ETV Bharat / state

पिता का कर्ज उतारने पानी में उतरी कावेरी और बन गई नंबर वन

author img

By

Published : Jan 9, 2021, 10:48 PM IST

बुदनी के नसरुल्लागंज ब्लाक के छोटे से गांव की रहने वाली खिलाड़ी बेटी कावेरी अंतरराष्ट्रीय स्तर पर थाईलैंड में देश का प्रतिनिधित्व करेगी. पिता का कर्ज उतारने के लिए नर्मदा में नाव चलाने वाली कावेरी अब कैनोइंग में देश की नंबर 1 खिलाड़ी बन चुकी है उसके पास 1 दर्जन से अधिक स्वर्ण पदक हैं.

canoeing-player-kaveri-will-represent-the-country-in-thailand
पापा के साथ कावेरी

सीहोर। नर्मदा नदी कि गोद में पर पली बड़ी कावेरी अब केनोइंग में देश की नंबर वन खिलाड़ी है. कावेरी का सिलेक्शन थाइलैंड के पटाया में होने वाले ओलंपिक क्वालिफायर व एशियन चैंपियनशिप के लिए हुआ है. कावेरी मूलतः नसरुल्लागंज तहसील के छोटे से गांव मंडी की रहने वाली है. बेरोजगारी के चलते उनके पिता खंडवा में रहने लगे और इंदिरा सागर बांध के बैकवाटर में मछली पकड़कर पने परिवार का पालन पोषण करने लगे. पिता की मदद करने बेटी कावेरी भी हाथ बटाया करती थी और धीरे-धीरे कावेरी भी नाव चलना सीख गई और आज मछली पकड़ने वाली कावेरी केनोइंग स्पर्धा में भारत की नंबर वन खिलाड़ी बन गई.

पानी में उतरी कावेरी और बन गई नंबर वन

केनोइंग में कावेरी के हुनर का सिक्का ऐसा चमका कि उसने देश के नामी 18 खिलाड़ियों को पछाड़ दिया. जूनियर, सब जूनियर व सीनियर वर्ग के खिलाड़ियों को पछाड़ते हुए वह नंबर वन खिलाड़ी बन गई. पानी में तेज गति से नाव चलाने पर कावेरी का चयन थाइलैंड के पटाया में होने वाले ओलंपिक क्वालिफायर व एशियन चैंपियनशिप के लिए हुआ है.

ऐसे हुई शुरूआत

कावेरी 13 साल की थी तब उसका चयन 2016 में अकादमी में हुआ था. अकादमी में दाखिले के बाद 2017 में उसने सब जूनियर स्पर्धा में गोल्ड, 2018 में जूनियर व सब जूनियर में गोल्ड व 2019 में जूनियर व सीनियर स्पर्धा में गोल्ड मैडल हासिल किया था. बेहतर प्रदर्शन के चलते बीते दिनों उसने 28 से 30 दिसंबर को दिए ट्रायल में देश के नामी 18 जूनियर, सब जूनियर व सीनियर खिलाड़ियों को मात दी और मार्च में थाइलैंड के पटाया में होने वाले ओलंपिक क्वालिफायर व एशियन चैंपियनशिप के लिए चयनित हुई. मप्र वाटर स्पोर्ट्स अकादमी के अनुसार प्रदर्शन के आधार पर अभी कावेरी देश में नंबर-1 केनोइंग खिलाड़ी है.

Canoeing player Kaveri will represent the country in Thailand
प्रतियोगिता में पदक लेने के दौरान कावेरी पहले पायदान पर
पिता के बिछाए जाल से मछलियां बीनती थी बेटियांपिता का 40 हजार रुपए का कर्ज उतारने के लिए बड़ी बहन मोनिका, स्वाति व कावेरी बैकवाटर में नाव चलाने लगीं और पिता की मदद करने लगीं पिता रात में जाल बिछाते और तीनों बहनें सुबह जाकर जाल से मछली निकालतीं और ठेकेदार को दें आती. ऐसा रोजाना कर उन्होंने पिता का कर्ज उतारने में मदद की. ऐसे पहुंची मध्य प्रदेश वॉटर स्पोर्ट्स अकादमी

कावेरी को स्पोर्ट्स अकादमी तक पहुंचाने में मिडिया की महत्वपूर्ण भूमिका रही. तत्कालीन खेल अधिकारी खंडवा कावेरी के गांव पहुंचे थे. उन्होंने पिता रणछोड़ से तीनों बहनों को भोपाल अकादमी में ट्रायल दिलाने के लिए मनाया. ट्रायल में सबसे बेहतर प्रदर्शन कावेरी का होने पर उसे 2016 में मप्र वाटर स्पोर्ट्स अकादमी में दाखिला मिल गया.

