ETV Bharat / state

बर्बादी की थाह लेने पहुंची ईटीवी भारत की टीम, लोगों ने सुनाया दर्द-ए-हाल

सिवनी जिले के केवलारी तहसील मुख्यालय में एक दिन पहले आई बाढ़ ने भारी तबाही मचाई है, जब ईटीवी भारत की टीम वहां का जायजा लेने पहुंची तो लोगों का दर्द छलक उठा.

author img

By

Published : Aug 31, 2020, 1:57 PM IST

Updated : Aug 31, 2020, 2:36 PM IST

Flood in mandla
बाढ़ ने मचाई तबाही

सिवनी। मध्यप्रदेश के कई जिलों में आफत की बारिश हो रही है, जहां बाढ़ के चलते भारी नुकसान हुआ है, वहीं सिवनी के केवलारी तहसील मुख्यालय पर एक दिन पहले आई बाढ़ ने भारी तबाही मचाई है. जब ईटीवी भारत की टीम वहां का जायजा लेने पहुंची तो लोगों का दर्द छलक उठा, उनका कहना था कि 1968 के बाद ऐसी बाढ़ आई है, जिसने सबकुछ चौपट कर दिया है. उनके पास न तो सिर छिपाने के लिए मकान है और न खाने-पीने के लिए राशन बचा है. ऐसे में सभी को उम्मीद है कि अब सरकार उनकी मदद करेगी. संतोष यादव का परिवार हो या फिर नसीमा बानो का, इनके सिर पर अब छत नहीं है, इन परिवारों के पास आशियाने के नाम पर मिट्टी और कीचड़ का ढेर बचा है. तबाही की ये तस्वीरें बस इतनी ही नहीं हैं, केवलारी तहसील मुख्यालय पर ही दर्जनों ऐसे घर हैं जिनका अब नामोनिशान भी नहीं बचा है और जो बच गए हैं वे कब धराशाई हो जाएं, कुछ कहा नहीं जा सकता.

बाढ़ ने मचाई तबाही
Flood in mandla
बाढ़ से धाराशायी मकान

अचानक आई बाढ़ ने मचाई तबाही

बीते दो दिनों से हो रही बारिश के बाद सिवनी जिले के ऐतिहासिक मिट्टी के बांध के सभी गेट खोल दिए गए, जिसके बाद अचानक निचली बस्तियों में सागर नदी का पानी भरना शुरू हुआ हो गया, जिसने सब कुछ तबाह कर दिया. बाढ़ से सभी लोग जैसे-तैसे राहत कैम्प में रात गुजारे. जब बाढ़ का पानी उतरने के बाद अपनी बस्तियों में पहुंचे तो किसी का घर जमींदोज हो चुका था तो किसी की पूरी गृहस्थी मिट्टी में मिल चुकी थी, ऐसे में शायद ही कोई परिवार बचा हो, जिनका अनाज और गृहस्थी का सामान बाढ़ की भेंट न चढ़ा हो. जो कुछ बचा है तो उसमें से एक भी दाना काम का नहीं बचा है.

Flood in mandla
सामानों की हुई बर्बादी

नेताओं ने लिया जायजा

पूर्व विधायक रजनीश सिंह ने लोगों के बीच पहुंचकर हालात का जायजा लिया और इस तबाही के लिए प्राकृतिक आपदा के साथ ही भीमगढ़ डैम के पानी छोड़े जाने की टाइमिंग और लोगों को बिना अलर्ट के पानी छोड़े जाने को जिम्मेदार ठहराते हुए प्रदेश के मुखिया से मांग की है कि सभी को सौ प्रतिशत मुआवजा दिया जाए. साथ ही तहसील मुख्यालय में ही सर्वे का काम दोपहर बाद तक शुरू न हो पाने पर उन्होंने नाराजगी व्यक्त की.

