सिवनी। नर्सों की हड़ताल की वजह से सिवनी जिला अस्पताल में स्वास्थ्य व्यवस्थाएं चरमरा गई हैं. नर्सों के बिना अस्पताल में भर्ती मरीजों को संभालने में काफी परेशानी हो रही है. अब अस्पताल प्रबंधन ने गंभीर मरीजों को भर्ती करने से साफ इनकार कर दिया है. कई भर्ती मरीजों को अस्पताल से जबरन डिस्चार्ज भी किया जा रहा है. इस बीच इलाज में आभाव से दो मरीजों ने दम भी तोड़ दिया. हड़ताल की वजह से जिला अस्पताल के आईसीयू सहित ज्यादातर वॉर्डो में ताला लगा हुआ है.अस्पताल में स्थिति यह है कि वॉर्डबॉय मरीजों को इंजेक्शन और ड्रिप लगा रहे हैं.
डॉक्टर्स-वॉर्डबॉय देख रहे मरीज
मामले में सिविल सर्जन डॉ. वी.के नॉवकर ने बताया कि अस्पताल में व्यवस्था बनाने का कोशिश जारी है. नर्सों की हड़ताल से गर्भवती महिलाओं का सीजर ऑपरेशन नहीं हो पा रहा है. हालांकि डॉक्टर्स खुद मरीजों को देखने और दवाई पहुंचाने की कोशिश कर रहे हैं. कुछ वॉर्डो में वॉर्डबॉय की मदद भी ली जा रही है.
ICU में लगा ताला, मरीजों हो रहे डिस्चार्ज
नर्सों की हड़ताल की वजह से अस्पताल में स्टाफ की काफी कमी है. लिहाजा अस्पताल के आईसीयू वॉर्ड में अस्पताल प्रबंधन ने ताला लगा दिया है. ऐसे में हार्ट-अटैक के मरीजों को नागपुर इलाज कराने जाना पड़ रहा है. अस्पताल प्रबंधन ने महिला वॉर्ड, मेल वॉर्ड सहित अन्य वॉर्डो में भर्ती मरीजों को डिस्चार्ज करना शुरू कर दिया है. कई वॉर्डों को पूरी तरह खाली कर लिया गया है. वर्तमान में अस्पताल में 129 मरीज भर्ती हैं, जिनका इलाज वॉर्डबॉय कर रहे हैं.
आपको बता दें, नर्सेस एसोसिएशन के बैनर तले नर्सों ने 30 जून से अपनी विभिन्न मांगों को लेकर अनिश्चितकालीन हड़ताल शुरू की है. जिस वजह से स्वास्थ्य व्यवस्थाएं काफी प्रभावित हैं. ड्रिप, इंजेक्शन सहित अन्य इलाज कराने के लिए मरीज के परिजनों को काफी भटकना पड़ रहा है.
क्या है नर्सेस एसोसिएशन की मांग ?