सीहोर। टैक्सी ड्राइवर रामसिंह परमार के बेटे कपिल ने देश के साथ ही विदेश में भी सीहोर का नाम रोशन किया है. 25 सितंबर से इंग्लैंड में आयोजित पैरा जूडो कॉमनवेल्थ गेम्स में साउथ अफ्रीका के खिलाड़ी को हराकर गोल्ड मेडल हासिल किया है.
कपिल परमार ने बताया कि इंग्लैंड में आयोजित कॉमनवेल्थ गेम्स में उसका चयन 60 किग्रा वर्ग में हुआ था. जिसमें उसका पहला मैच इंग्लैंड से हुआ था. दूसरा उज्बेकिस्तान और तीसरा मुकाबला इंडिया के साथ ही हुआ, जिसमें भी वह विजयी रहे. कपिल ने बताया कि आखिरी फाइनल मुकाबले में साउथ अफ्रीका को हराकर गोल्ड हासिल किया.
9 साल के संघर्ष के बाद मिला गोल्ड
कपिल ने बताया कि 2008 में करंट लगने के कारण बांई आंख की रोशनी चली गई थी. इसमें 80 प्रतिशत तक कम दिखाई देता है. जब एक आंख में कम दिखने लगा, तो कुश्ती खेलना बंद कर दिया था. इसकी जगह जूडो को चुना और राष्ट्रीय स्तर पर 23 बार खेल चुके हैं.
कपिल ने बताया कि पैरा जूडो कॉमनवेल्थ गेम्स में अपनी जगह बनाने के लिए तकरीबन नौ साल डटकर मेहनत की है और कोच के सराहनीय योगदान के बाद कही जा कर ये मुकाम हासिल किया है. रोज करीब 8 घंटे अभ्यास किया. कपिल की इस उपलब्धि पर घर परिवार के लोग बहुत खुश हैं.
माखन परमार का कहना है कि कपिल का विदेश की सरजमीं पर गोल्ड मेडल जीतना बेहद गर्व की बात है. उन्होंने कहा कि वो मध्यप्रदेश सरकार से अपील करते है कि इस होनहार खिलाड़ी की तरफ ध्यान दे और कपिल को आगे बढ़ाने में मदद करें.