Flood in mandla
ईटीवी भारत की टीम पहुंची बाढ़ग्रस्त इलाका

ये भी पढ़े- डॉक्टर को ब्लैकमेल कर मांगे 50 लाख रुपए, क्राइम ब्रांच के शिकंजे में दो आरोपी

विधायक बोले जल्द होगी प्रभावित लोगों की मदद

बीजेपी विधायक राकेश पाल भी बर्बादी के हालातों का जायजा लेने पहुंचे तो उनका कहना था कि प्रशासन का अमला उनके साथ ही चल रहा है और बाढ़ प्रभावित लोगों के साथ ही किसानों को मुआवजा दिलाने के लिए प्रदेश के मुखिया से चर्चा हुई है और सर्वे भी शुरू हो चुका है, आवास योजना के तहत गरीबों को मकान के साथ ही सभी को नुकसान का मुआवजा जल्द दिलाया जाएगा.

Flood in mandla
टूटे मकान
Flood in mandla
रुआनी चेहरे

ये भी पढ़े- मूलभूत सुविधाओं के अभाव में जी रही विशेष संरक्षित जनजाति

कितना है तबाही का आंकड़ा

ये कहना मुश्किल है कि बाढ़ से किसको कितना नुकसान हुआ है, लेकिन केवलारी की बात करें तो करीब 24 से ज्यादा मकान जमींदोज हो चुके हैं. करीब 50 से अधिक मकान खस्ताहाल हैं, इसके अलावा सागर नदी के किनारे, शंकर मदिया मोहल्ला, जैनी मोहल्ला, गौंडी मोहल्ला और खेरमाई मोहल्ले के लगभग सभी घरों की गृहस्थी का सारा सामान सड़क पर रख कर सुखाने की कोशिश इस उम्मीद में कर रहे कि शायद कुछ बच जाए, लेकिन पानी में भीगा अनाज और बिजली के सामान तो पूरी तरह बर्बाद हो चुके हैं. घरों के मलबे में अब भी बर्तन भांडे और दूसरे सामान दबे पड़े हैं. बाढ़ को प्राकृतिक आपदा कहें या फिर अचानक डैम के गेट खोले जाने की लापरवाही, ये तो जांच का विषय है. ईटीवी भारत की टीम के माध्यम से रुआनी चेहरे में लोगों ने सरकार से सवाल पूछे और कहा है कि तबाही के बाद अब जिंदगी की नई शुरूआत आखिर किसके सहारे और भरोसे से सम्भव हो पाएगी.

सिवनी। मध्यप्रदेश के कई जिलों में आफत की बारिश हो रही है, जहां बाढ़ के चलते भारी नुकसान हुआ है, वहीं सिवनी के केवलारी तहसील मुख्यालय पर एक दिन पहले आई बाढ़ ने भारी तबाही मचाई है. जब ईटीवी भारत की टीम वहां का जायजा लेने पहुंची तो लोगों का दर्द छलक उठा, उनका कहना था कि 1968 के बाद ऐसी बाढ़ आई है, जिसने सबकुछ चौपट कर दिया है. उनके पास न तो सिर छिपाने के लिए मकान है और न खाने-पीने के लिए राशन बचा है. ऐसे में सभी को उम्मीद है कि अब सरकार उनकी मदद करेगी. संतोष यादव का परिवार हो या फिर नसीमा बानो का, इनके सिर पर अब छत नहीं है, इन परिवारों के पास आशियाने के नाम पर मिट्टी और कीचड़ का ढेर बचा है. तबाही की ये तस्वीरें बस इतनी ही नहीं हैं, केवलारी तहसील मुख्यालय पर ही दर्जनों ऐसे घर हैं जिनका अब नामोनिशान भी नहीं बचा है और जो बच गए हैं वे कब धराशाई हो जाएं, कुछ कहा नहीं जा सकता.

