सतना। प्रदेश सरकार एक और जहां स्वास्थ्य सुविधाओं को लेकर बड़े-बड़े दावे करती है. वहीं ऐसे दावों की जमीनी हकीकत कुछ और ही बयां कर रही हैं. सतना जिले के इकलौते जिला अस्पताल हाल बेहाल हो चुका है. जिला अस्पताल को एक्सीलेंस अवार्ड से नवाजा जा चुका है, लेकिन उसके बावजूद भी यहां की सुविधाएं ढाक के तीन पात हैं. जिला अस्पताल में 4 एक्सरे मशीन हैं, जिनमें से 2 मशीनें खराब हो चुकी हैं और 2 मशीनों में फिल्म ही नहीं है. फिल्म न होने से मरीजों को मोबाइल में फिल्म दी जाती है.
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मरीज हो रहे हैं परेशान : बड़ी बात तो यह है कि जिन गरीबों के पास मोबाइल नहीं रहता, उन्हें एक्सरे को लेकर दर-दर भटकना पड़ता है. मरीज एवं उनके परिजन परेशान होते रहते हैं. अस्पताल प्रबंधन से शिकवा शिकायतें भी की जाती है, लेकिन उसके बावजूद भी कोई सुनने वाला नहीं है. अधिकांश मरीजों को निजी सेंटरों में जाकर मजबूरी में एक्सरे कराना पड़ा रहा है. सिविल सर्जन डॉ. केएल सूर्यवंशी का कहना है कि एक्सरे मशीन का मॉनिटर खराब हुआ है. इंजीनियर बुलाया गया है. मॉनिटर की व्यवस्था की जा रही. एक-दो दिन में समस्या ठीक हो जाएगी.