ETV Bharat / state

धान खरीदी केंद्रों में किसान परेशान, बारदानों की किल्लत

सिवनी में किसानों को धान बेचने में दिक्कत हो रही है, साथ ही बारदानों की भी भारी कमी है. खरीदी प्रभारी और प्रबंधक पर किसानों से वसूली का आरोप है.

Farmers upset in paddy buying centers in Seoni
धान खरीदी केंद्रों में किसान परेशान
author img

By

Published : Jan 16, 2020, 3:18 PM IST

Updated : Jan 16, 2020, 4:00 PM IST

सिवनी। जिले में समर्थन मूल्य पर खरीदा जा रहा पीला सोना यानि धान पर नियम-कायदों को रौंदकर जमकर खेल चल रहा है. आरोप है कि खरीदी केन्द्रों में खरीदी प्रभारी और प्रबंधक मिलीभगत कर किसानों को चूना लगा रहे हैं. वहीं नागरिक आपूर्ति निगम के प्रबंधक से लेकर क्वॉलिटी कन्ट्रोलर तक खेल कर रहे हैं. क्वॉलिटी कन्ट्रोलर की टीम खरीदी केन्द्रों में धान की क्वॉलिटी चेक करने की बजाय गायब है और उसके नाम पर समितियों से वसूली की जा रही है.

धान खरीदी केंद्रों में किसान परेशान

क्वॉलिटी कन्ट्रोलर गायब

खरीदी केन्द्रों से धान की क्वॉलिटी को चेक कर खराब धान की कन्ट्रोलिंग करने वाले क्वॉलिटी कन्ट्रोलर केन्द्रों में नजर नहीं आ रहे हैं. क्वॉलिटी कन्ट्रोलर की मेहरबानी कहें या फिर मिलीभगत की वजह से खरीदी प्रबंधक और केन्द्र प्रभारी अच्छी क्वॉलिटी की बजाय खराब और अंकुरित हो चुके धान को भी चोरी-छिपे मिक्स करके टैग और सील लगे हुए बोरे में भरकर सीधे गोदामों में भेज रहे हैं. बता दें कि इसके एवज में जहां खरीदी प्रभारी किसानों से पैसे ले रहे हैं, वहीं क्वॉलिटी कंट्रोलर को भी कमीशन मिल रहा है.

धान की गुणवत्ता अच्छी या फिर खराब

नियमानुसार धान की गुणवत्ता की जांच और साफ-सुथरी होने के बाद ही सील और टैग लगे हुए बारदाने में भरकर परिहवन किया जाना है, लेकिन ऐसा नहीं हो रहा है. कई समितियों में सीधे किसान खरीदी प्रभारियों से सेटिंग करके घर से बोरे में भरकर धान ला रहे हैं और सील लगे बोरे में भर दिया जा रहा है. ऐसे में यह तय नहीं किया जा सकता है कि धान की गुणवत्ता अच्छी है या फिर खराब. लाखों क्विंटल की खरीदी में महज नागरिक आपूर्ति निगम की टीम समाचार पत्रों की सुर्खियों की वजह से महज 5 हजार क्विंटल धान को ही रिजेक्ट कर पाया है.

बारदानों की किल्लत, परिवहन ठप, मची लूट

जैसे-जैसे 20 जनवरी की तारीख नजदीक आ रही है, वैसे-वैसे खरीदी केन्द्रों में धान की बंपर आवक हो रही है. वहीं बारदानों की किल्लत बढ़ रही है. खरीदी केन्द्रों में नागरिक आपूर्ति निगम के प्रबंधक एलके जरिया और उनकी टीम पर बारदानों की कमी करने का आरोप है, वहीं किसान अपने धान को भरने के लिए बारदानों की भी चोरी कर रहे हैं.