Canoeing player Kaveri will represent the country in Thailand
कावेरी
बैकवाटर में सीखी बोटिंग और बन गई एशिया की स्टार कावेरी ने गांव में इंदिरा सागर बांद के बैकवाटर से बोटिंग सीखकर विदेशी खेल कैनोइंग में महारथ हासिल कर ली है. मध्य प्रदेश का प्रतिनिधित्व करते हुए अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान बनाने वाली कावेरी ने सिर्फ 17 साल की उम्र में अपने देश का प्रतिनिधित्व करने जा रही है.

सीहोर। नर्मदा नदी कि गोद में पर पली बड़ी कावेरी अब केनोइंग में देश की नंबर वन खिलाड़ी है. कावेरी का सिलेक्शन थाइलैंड के पटाया में होने वाले ओलंपिक क्वालिफायर व एशियन चैंपियनशिप के लिए हुआ है. कावेरी मूलतः नसरुल्लागंज तहसील के छोटे से गांव मंडी की रहने वाली है. बेरोजगारी के चलते उनके पिता खंडवा में रहने लगे और इंदिरा सागर बांध के बैकवाटर में मछली पकड़कर पने परिवार का पालन पोषण करने लगे. पिता की मदद करने बेटी कावेरी भी हाथ बटाया करती थी और धीरे-धीरे कावेरी भी नाव चलना सीख गई और आज मछली पकड़ने वाली कावेरी केनोइंग स्पर्धा में भारत की नंबर वन खिलाड़ी बन गई.

पानी में उतरी कावेरी और बन गई नंबर वन

केनोइंग में कावेरी के हुनर का सिक्का ऐसा चमका कि उसने देश के नामी 18 खिलाड़ियों को पछाड़ दिया. जूनियर, सब जूनियर व सीनियर वर्ग के खिलाड़ियों को पछाड़ते हुए वह नंबर वन खिलाड़ी बन गई. पानी में तेज गति से नाव चलाने पर कावेरी का चयन थाइलैंड के पटाया में होने वाले ओलंपिक क्वालिफायर व एशियन चैंपियनशिप के लिए हुआ है.

ऐसे हुई शुरूआत

कावेरी 13 साल की थी तब उसका चयन 2016 में अकादमी में हुआ था. अकादमी में दाखिले के बाद 2017 में उसने सब जूनियर स्पर्धा में गोल्ड, 2018 में जूनियर व सब जूनियर में गोल्ड व 2019 में जूनियर व सीनियर स्पर्धा में गोल्ड मैडल हासिल किया था. बेहतर प्रदर्शन के चलते बीते दिनों उसने 28 से 30 दिसंबर को दिए ट्रायल में देश के नामी 18 जूनियर, सब जूनियर व सीनियर खिलाड़ियों को मात दी और मार्च में थाइलैंड के पटाया में होने वाले ओलंपिक क्वालिफायर व एशियन चैंपियनशिप के लिए चयनित हुई. मप्र वाटर स्पोर्ट्स अकादमी के अनुसार प्रदर्शन के आधार पर अभी कावेरी देश में नंबर-1 केनोइंग खिलाड़ी है.

Canoeing player Kaveri will represent the country in Thailand
प्रतियोगिता में पदक लेने के दौरान कावेरी पहले पायदान पर
पिता के बिछाए जाल से मछलियां बीनती थी बेटियांपिता का 40 हजार रुपए का कर्ज उतारने के लिए बड़ी बहन मोनिका, स्वाति व कावेरी बैकवाटर में नाव चलाने लगीं और पिता की मदद करने लगीं पिता रात में जाल बिछाते और तीनों बहनें सुबह जाकर जाल से मछली निकालतीं और ठेकेदार को दें आती. ऐसा रोजाना कर उन्होंने पिता का कर्ज उतारने में मदद की. ऐसे पहुंची मध्य प्रदेश वॉटर स्पोर्ट्स अकादमी

कावेरी को स्पोर्ट्स अकादमी तक पहुंचाने में मिडिया की महत्वपूर्ण भूमिका रही. तत्कालीन खेल अधिकारी खंडवा कावेरी के गांव पहुंचे थे. उन्होंने पिता रणछोड़ से तीनों बहनों को भोपाल अकादमी में ट्रायल दिलाने के लिए मनाया. ट्रायल में सबसे बेहतर प्रदर्शन कावेरी का होने पर उसे 2016 में मप्र वाटर स्पोर्ट्स अकादमी में दाखिला मिल गया.

Canoeing player Kaveri will represent the country in Thailand
कावेरी
बैकवाटर में सीखी बोटिंग और बन गई एशिया की स्टार कावेरी ने गांव में इंदिरा सागर बांद के बैकवाटर से बोटिंग सीखकर विदेशी खेल कैनोइंग में महारथ हासिल कर ली है. मध्य प्रदेश का प्रतिनिधित्व करते हुए अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान बनाने वाली कावेरी ने सिर्फ 17 साल की उम्र में अपने देश का प्रतिनिधित्व करने जा रही है.
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.