- ग्वालियर अंजल के सबसे बड़े महिला अस्पताल कमलाराजा का सच
- एसएनसीयू वार्ड में हर साल 1900 से लेकर 2000 नवजात बच्चे तोड़ते है दम
- जिले में रोज पांच से छह नवजात बच्चों की हो जाती है मौत
- साल में 2000 बच्चे नहीं मना पाते पहला जन्मदिन
LIVE UPDATE: शहडोल जिला अस्पताल में 48 घंटें में चार बच्चों की मौत, अब तक 12 नवजातों की गई जान
19:41 December 04
ग्वालियर के महिला अस्पताल कमलाराजा में रोज होती पांच से छह बच्चों की मौत
19:39 December 04
नवजातों की मौत पर बोले स्वास्थ्य मंत्री
नवजातों की मौत के मामले में स्वास्थ्य मंत्री प्रभुराम चौधरी का बयान
'बच्चों के इलाज में नहीं बरती गई कोई लापरवाही'
'बच्चों को बचाने का प्रयास किया गया है, लेकिन बच्चे नहीं बच पाए'
16:48 December 04
शहडोल में नवजात बच्चों की मौत पर सियासत
शहडोल में मासूम बच्चों की मौत पर गरमाई सियासत
कांग्रेस ने उठाई गैर इरादतन हत्या का मामला दर्ज करने की मांग
जिले के डॉक्टरों और स्वास्थ्य मंत्री के खिलाफ मामला दर्ज करने की मांग
14:00 December 04
नवजात बच्चों की मौत पर स्वास्थ्य संचालक ने बुलाई अधिकारियों की बैठक
- शहडोल में बच्चों की मौत को लेकर स्वास्थ्य संचालक ने बुलाई अधिकारियों की बैठक
- भोपाल से जांच के लिए शहडोल जाएगी एक टीम
- शहडोल के अलावा अनूपपुर उमरिया में भी जांच के लिए भेजी जाएगी टीम
13:58 December 04
नवजात बच्चों की मौत पर कांग्रेस भेजेगी जांच दल
- भोपाल। शहडोल में नवजात शिशु की मौतों पर कांग्रेस भेजेगी जांच दल
- चार सदस्यीय जांच दल में दो विधायक और दो जिलाध्यक्ष शामिल
- प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ के निर्देश पर जांच दल गठित
13:37 December 04
नवजात बच्चों की मौत पर बोले स्वास्थ्य मंत्री प्रभुराम चौधरी
- शहडोल में हुई 12 बच्चों की मौत पर स्वास्थ्य मंत्री प्रभुराम चौधरी का बयान
- मुख्यमंत्री के निर्देश पर मामले की हुई है जांच
- डॉक्टरों ने बच्चों को बचाने का पूरा प्रयास किया है, लेकिन बच्चे नहीं बच पाए
- जांच रिपोर्ट पर उठ रहे सवाल पर स्वास्थ्य मंत्री प्रभुराम चौधरी ने साधी चुप्पी
12:56 December 04
शहडोल जिला अस्पताल में 48 घंटें में चार बच्चों की मौत, अब तक 12 नवजातों की गई जान
शहडोल। जिला अस्पताल में मासूमों की मौत का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है. आज एक बार फिर जिला अस्पताल में चार और बच्चों की मौत हो गई. 48 घंटों में चार बच्चे काल के गाल में समा गए. जिसके बाद मरने वाले नवजात बच्चों की संख्या बढ़कर 12 हो गई है. पिछले छह दिन के अंदर 12 बच्चें मौत की नींद सो गए. नवजात बच्चों की मौत पर अस्पताल प्रबंधन सवालों के घेरे में है. जानकारी के मुताबिक बच्चें जिला अस्पताल के पीआईसीयू वार्ड में भर्ती थे. पाली से 7 माह के नवजात को गुरुवार की सुबह 11 बजे गंभीर हालत में जिला अस्पताल लाया गया था, जिसकी मौत निमोनिया से होना बताया जा रहा है. वहीं डिंडोरी से आये 1 माह 10 दिन के नवजात की मौत के पीछे कम वजन का होना बताया गया है. जिला अस्पताल में पिछले 1 हफ्ते के भीतर 12 बच्चों की मौत हो चुकी है.
2 विशेषज्ञों की टीम कर रही जांच
शहडोल जिला अस्पताल में लगातार हो रही बच्चों की मौत के मामले में जबलपुर मेडिकल कॉलेज से 2 विशेषज्ञों की टीम भी भेजी गई थी कि आखिर बच्चों की मौत क्यों हो रही है. इसकी जांच की जाए और रिपोर्ट सीधे राज्य सरकार को सौंपी जाएगी. इस मामले को लेकर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने भी संज्ञान में लिया है, लेकिन फिर भी बच्चों के मौत का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है.
1 दिसंबर तक 8 बच्चों की हुई थी मौत
27 नवंबर से 1 दिसंबर के बीच 8 नवजातों की मौत हुई थी. इनमें 5 शहडोल जिले से, 2 अनूपपुर और एक उमरिया का नवजात बच्चा शामिल है. इस बारे में सिविल सर्जन बीएस बारिया का ने बताया था की जब से शहडोल में मेडिकल कॉलेज बना है, तब से सभी नवजात रेफर होकर शहडोल जिला अस्पताल आते हैं.