बाढ़ ने मचाई तबाही
Flood in mandla
बाढ़ से धाराशायी मकान

अचानक आई बाढ़ ने मचाई तबाही

बीते दो दिनों से हो रही बारिश के बाद सिवनी जिले के ऐतिहासिक मिट्टी के बांध के सभी गेट खोल दिए गए, जिसके बाद अचानक निचली बस्तियों में सागर नदी का पानी भरना शुरू हुआ हो गया, जिसने सब कुछ तबाह कर दिया. बाढ़ से सभी लोग जैसे-तैसे राहत कैम्प में रात गुजारे. जब बाढ़ का पानी उतरने के बाद अपनी बस्तियों में पहुंचे तो किसी का घर जमींदोज हो चुका था तो किसी की पूरी गृहस्थी मिट्टी में मिल चुकी थी, ऐसे में शायद ही कोई परिवार बचा हो, जिनका अनाज और गृहस्थी का सामान बाढ़ की भेंट न चढ़ा हो. जो कुछ बचा है तो उसमें से एक भी दाना काम का नहीं बचा है.

Flood in mandla
सामानों की हुई बर्बादी

नेताओं ने लिया जायजा

पूर्व विधायक रजनीश सिंह ने लोगों के बीच पहुंचकर हालात का जायजा लिया और इस तबाही के लिए प्राकृतिक आपदा के साथ ही भीमगढ़ डैम के पानी छोड़े जाने की टाइमिंग और लोगों को बिना अलर्ट के पानी छोड़े जाने को जिम्मेदार ठहराते हुए प्रदेश के मुखिया से मांग की है कि सभी को सौ प्रतिशत मुआवजा दिया जाए. साथ ही तहसील मुख्यालय में ही सर्वे का काम दोपहर बाद तक शुरू न हो पाने पर उन्होंने नाराजगी व्यक्त की.

Flood in mandla
ईटीवी भारत की टीम पहुंची बाढ़ग्रस्त इलाका

ये भी पढ़े- डॉक्टर को ब्लैकमेल कर मांगे 50 लाख रुपए, क्राइम ब्रांच के शिकंजे में दो आरोपी

विधायक बोले जल्द होगी प्रभावित लोगों की मदद

बीजेपी विधायक राकेश पाल भी बर्बादी के हालातों का जायजा लेने पहुंचे तो उनका कहना था कि प्रशासन का अमला उनके साथ ही चल रहा है और बाढ़ प्रभावित लोगों के साथ ही किसानों को मुआवजा दिलाने के लिए प्रदेश के मुखिया से चर्चा हुई है और सर्वे भी शुरू हो चुका है, आवास योजना के तहत गरीबों को मकान के साथ ही सभी को नुकसान का मुआवजा जल्द दिलाया जाएगा.

Flood in mandla
टूटे मकान
Flood in mandla
रुआनी चेहरे

ये भी पढ़े- मूलभूत सुविधाओं के अभाव में जी रही विशेष संरक्षित जनजाति

कितना है तबाही का आंकड़ा

ये कहना मुश्किल है कि बाढ़ से किसको कितना नुकसान हुआ है, लेकिन केवलारी की बात करें तो करीब 24 से ज्यादा मकान जमींदोज हो चुके हैं. करीब 50 से अधिक मकान खस्ताहाल हैं, इसके अलावा सागर नदी के किनारे, शंकर मदिया मोहल्ला, जैनी मोहल्ला, गौंडी मोहल्ला और खेरमाई मोहल्ले के लगभग सभी घरों की गृहस्थी का सारा सामान सड़क पर रख कर सुखाने की कोशिश इस उम्मीद में कर रहे कि शायद कुछ बच जाए, लेकिन पानी में भीगा अनाज और बिजली के सामान तो पूरी तरह बर्बाद हो चुके हैं. घरों के मलबे में अब भी बर्तन भांडे और दूसरे सामान दबे पड़े हैं. बाढ़ को प्राकृतिक आपदा कहें या फिर अचानक डैम के गेट खोले जाने की लापरवाही, ये तो जांच का विषय है. ईटीवी भारत की टीम के माध्यम से रुआनी चेहरे में लोगों ने सरकार से सवाल पूछे और कहा है कि तबाही के बाद अब जिंदगी की नई शुरूआत आखिर किसके सहारे और भरोसे से सम्भव हो पाएगी.

Last Updated : Aug 31, 2020, 2:36 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.