अफसरों का मोबाइल बंद, ऑफिस में बोलने से कतरा रहे कर्मचारी

धान की खरीदी का जिम्मा संभालने वाले प्रबंधक एलके जरिया का जहां दो दिनों से मोबाइल बंद था, कॉल करने पर स्विच ऑफ आ रहा था, वहीं कार्यालय में भी कर्मचारियों ने अफसर की स्वीकृति के बिना कोई भी जानकारी देने से साफ इंकार कर दिया. वहीं इस संबंध में जिले के कलेक्टर प्रवीण सिंह के मोबाइल नंबर पर कॉल किया गया, तो घंटी बजती रही, लेकिन किसी ने जवाब नहीं दिया.

सिवनी। जिले में समर्थन मूल्य पर खरीदा जा रहा पीला सोना यानि धान पर नियम-कायदों को रौंदकर जमकर खेल चल रहा है. आरोप है कि खरीदी केन्द्रों में खरीदी प्रभारी और प्रबंधक मिलीभगत कर किसानों को चूना लगा रहे हैं. वहीं नागरिक आपूर्ति निगम के प्रबंधक से लेकर क्वॉलिटी कन्ट्रोलर तक खेल कर रहे हैं. क्वॉलिटी कन्ट्रोलर की टीम खरीदी केन्द्रों में धान की क्वॉलिटी चेक करने की बजाय गायब है और उसके नाम पर समितियों से वसूली की जा रही है.

धान खरीदी केंद्रों में किसान परेशान

क्वॉलिटी कन्ट्रोलर गायब

खरीदी केन्द्रों से धान की क्वॉलिटी को चेक कर खराब धान की कन्ट्रोलिंग करने वाले क्वॉलिटी कन्ट्रोलर केन्द्रों में नजर नहीं आ रहे हैं. क्वॉलिटी कन्ट्रोलर की मेहरबानी कहें या फिर मिलीभगत की वजह से खरीदी प्रबंधक और केन्द्र प्रभारी अच्छी क्वॉलिटी की बजाय खराब और अंकुरित हो चुके धान को भी चोरी-छिपे मिक्स करके टैग और सील लगे हुए बोरे में भरकर सीधे गोदामों में भेज रहे हैं. बता दें कि इसके एवज में जहां खरीदी प्रभारी किसानों से पैसे ले रहे हैं, वहीं क्वॉलिटी कंट्रोलर को भी कमीशन मिल रहा है.

धान की गुणवत्ता अच्छी या फिर खराब

नियमानुसार धान की गुणवत्ता की जांच और साफ-सुथरी होने के बाद ही सील और टैग लगे हुए बारदाने में भरकर परिहवन किया जाना है, लेकिन ऐसा नहीं हो रहा है. कई समितियों में सीधे किसान खरीदी प्रभारियों से सेटिंग करके घर से बोरे में भरकर धान ला रहे हैं और सील लगे बोरे में भर दिया जा रहा है. ऐसे में यह तय नहीं किया जा सकता है कि धान की गुणवत्ता अच्छी है या फिर खराब. लाखों क्विंटल की खरीदी में महज नागरिक आपूर्ति निगम की टीम समाचार पत्रों की सुर्खियों की वजह से महज 5 हजार क्विंटल धान को ही रिजेक्ट कर पाया है.

बारदानों की किल्लत, परिवहन ठप, मची लूट

जैसे-जैसे 20 जनवरी की तारीख नजदीक आ रही है, वैसे-वैसे खरीदी केन्द्रों में धान की बंपर आवक हो रही है. वहीं बारदानों की किल्लत बढ़ रही है. खरीदी केन्द्रों में नागरिक आपूर्ति निगम के प्रबंधक एलके जरिया और उनकी टीम पर बारदानों की कमी करने का आरोप है, वहीं किसान अपने धान को भरने के लिए बारदानों की भी चोरी कर रहे हैं.

अफसरों का मोबाइल बंद, ऑफिस में बोलने से कतरा रहे कर्मचारी

धान की खरीदी का जिम्मा संभालने वाले प्रबंधक एलके जरिया का जहां दो दिनों से मोबाइल बंद था, कॉल करने पर स्विच ऑफ आ रहा था, वहीं कार्यालय में भी कर्मचारियों ने अफसर की स्वीकृति के बिना कोई भी जानकारी देने से साफ इंकार कर दिया. वहीं इस संबंध में जिले के कलेक्टर प्रवीण सिंह के मोबाइल नंबर पर कॉल किया गया, तो घंटी बजती रही, लेकिन किसी ने जवाब नहीं दिया.