स्वास्थ्य मंत्री प्रभु राम चौधरी ने दिए जांच के आदेश
स्वास्थ्य मंत्री प्रभु राम चौधरी ने मामले में जांच के आदेश दिए हैं, जो लोग दोषी पाए जाएंगे उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी. मामले की गंभीरता को देखते हुए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने भी संज्ञान लिया है.
सीएम शिवराज ने तलब की थी जांच रिपोर्ट
इस मामले में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने भी स्वास्थ्य अधिकारियों की बैठक बुलाई थी. सीएम शिवराज ने इस मामले में जांच रिपोर्ट तलब की है. साथ ही अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा था कि बच्चों के इलाज में कोई भी कोताही नहीं होनी चाहिए. अगर कहीं कोई व्यवस्थाओं में कमी है तो उसे तत्काल पूरा किया जाए. वेंटिलेटर और अन्य उपकरणों का समुचित प्रबंध किया जाए. शिवराज सिंह ने कहा कि स्वास्थ्य विभाग के आला अधिकारी इस घटना को गंभीरता से लें, और जरूरी होने पर जबलपुर से डॉक्टरों की टीम बच्चों के इलाज के लिए भेजें. मुख्यमंत्री ने अस्पतालों में व्यवस्थाओं के निरीक्षण के निर्देश भी दिए थे.
रविवार को खबर आई थी सामने
रविवार के दिन जैसे ही यह खबर सामने आई कि पिछले 24 घंटे में 4 नवजातओं की मौत हो गई है. जिसमें 3 दिन से लेकर के 4 महीने तक के मौत बच्चों की मौत हुई है. जिसमें पीआईसीयू में तीन और एसएनसीयू में एक बच्चे की मौत हुई थी. उसमें बुढार के अरझूली के 4 माह का बच्चा पुष्पराज सिंह, सिंहपुर बोडरी गांव के 3 माह का बच्चा राज कोल, 2 माह का प्रियांश, ये सभी पीआईसीयू में भर्ती थे. तो वहीं उमरिया जिले के निशा की भी एसएनसीयू में मौत हुई है. नवजात की मौत से हड़कंप मच गया था. इसके बाद रविवार के दिन ही एक और बच्चे की मौत की खबर आई थी और शुक्रवार को फिर से दो नवजात की मौत हो गई. इसको मिलाकर अभी तक 10 बच्चों की मौत हो चुकी है.
19:41 December 04
ग्वालियर के महिला अस्पताल कमलाराजा में रोज होती पांच से छह बच्चों की मौत
- ग्वालियर अंजल के सबसे बड़े महिला अस्पताल कमलाराजा का सच
- एसएनसीयू वार्ड में हर साल 1900 से लेकर 2000 नवजात बच्चे तोड़ते है दम
- जिले में रोज पांच से छह नवजात बच्चों की हो जाती है मौत
- साल में 2000 बच्चे नहीं मना पाते पहला जन्मदिन
19:39 December 04
नवजातों की मौत पर बोले स्वास्थ्य मंत्री
नवजातों की मौत के मामले में स्वास्थ्य मंत्री प्रभुराम चौधरी का बयान
'बच्चों के इलाज में नहीं बरती गई कोई लापरवाही'
'बच्चों को बचाने का प्रयास किया गया है, लेकिन बच्चे नहीं बच पाए'
16:48 December 04
शहडोल में नवजात बच्चों की मौत पर सियासत
शहडोल में मासूम बच्चों की मौत पर गरमाई सियासत
कांग्रेस ने उठाई गैर इरादतन हत्या का मामला दर्ज करने की मांग
जिले के डॉक्टरों और स्वास्थ्य मंत्री के खिलाफ मामला दर्ज करने की मांग
14:00 December 04
नवजात बच्चों की मौत पर स्वास्थ्य संचालक ने बुलाई अधिकारियों की बैठक
- शहडोल में बच्चों की मौत को लेकर स्वास्थ्य संचालक ने बुलाई अधिकारियों की बैठक
- भोपाल से जांच के लिए शहडोल जाएगी एक टीम
- शहडोल के अलावा अनूपपुर उमरिया में भी जांच के लिए भेजी जाएगी टीम
13:58 December 04
नवजात बच्चों की मौत पर कांग्रेस भेजेगी जांच दल
- भोपाल। शहडोल में नवजात शिशु की मौतों पर कांग्रेस भेजेगी जांच दल
- चार सदस्यीय जांच दल में दो विधायक और दो जिलाध्यक्ष शामिल
- प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ के निर्देश पर जांच दल गठित
13:37 December 04
नवजात बच्चों की मौत पर बोले स्वास्थ्य मंत्री प्रभुराम चौधरी
- शहडोल में हुई 12 बच्चों की मौत पर स्वास्थ्य मंत्री प्रभुराम चौधरी का बयान
- मुख्यमंत्री के निर्देश पर मामले की हुई है जांच
- डॉक्टरों ने बच्चों को बचाने का पूरा प्रयास किया है, लेकिन बच्चे नहीं बच पाए
