शहडोल। शहडोल जिले के धनपुरी नगरपालिका क्षेत्र में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा ने चुनावी जनसभा को संबोधित किया. मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भारतीय जनता पार्टी के विकास के कामों को गिनाया तो वहीं पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ को आड़े हाथ लिया और उन पर जमकर तंज कसे.
कांग्रेस ने बर्बाद किया और हमने आबाद किया : धनपुरी नगरपालिका और बकहो नगरपंचायत के बीजेपी प्रत्याशियों के समर्थन में सभा में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि कांग्रेस के जमाने की सड़कें याद आ जाती हैं तो हालत खराब हो जाती है. अगर कोई रीवा, सीधी से शहडोल आता था तो गाड़ी भी टूट जाती थी और हड्डियां भी चटक जाती थीं. 2003 के पहले देख लो, उन्होंने बर्बाद किया और हमने आबाद क़िया. कमलनाथ मुख्यमंत्री बन कर आए थे तो 15 महीने यही रोते रहते थे कि मेरे पास पैसा नहीं है. मामा खजाना खाली कर गया.
![CM Shivraj target on Kamal Nath](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/mp-sha-01-cm-in-dhanpuri-pkg-7203529_07072022150515_0707f_1657186515_167.jpg)
कमलनाथ पर साधा निशाना : सीएम शिवराज ने कमलनाथ पर निशाना साधते हुए कहा कि जब पैसा नहीं थे तो फिर मुख्यमंत्री क्यों बने. मैं कहता हूं कि मेरे पास धनपुरी व बकहो के विकास के लिए पैसे की कमी नहीं है. सुना है कि कमलनाथ अधिकारी- कर्मचारियों पर गुस्सा हो रहे थे. सीएम शिवराज ने कहा कि रस्सी जल गई लेकिन बल नहीं गया. कमलनाथ ने कहा कि देख लूंगा और यहां जनता ने ही देख लिया.
![CM Shivraj target on Kamal Nath](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/mp-sha-01-cm-in-dhanpuri-pkg-7203529_07072022150515_0707f_1657186515_922.jpg)
रूठों को मनाने की कोशिश : मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने जनसभा को संबोधित करते हुए अपने पूरे भाषण में जहां एक ओर अपनी योजनाएं गिनाईं. बीजेपी के किए गए विकास कार्यों का गुणगान किया तो वहीं दूसरी ओर कांग्रेस पर जमकर निशाना साधा. इस दौरान रूठों को संभालने की कोशिश भी की गई. बता दें कि धनपुरी नगरपालिका क्षेत्र में चुनाव होने हैं, जहां पर बीजेपी के कुछ नेता अंदर खाने टिकट को लेकर नाराज चल रहे हैं. जिला स्तर पर पदाधिकारियों से जब मामला नहीं संभला तो अब बीजेपी के प्रदेश लेवल के पदाधिकारी मोर्चा संभालते नजर आ रहे हैं. (CM Shivraj target on Kamal Nath) (Rope burnt but force not go)