Intro:धान खरीदी केंद्रों में किसान परेशान,,
बारदानों की किल्लत,परिवहन ठप्प,वारदानों की मची लूट
सीधे बोरे से बोरे में पलट रही धान,,
वारदाने की मची होड़,,
क्वालिटी कन्ट्रोलर गायब,,
जरिया के निर्देशन पर चल रही धान खरीदी में जमकर घालमेल,,
Body:सिवनी:-
समर्थन मूल्य पर खरीदा जा रहा पीला सोना यानि धान पर नियम- कायदों को रौंदकर जमकर खेल चल रहा है। खरीदी केन्द्रों में जहा खरीदी प्रभारी और प्रबंधक मिलकर खेल कर रहे हैं। वहीं नागरिक आपूर्ति निगम के प्रबंधक से लेकर क्वालिटी कन्ट्रोलर तक खेल कर रहे हैं। क्वालिटी कन्ट्रोलर की टीम जहां खरीदी केन्द्रों में धान की क्वालिटी चेक करने की बजाय गायब है और उसके नाम पर समितियों से वसूली का खेल कर रही है। वहीं दूसरी तरफ नान बारदाने की कमी करके खेल कर रहा है। वारदाने की कमी से जहां वारदाने की चोरी और लूट मची है। वहीं कई समितियों में किसान सीधे घर से बोरे में लाकर सील लगे हुए वारदाने में पलटा रहे हैं। ऐसे में जमकर घटिया क्वालिटी और खराब धान के साथ-साथ व्यापारियों की धान भी खप रही है।

:-क्वालिटी कन्ट्रोलर गायब:-
खरीदी केन्द्रों से धान की क्वालिटी को चैक कर खराब धान की कन्ट्रोलिंग करने वाले क्वालिटी कन्ट्रोलर केन्द्रों में नजर नहीं आ रहे हैं। क्वालिटी कन्ट्रोलर की मेहरबानी कहें या फिर मिलीभगत की वजह से खरीदी प्रबंधक और केन्द्र प्रभारी
क्वालिटी की बजाय कूड़ाकरकट और अंकुरित हो चुकी धान को भी चोरी-छिपे मिक्स करके टैग और सील लगे हुए बोरे में भरकर सीधे गोदामों में भेज दे रहे हैं। सूत्र बताते हैं कि इसके एवज में जहां खरीदी प्रभारी किसानों से पैसे ले रहे हैं। वहीं क्वालिटी कंट्रोलर को भी कमिशन मिल रहा है। बताया जाता है कि दो से पांच हजार रुपए तक क्वालिटी कंट्रोलर ले रहे हैं।

:-बोरे से बोरे में धान:-
नियमानुसार धान की गुणवत्ता की जांच और साफ-सुथरी होने के बाद ही सील व टैग लगे हुए बारदाने में भरकर परिहवन किया जाना है लेकिन ऐसा नहीं हो रहा है। कई समितियों में सीधे किसान खरीदी प्रभारियों से सेटिंग करके घर से बोरे में भरकर धान ला रहे हैं और सील लगे बोरे में भर दिया जा रहा है। ऐसे में यह तय नहीं किया जा सकता है कि धान की गुणवत्ता अच्छी या फिर खराब। दूसरी तरफ धान में मौजूद कचरे को न तो पंखे से उड़ाया जा रहा है और न ही छन्ना से मिट्टी-कंकड़ को दूर किया जा रहा है। कमिशन के चलते बेधड़क धान की खरीदी का खेल चल रहा है। लाखों क्विंटल की खरीदी में महज नागरिक आपूर्ति निगम की टीम समाचार पत्रों की सुर्खियों की वजह से महज 5 हजार क्विंटल धान को ही रिजेक्ट कर पाया है। जिसमें विभागीय सूत्रों के अनुसार रिजेक्ट धान मोहबर्रा,अर्जुनझिर, मेहरापिपरिया,छींदा,गंगेरूआ भोमा,करकोटी, समनापुर सहित 12 खरीदी केन्द्रो की बताई जा रही है।

