैं मौसम तो खुले

किसान शीतेश जींवन पटेल अभी अपने खतों में टमाटर, कलिंदर, खरबूज , लगाए हैं और खीरा लगाने जा रहे हैं चना भी लगा है टमाटर भी लगा है, फसलों से फूल खत्म हो गया है और उनको मौसम खुलने का इंतज़ार है किसान कहते हैं मौसम खुले तो दवाई डालें। लेकिन हर 3 से 4 दिन में बदलते मौसम ने परेशानी बढ़ा दी है।

टमाटर में ब्लाइट का कहर

किसान शीतेश जीवन पटेल कहते हैं मौसम खुला था तो सबकुछ ठीक था लेकिन जैसे ही मौसम खराब हुआ है फसलों में ब्लाइट आना शुरू हो गया है, इतने में अगर हम दवाई डालेंगे तो दो एकड़ में 2 से ढाई हज़ार के करीब दवाई लग जायेगी।तब जाकर इसको कंट्रोल कर पाएंगे और जहां कंट्रोल किये फिर मौसम बिगड़ा, ऐसे में थोड़ी परेशानी तो बढ़ ही गई है समझिए।

मौसम का उतार चढ़ाव फसलों के लिए जहर

किसान शीतेश जीवन पटेल बताते है की मौसम का उतात चढ़ाव चल रहा है ये किसान के लिए जहर है गेहूं भी फूल में है चना भी फूल में है राहर तो खत्म ही हो गया। लेकिन अब जब बगिया बची है तो क्या करें किसी तरह बचाने की कोशिश करेंगे जो भी बचेगा दैवाइयों का सहारा लेकर।

राहर की फसल बर्बाद, दाल के बढ़ेंगे दाम

किसानों का कहना है कि इस मौसम में राहर की फसल पूरी तरह से खत्म हो गया है, राहर की खेतीं करने वाले किसानों को बहुत नुकसान हुआ है. इस साल राहर के दाल की कीमत बढ़ने के पूरे आसार हैं।

सब्जियों की लागत बढ़ जाएगी

किसान शीतेश बताते हैं कि इस मौसम की वजह से इस बार सब्जी की खेतीं में लागत बढ़ने की उम्मीद है. क्योंकी फसलों को बचाने के लिए जितने दवाइयों का इस्तेमाल करेंगे इस बचाने के लिए जितने भी तरकीब करेंगे उसके लिए पैसे तो लगाने ही पड़ेंगे ऐसे में फसलों की लगात तो बढ़ेगी ही.

किसान शीतेश जींवन पटेल कहते हैं की अगर 6 दिन तक एक सा तापमान मिल जाए तो फसल संभल सकती है. लेकिन इस बार मौसम में वही नहीं मिल रहा है, अगर मौसम फिर बिगड़ा तो फूल झड़ जाएंगे कोहरा गिरा तो फिर फूल झड़ जाएंगे, अभी गर्मी है फिर रात में ठंडी हो जाती है, जो किसानों की समस्याओं को बढ़ा देता है इसलिए फसलों को बहतर रखने के लिए एक सा मौसम होना जरूरी है.

Intro:note_ इंटरव्यू किसान शीतेश जीवन पटेल का है।

बदलते मौसम में किसान परेशान, आखिर ये फसलों के लिए कैसा मौसम, सब्जी की खेती करने वाले क्यों हैं चिंतित, देखिये खास रिपोर्ट

शहडोल- जिले में बदलते मौसम के इस मिज़ाज़ ने लोगों की परेशानी तो बढ़ाई ही है साथ ही किसानों की भी दिक्कतें बढ़ा दी हैं, कभी बारिश कभी ठंडी कभी गर्मी एक सा टेम्परेचर नहीं रह रहा है जिससे किसान परेशान है। क्योंकि इस मौसम ने अरहर की फसल को तो बर्बाद कर ही दिया साथ ही सब्जियों की खेती करने वालों किसानों को भी परेशानी में डाल दिया है इस मौसम में सब्जी की खेती पर भी बुरा असर पड़ रहा है। हम सब्जी की खेती करने वाले एक ऐसे किसान के खेत में पहुंचे जो कई एकड़ में पिछले कई साल से सब्जी की खेती अलग अलग तरीके से कर रहे हैं, एक तरह से कहा जाए तो शहडोल सब्जी बाज़ार में सबसे ज्यादा सब्जी अगर किसी की खेत से निकलकर आती है तो वो इनके खेतों से ही आती है। इन किसानों से ही जानिये इस मौसम में सब्जी की फसलों का क्या है हाल।