- जांच रिपोर्ट पर उठ रहे सवाल पर स्वास्थ्य मंत्री प्रभुराम चौधरी ने साधी चुप्पी
12:56 December 04
शहडोल जिला अस्पताल में 48 घंटें में चार बच्चों की मौत, अब तक 12 नवजातों की गई जान
शहडोल। जिला अस्पताल में मासूमों की मौत का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है. आज एक बार फिर जिला अस्पताल में चार और बच्चों की मौत हो गई. 48 घंटों में चार बच्चे काल के गाल में समा गए. जिसके बाद मरने वाले नवजात बच्चों की संख्या बढ़कर 12 हो गई है. पिछले छह दिन के अंदर 12 बच्चें मौत की नींद सो गए. नवजात बच्चों की मौत पर अस्पताल प्रबंधन सवालों के घेरे में है. जानकारी के मुताबिक बच्चें जिला अस्पताल के पीआईसीयू वार्ड में भर्ती थे. पाली से 7 माह के नवजात को गुरुवार की सुबह 11 बजे गंभीर हालत में जिला अस्पताल लाया गया था, जिसकी मौत निमोनिया से होना बताया जा रहा है. वहीं डिंडोरी से आये 1 माह 10 दिन के नवजात की मौत के पीछे कम वजन का होना बताया गया है. जिला अस्पताल में पिछले 1 हफ्ते के भीतर 12 बच्चों की मौत हो चुकी है.
2 विशेषज्ञों की टीम कर रही जांच
शहडोल जिला अस्पताल में लगातार हो रही बच्चों की मौत के मामले में जबलपुर मेडिकल कॉलेज से 2 विशेषज्ञों की टीम भी भेजी गई थी कि आखिर बच्चों की मौत क्यों हो रही है. इसकी जांच की जाए और रिपोर्ट सीधे राज्य सरकार को सौंपी जाएगी. इस मामले को लेकर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने भी संज्ञान में लिया है, लेकिन फिर भी बच्चों के मौत का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है.
1 दिसंबर तक 8 बच्चों की हुई थी मौत
27 नवंबर से 1 दिसंबर के बीच 8 नवजातों की मौत हुई थी. इनमें 5 शहडोल जिले से, 2 अनूपपुर और एक उमरिया का नवजात बच्चा शामिल है. इस बारे में सिविल सर्जन बीएस बारिया का ने बताया था की जब से शहडोल में मेडिकल कॉलेज बना है, तब से सभी नवजात रेफर होकर शहडोल जिला अस्पताल आते हैं.
स्वास्थ्य मंत्री प्रभु राम चौधरी ने दिए जांच के आदेश
स्वास्थ्य मंत्री प्रभु राम चौधरी ने मामले में जांच के आदेश दिए हैं, जो लोग दोषी पाए जाएंगे उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी. मामले की गंभीरता को देखते हुए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने भी संज्ञान लिया है.
सीएम शिवराज ने तलब की थी जांच रिपोर्ट
इस मामले में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने भी स्वास्थ्य अधिकारियों की बैठक बुलाई थी. सीएम शिवराज ने इस मामले में जांच रिपोर्ट तलब की है. साथ ही अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा था कि बच्चों के इलाज में कोई भी कोताही नहीं होनी चाहिए. अगर कहीं कोई व्यवस्थाओं में कमी है तो उसे तत्काल पूरा किया जाए. वेंटिलेटर और अन्य उपकरणों का समुचित प्रबंध किया जाए. शिवराज सिंह ने कहा कि स्वास्थ्य विभाग के आला अधिकारी इस घटना को गंभीरता से लें, और जरूरी होने पर जबलपुर से डॉक्टरों की टीम बच्चों के इलाज के लिए भेजें. मुख्यमंत्री ने अस्पतालों में व्यवस्थाओं के निरीक्षण के निर्देश भी दिए थे.
रविवार को खबर आई थी सामने
रविवार के दिन जैसे ही यह खबर सामने आई कि पिछले 24 घंटे में 4 नवजातओं की मौत हो गई है. जिसमें 3 दिन से लेकर के 4 महीने तक के मौत बच्चों की मौत हुई है. जिसमें पीआईसीयू में तीन और एसएनसीयू में एक बच्चे की मौत हुई थी. उसमें बुढार के अरझूली के 4 माह का बच्चा पुष्पराज सिंह, सिंहपुर बोडरी गांव के 3 माह का बच्चा राज कोल, 2 माह का प्रियांश, ये सभी पीआईसीयू में भर्ती थे. तो वहीं उमरिया जिले के निशा की भी एसएनसीयू में मौत हुई है. नवजात की मौत से हड़कंप मच गया था. इसके बाद रविवार के दिन ही एक और बच्चे की मौत की खबर आई थी और शुक्रवार को फिर से दो नवजात की मौत हो गई. इसको मिलाकर अभी तक 10 बच्चों की मौत हो चुकी है.