शहडोल। जिला कलेक्ट्रेट कार्यालय में उस वक्त हंगामा मच गया जब किसान परिवार कल्याण संगठन के जिला अध्यक्ष अरुण तिवारी ने आत्महत्या करने की कोशिश की. अरुण तिवारी पिछले कई दिनों से प्रशासन से जन सुनवाई के माध्यम से भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई लड़ रहे है, जांच हुई भी लेकिन जांच से संतुष्ट नहीं होने पर उन्होंने एक बार फिर से जांच की मांग की थी, साथ ही अपनी जीवन लीला समाप्त करने की चेतावनी भी दी थी.
अरुण तिवारी के मुताबिक किसानों की जमीन पर वन विभाग ने 5-5 एकड़ तक कब्जा कर रखा है. जिसके बाद उन्होंने कलेक्ट्रेट में इसकी शिकायत की थी, साथ ही पंचायत में व्याप्त भ्रष्टाचार को लेकर भी शिकायत की, इसकी जांच भी हुई, लेकिन दोषी पाए जाने के बाद भी कोई कार्रवाई नहीं हुई.
पहले ही दी थी आत्महत्या की चेतावनी
अरुण तिवारी ने बताया की उन्होंने मंगलवार को किसानों के साथ धरना प्रदर्शन किया और चेतावनी भी दी कि दोबारा जांच नहीं होने पर वो अपनी जीवन लीला समाप्त कर लेंगे, लेकिन फिर भी कोई सुनवाई नहीं हुई. जिसके बाद वह कुछ किसानों के साथ जिला कलेक्ट्रेट कार्यालय आये और अपनी जीवन लीला समाप्त करने की कोशिश की. इसके बाद वह जनसुनवाई कक्ष में बैठे-बैठे बेहोश हो गए. जानकारी मिलते ही कोतवाली टीआई रावेंद्र द्विवेदी मौके पर पहुंचे और मामाले की गंभीरता को देखते हुए तुरंत दो आरक्षकों को बुलाकर पत्रकारों के सहयोग से उन्हें इलाज के लिए जिला अस्पताल लाया गया.
कोतवाली थाना प्रभारी रावेंद्र द्विवेदी ने बताया कि किसान संगठन का आंदोलन करने के लिए अरुण तिवारी अपने कुछ लोगों के साथ आये हुए थे, जो बाहर नीचे इंतजार कर रहे थे, ऊपर अचानक उनकी तबियत बिगड़ गई, उन्हें जिला अस्पताल लाकर इलाज कराया जा रहा है.