:-बारदानों की किल्लत,परिवहन ठप्प,वारदानों की मची लूट:-
जैसे-जैसे 20 जनवरी की तारीख नजदीक आ रही है वैसे-वैसे खरीदी केन्द्रों में धान की बंपर आवक हो रही है। वहीं बारदानों की किल्लत बढ़ रही है।खरीदी केन्द्रों में नागरिक आपूर्ति निगम के प्रबंधक एलके जरिया और उनकी टीम बारदानों की
किल्लत कर रहे हैं। ऐसे में किसान अपनी धान को भरने के लिए बारदानों की भी चोरी कर रहे हैं। वहीं जब भी वारदाने केन्द्रों में पहुंचते हैं किसान बारदानों के लिए टूट पड़ते हैं। ऐसा ही एक नजारा आमगांव सोसायटी में देखने को मिला जैसे ही 407 वाहन में बारदाने पहुंचे किसान खुद बारदाने को उतारकर छुपाते नजर आए। वहीं दूसरी तरफ गोपालगंज खरीदी केन्द्र में बारदाने नहीं थे। बारदाने की मांग करते हुए खरीदी केन्द्र प्रभारी द्वारा सिवनी मुख्यालय पहुंचकर लिखित रूप से शिकायत की गई। इसके अलावा परिवहन का कार्य भी ठप्प पड़ा है। इसका नजारा आमगांव खरीदी केन्द्र में ही देखने को मिला। बड़ी मात्रा में धान रखी हुई थी जहाँ एक मात्र ट्रक था।
किसानों ने बताया कि 15-15 दिन से धान लेकर आए हैं लेकिन परिवहन नहीं हुआ है। ऐसे में दूसरे किसान की धान रखने के लिए जगह नहीं मिल पा रही है। मजबूरन किसानों को खरीदी केन्द्र के घेरे से बाहर खेतों में रखना पड़ रहा है। सूत्र बताते हैं कि बारदाने की किल्लत इसलिए की जा रही है ताकि खरीदी केन्द्रों में पैसे का खेल किया जा सके। वहीं परिवहन ठेकेदार भी उन्ही खरीदी केन्द्रों की धान का उठाव कर रहा है जहां से उन्हें पैसे मिल रहे हैं।

:-अफसरो का मोबाईल बंद,आफिस में बोलने से कतरा रहे कर्मचारी:-
धान की खरीदी का जिम्मा संभालने वाले प्रबंधक एलके जरिया का जहां दो दिनों से मोबाईल बंद था। कॉल करने पर स्वीच आॅफ होने की राग सुनाई दी। वहीं कार्यालय में भी कर्मचारियों ने अफसर की स्वीकृति के बिना कोई भी जानकारी देने से साफ इंकार कर दिया। इससे साफ झलकता है कि धान की खरीदी में जमकर
खेल चल रहा है और उस पर कोई भी जिम्मेदार बोलने से कतरा रहा है। इससे पहले खाद्य आपूर्ति अधिकारी एसे मिश्रा ने भी अपना पल्ला झाड़ते हुए नान के अधिकारी से चर्चा कर जानकारी लेने की बात करते हुए पल्ला झाड़ लिया। वहीं इस संबंध में जिले के कलेक्टर प्रवीण सिंह अढ़ाचय के मोबाईल नंबर में कॉल किया गया तो घंटी बजते रही लेकिन कोई जवाब नहीं दिया।

बाइट:-1:-दुर्गाप्रसाद- किसान (ग्राम- सारसडोल)
बाइट:-2:-तीरनदास सहपुरिया -किसान(ग्राम-आमगांव)Conclusion:
Last Updated : Jan 16, 2020, 4:00 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.