Body:इस मौसम ने बढ़ाई किसानों की मुश्किल

कई एकड़ में बड़े स्तर पर पिछले कई साल से सब्जी की खेती करने वाले किसान शीतेश जींवन पटेल कहते हैं इस समय जो मौसम चल रहा है हर दिन जो मौसम में बदलाव हो रहा है पहले पानी गिरा फिर कोहरा गिरा तो जितने फूल वाली सब्जियां हैं उनसे पूरे फूल खत्म हो जाते है फिर फूल लाने के लिए, फिर से हमको टमाटर, चना में फूल और फल लाने के लिए रासायनिक दवाइयों का इस्तेमाल करना पड़ता है, तब जाकर फली लगना, आना फूल आना शुरू होता है।

दवाइयों का इस्तेमाल जरूरी, लेकिन अभी सम्भव नहीं

किसान शीतेश जीवन पटेल कहते हैं कि इस मौसम में फसलों में रासायनिक दवाइयों का इस्तेमाल करना पड़ता है फंगीसाइड देना पड़ता है अगर फंगइसाइड नहीं दिये गए तो पत्ती में जलन करने वाला फंगस आ जाएगा। और फसल से फंगस हटाने के लिये मंहगी से मंहगी रासायनिक दवाइयों का इस्तेमाल करना पड़ता है नहीं तो फंगस नहीं जाएंगे पेड़ तो डण्डे की तर्ज पर खड़े रह जाएंगे, लेकिन फल्ली एक भी नहीं आएगी। लेकिन किसान शीतेश जींवन पटेल कहते हैं कि इस मौसम में रासायनिक दवाई का इस्तेमाल भी संभव नहीं क्योंकि मौसम खुल नहीं रहा 3 से 4 दिन में फिर बदल जा रहा अगर फूलों के लिए दवाई डालते भी हैं तो फिर मौसम खराब होगा और वो झड़ जाएंगे ऐसे में फिर दवाई डालना पड़ेगा जबतक एक समान टेम्परेचर नहीं होगा फसल के लिए और किसानों के लिए मुश्किल घड़ी है।

सब्जियां तो बहुत लगी हैं मौसम तो खुले

किसान शीतेश जींवन पटेल अभी अपने खतों में टमाटर, कलिंदर, खरबूज , लगाए हैं और खीरा लगाने जा रहे हैं चना भी लगा है टमाटर भी लगा है, फसलों से फूल खत्म हो गया है और उनको मौसम खुलने का इंतज़ार है किसान कहते हैं मौसम खुले तो दवाई डालें। लेकिन हर 3 से 4 दिन में बदलते मौसम ने परेशानी बढ़ा दी है।

टमाटर में ब्लाइट का कहर

किसान शीतेश जीवन पटेल कहते हैं मौसम खुला था तो सबकुछ ठीक था लेकिन जैसे ही मौसम खराब हुआ है फसलों में ब्लाइट आना शुरू हो गया है, इतने में अगर हम दवाई डालेंगे तो दो एकड़ में 2 से ढाई हज़ार के करीब दवाई लग जायेगी।तब जाकर इसको कंट्रोल कर पाएंगे और जहां कंट्रोल किये फिर मौसम बिगड़ा, ऐसे में थोड़ी परेशानी तो बढ़ ही गई है समझिए।

मौसम का उतार चढ़ाव फसलों के लिए जहर

किसान शीतेश जींवन पटेल बताते है की मौसम का उतात चढ़ाव चल रहा है ये किसान के लिए जहर है गेहूं भी फूल में है चना भी फूल में है राहर तो खत्म ही हो गया। लेकिन अब जब बगिया बची है तो क्या करें किसी तरह बचाने की कोशिश करेंगे जो भी बचेगा दैवाइयों का सहारा लेकर।

राहर की फसल बर्बाद, दाल के बढ़ेंगे दाम

किसानों का कहना है कि इस मौसम में राहर की फसल पूरी तरह से खत्म हो गया है, राहर की खेतीं करने वाले किसानों को बहुत नुकसान हुआ है इस साल राहर के दाल की कीमत बढ़ने के पूरे आसार हैं।

सब्जियों की लागत बढ जाएगी

किसान शीतेश बताते हैं कि इस मौसम की वजह से इस बार सब्जी की खेतीं में लागत बढ़ने की उम्मीद है क्योंकी फासो को बचाने के लिए जितने दवाइयों का इस्तेमाल करेंगे इस बचाने केलिए जितने भी तरकीब करेंगे उसके लिए पैसे तो लगाने ही पड़ेंगे ऐसे में फसलों की लगात तो बढ़ेगी ही।




Conclusion:किसान शीतेश जींवन पटेल कहते हैं की अगर हमको 6 दिन तक एक सा तापमान मिल जाए तो फसल संभल सकती है लेकिन इस बार मौसम में वही नहीं मिल रहा है, अगर मौसम फिर बिगड़ा तो फूल झड़ जाएंगे कोहरा गिरा तो फिर फूल झड़ जाएंगे।अभी गर्मी है फिर रात में ठंडी हो जाती है, जो किसानों की समस्याओं को बढ़ा देगा। एक सा मौसम रहे तो फसलों के लिए बेहतर।
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