शहडोल। शहर के जिला मुख्यालय में शालेय चेस प्रतियोगिता का आयोजन किया गया, जिसमें सोहागपुर, ब्यौहारी और बुढ़ार ब्लॉक के खिलाड़ियों को हिस्सा लेना था, लेकिन बुढ़ार ब्लॉक का एक भी चेस खिलाड़ी नहीं पहुंचा. जिस पर जिम्मेदारों का कहना था कि वहां चेस का प्रचलन है ही नहीं, लेकिन सवाल ये उठता है कि क्या बुढ़ार ब्लॉक में एक भी चेस का खिलाड़ी नहीं है.
इस ब्लॉक में एक भी नहीं चेस खिलाड़ी, वजह जान रह जाएंगे हैरान - शालेय चेस
शहडोल में शालेय चेस प्रतियोगिता का आयोजन किया गया, पर बुढ़ार विकास खंड से एक भी खिलाड़ी शामिल नहीं हुआ.
शहडोल में शालेय चेस प्रतियोगिता का आयोजन
शहडोल। शहर के जिला मुख्यालय में शालेय चेस प्रतियोगिता का आयोजन किया गया, जिसमें सोहागपुर, ब्यौहारी और बुढ़ार ब्लॉक के खिलाड़ियों को हिस्सा लेना था, लेकिन बुढ़ार ब्लॉक का एक भी चेस खिलाड़ी नहीं पहुंचा. जिस पर जिम्मेदारों का कहना था कि वहां चेस का प्रचलन है ही नहीं, लेकिन सवाल ये उठता है कि क्या बुढ़ार ब्लॉक में एक भी चेस का खिलाड़ी नहीं है.
Intro:नोट- वर्जन डीएसओ इंद्रपाल चौधरी का है।
क्या इस ब्लॉक में नहीं है कोई भी चेस खिलाड़ी, यहां खेली गई जिला स्तरीय चेस प्रतियोगिता
शहडोल- शहडोल जिला मुख्यालय में आज चेस प्रतियोगिता का आयोजन किया गया, ये प्रतियोगिता शालेय जिला स्तरीय प्रतियोगिता है जो एजुकेशन विभाग का है। इस प्रतियोगिता में शहडोल जिले के सोहागपुर, ब्यौहारी और बुढ़ार ब्लॉक के खोलड़ियों को हिस्सा लेना था। लेकिन सोहागपुर और ब्यौहारी ब्लॉक के खिलाड़ी तो इस प्रतियोगिता में शामिल हुए, लेकिन बुढ़ार ब्लॉक का एक भी चेस खिलाड़ी नहीं पहुंचा, जिस पर जिम्मेदारों का कहना था कि वहां चेस का प्रचलन नहीं लेकिन सवाल ये उठता है कि क्या बुढ़ार ब्लॉक में एक भी चेस का ख़िलाड़ि नहीं, बड़ा और गम्भीर सवाल है।
Body:जिला स्तरीय चेस प्रतियोगिता
डीएसओ इंद्रपाल चौधरी ने बताया की आज जिला मुख्यालय में जिला स्तरीय शालेय चेस प्रतियोगिता खेली जा रही है जिसमें जिले के हर विकासखंड से सेलेक्टेड खिलाड़ी शामिल हुए हैं। जिसमें सोहागपुर विकासखण्ड और ब्यौहारी विकासखंड के बच्चे शामिल हुए, जबकि बुढ़ार विकासखंड से एक भी बच्चा शामिल नहीं हुआ।
बुढ़ार विकासखंड में एक भी चेस खिलाड़ी नही
इस जिला स्तरीय शालेय चेस टूर्नामेंट में बुढ़ार विकासखंड से एक भी चेस ख़िलाड़ि शामिल नहीं हुआ, ऐसे में सवाल यही है कि क्या बुढ़ार विकाशखण्ड में एक भी चेस खिलाड़ी नहीं, जब इस बारे में हमने जिम्मेदारों से बात की तो उनका कहना था कि वहां चेस का प्रचलन नहीं।
