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निजीकरण के विरोध में बंद रहे बैंक, कर्मचारियों ने किया प्रदर्शन

शहडोल में भी बैंक कर्मचारियों के प्रदर्शन का असर देखने को मिला शहडोल जिले में भी बैंक बंद रहे. अपने बैंकों के बाहर कर्मचारी प्रदर्शन करते नजर आए. शहर के सेंट्रल बैंक के बाहर कई कर्मचारी एक साथ इकट्ठा हुए और जमकर नारेबाजी की. यह प्रदर्शन 15 और 16 तारीख को 2 दिन के लिए किया गया

Bank employees protest against privatization
बैंक कर्मचारियों ने किया प्रदर्शन
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Published : Mar 17, 2021, 4:37 PM IST

शहडोल। शहडोल में भी बैंक कर्मचारियों का प्रदर्शन देखने को मिला. सोमवार को जिले में बैंक बंद रहे और सारे कामकाज बंद रहे. निजीकरण के विरोध में बैंक कर्मचारियों ने अपने बैंक के बाहर नारेबाजी कर प्रदर्शन भी किया.

बैंक कर्मचारियों ने किया प्रदर्शन

बैंक कर्मचारियों का प्रदर्शन

शहडोल में भी बैंक कर्मचारियों के प्रदर्शन का असर देखने को मिला. शहडोल जिले में भी बैंक बंद रहे. अपने बैंको के बाहर कर्मचारी प्रदर्शन करते नजर आए. शहर के सेंट्रल बैंक के बाहर कई कर्मचारी एक साथ इकट्ठा हुए और जमकर नारेबाजी की. यह प्रदर्शन 15 और 16 तारीख को 2 दिन के लिए किया जाएगा. इस दौरान बैंक के कर्मचारी काम नहीं करेंगे. जिसकी वजह से दो दिन बैंक बंद रहेंगे. बैंक कर्मचारी यह प्रदर्शन निजीकरण के विरोध में कर रहे हैं. उनका कहना है कि बैंकों का निजीकरण बंद किया जाए.

'बंद हो बैंकों का निजीकरण'

सेंट्रल बैंक के कर्मचारियों के साथ प्रदर्शन कर रहे समीर सिंह ने कहा, कि "यस बैंक डूब गया. क्योंकि वो प्राइवेट बैंक था. प्राइवेट बैंक डूब रहे हैं. अमेरिका में जो मंदी आई थी, उसकी वजह प्राइवेट बैंक थे." आगे उन्होंने कहा कि "जब प्राइवेट बैंक डूबते हैं तो सरकारी बैंक उन्हें अधिग्रहित करने के लिए आगे आते हैं. आप सरकारी बैंकों को मजबूत क्यों नहीं बना रहे हैं. सरकारी बैंकों को आप स्टाफ क्यों नहीं दे रहे हैं. उनको बेच के आप उल्टी गंगा क्यों बहा रहे हैं, आर्थिक मंदी के जो कारण है बड़े कॉरपोरेट्स जो डिफाल्टर कॉरपोरेट व्यवसायी हैं, क्यों नहीं उनसे आप कर्जा वसूलते हैं. हम ग्रामीण और गरीबों को भी सेवाएं देते हैं. उनके लिए आप हमें कर्मचारी क्यों नहीं देते हैं. आप हमें कर्मचारी दीजिए हम आपको रिजल्ट देंगे. हम कर्मचारियों का वेतन वहन कर सकते हैं. हमें प्राइवेट बैंकों की जरूरत नहीं हैं. देश की अर्थव्यवस्था सरकारी बैंकों के वजह से ही चल रही है. आप हमें कर्मचारी दीजिए, हम ग्राहकों को सेवाएं देंगे. हम देश को प्रॉफिट देंगे बैंकों का निजीकरण बंद कीजिए."

उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम: कंज्यूमर फोरम में नहीं हो पाई भर्तियां

बैंक बंद होने से परेशान हुए ग्रामीण

बैंक बंद रहने से ग्रामीण भी काफी परेशान होते नजर आए. क्योंकि शनिवार को छुट्टी थी. रविवार को भी छुट्टी थी. प्रदर्शन की वजह से बैंक बंद रहे और मंगलवार को भी प्रदर्शन की वजह से बैंक बंद रहेंगे. जिसके चलते बैंकों से अपना काम कराने आए ग्राहक परेशान होते नजर आए.

शहडोल। शहडोल में भी बैंक कर्मचारियों का प्रदर्शन देखने को मिला. सोमवार को जिले में बैंक बंद रहे और सारे कामकाज बंद रहे. निजीकरण के विरोध में बैंक कर्मचारियों ने अपने बैंक के बाहर नारेबाजी कर प्रदर्शन भी किया.

बैंक कर्मचारियों ने किया प्रदर्शन

बैंक कर्मचारियों का प्रदर्शन

शहडोल में भी बैंक कर्मचारियों के प्रदर्शन का असर देखने को मिला. शहडोल जिले में भी बैंक बंद रहे. अपने बैंको के बाहर कर्मचारी प्रदर्शन करते नजर आए. शहर के सेंट्रल बैंक के बाहर कई कर्मचारी एक साथ इकट्ठा हुए और जमकर नारेबाजी की. यह प्रदर्शन 15 और 16 तारीख को 2 दिन के लिए किया जाएगा. इस दौरान बैंक के कर्मचारी काम नहीं करेंगे. जिसकी वजह से दो दिन बैंक बंद रहेंगे. बैंक कर्मचारी यह प्रदर्शन निजीकरण के विरोध में कर रहे हैं. उनका कहना है कि बैंकों का निजीकरण बंद किया जाए.

'बंद हो बैंकों का निजीकरण'

सेंट्रल बैंक के कर्मचारियों के साथ प्रदर्शन कर रहे समीर सिंह ने कहा, कि "यस बैंक डूब गया. क्योंकि वो प्राइवेट बैंक था. प्राइवेट बैंक डूब रहे हैं. अमेरिका में जो मंदी आई थी, उसकी वजह प्राइवेट बैंक थे." आगे उन्होंने कहा कि "जब प्राइवेट बैंक डूबते हैं तो सरकारी बैंक उन्हें अधिग्रहित करने के लिए आगे आते हैं. आप सरकारी बैंकों को मजबूत क्यों नहीं बना रहे हैं. सरकारी बैंकों को आप स्टाफ क्यों नहीं दे रहे हैं. उनको बेच के आप उल्टी गंगा क्यों बहा रहे हैं, आर्थिक मंदी के जो कारण है बड़े कॉरपोरेट्स जो डिफाल्टर कॉरपोरेट व्यवसायी हैं, क्यों नहीं उनसे आप कर्जा वसूलते हैं. हम ग्रामीण और गरीबों को भी सेवाएं देते हैं. उनके लिए आप हमें कर्मचारी क्यों नहीं देते हैं. आप हमें कर्मचारी दीजिए हम आपको रिजल्ट देंगे. हम कर्मचारियों का वेतन वहन कर सकते हैं. हमें प्राइवेट बैंकों की जरूरत नहीं हैं. देश की अर्थव्यवस्था सरकारी बैंकों के वजह से ही चल रही है. आप हमें कर्मचारी दीजिए, हम ग्राहकों को सेवाएं देंगे. हम देश को प्रॉफिट देंगे बैंकों का निजीकरण बंद कीजिए."

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बैंक बंद होने से परेशान हुए ग्रामीण

बैंक बंद रहने से ग्रामीण भी काफी परेशान होते नजर आए. क्योंकि शनिवार को छुट्टी थी. रविवार को भी छुट्टी थी. प्रदर्शन की वजह से बैंक बंद रहे और मंगलवार को भी प्रदर्शन की वजह से बैंक बंद रहेंगे. जिसके चलते बैंकों से अपना काम कराने आए ग्राहक परेशान होते नजर आए.

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