Conclusion:लेकिन चेस जैसे खेल को लेकर वो भी बुढ़ार क्षेत्र में जिम्मेदारों का ये जवाब समझ से पर रहा। ऐसे में सवाल यही खड़ा होता है की क्या सचमुच वहां चेस का कोई प्लेयर ही नहीं या फिर खिलाडियों को जानकारी ही नहीं दी गई, आखिर कमी कहां रह गई, ब्यौहारी ब्लॉक पूरा एजुकेशन का है फिर भी वहां से जिला लेवल के लिए कम बच्चे ही शामिल हुए ऐसे में सवाल यही है कि दिक्कत कहां हो रही है, क्या बच्चों को इसकी सही जानकारी नहीं दी जा रही या फिर मामला कुछ और है।
क्या इस ब्लॉक में नहीं है कोई भी चेस खिलाड़ी, यहां खेली गई जिला स्तरीय चेस प्रतियोगिता
शहडोल- शहडोल जिला मुख्यालय में आज चेस प्रतियोगिता का आयोजन किया गया, ये प्रतियोगिता शालेय जिला स्तरीय प्रतियोगिता है जो एजुकेशन विभाग का है। इस प्रतियोगिता में शहडोल जिले के सोहागपुर, ब्यौहारी और बुढ़ार ब्लॉक के खोलड़ियों को हिस्सा लेना था। लेकिन सोहागपुर और ब्यौहारी ब्लॉक के खिलाड़ी तो इस प्रतियोगिता में शामिल हुए, लेकिन बुढ़ार ब्लॉक का एक भी चेस खिलाड़ी नहीं पहुंचा, जिस पर जिम्मेदारों का कहना था कि वहां चेस का प्रचलन नहीं लेकिन सवाल ये उठता है कि क्या बुढ़ार ब्लॉक में एक भी चेस का ख़िलाड़ि नहीं, बड़ा और गम्भीर सवाल है।
Body:जिला स्तरीय चेस प्रतियोगिता
डीएसओ इंद्रपाल चौधरी ने बताया की आज जिला मुख्यालय में जिला स्तरीय शालेय चेस प्रतियोगिता खेली जा रही है जिसमें जिले के हर विकासखंड से सेलेक्टेड खिलाड़ी शामिल हुए हैं। जिसमें सोहागपुर विकासखण्ड और ब्यौहारी विकासखंड के बच्चे शामिल हुए, जबकि बुढ़ार विकासखंड से एक भी बच्चा शामिल नहीं हुआ।
बुढ़ार विकासखंड में एक भी चेस खिलाड़ी नही
इस जिला स्तरीय शालेय चेस टूर्नामेंट में बुढ़ार विकासखंड से एक भी चेस ख़िलाड़ि शामिल नहीं हुआ, ऐसे में सवाल यही है कि क्या बुढ़ार विकाशखण्ड में एक भी चेस खिलाड़ी नहीं, जब इस बारे में हमने जिम्मेदारों से बात की तो उनका कहना था कि वहां चेस का प्रचलन नहीं।
Conclusion:लेकिन चेस जैसे खेल को लेकर वो भी बुढ़ार क्षेत्र में जिम्मेदारों का ये जवाब समझ से पर रहा। ऐसे में सवाल यही खड़ा होता है की क्या सचमुच वहां चेस का कोई प्लेयर ही नहीं या फिर खिलाडियों को जानकारी ही नहीं दी गई, आखिर कमी कहां रह गई, ब्यौहारी ब्लॉक पूरा एजुकेशन का है फिर भी वहां से जिला लेवल के लिए कम बच्चे ही शामिल हुए ऐसे में सवाल यही है कि दिक्कत कहां हो रही है, क्या बच्चों को इसकी सही जानकारी नहीं दी जा रही या फिर मामला कुछ और है।