सतना। जिले में ईटीवी भारत के खबर का असर हुआ है. मध्यप्रदेश के सतना जिले में लगातार नाबालिग बच्चे और बच्चियों की गुमशुदा के आंकड़े बढ़ते जा रहे थे. इस खबर को सतना ईटीवी भारत में प्रमुखता से दिखाया था. एसपी धर्मवीर सिंह का कहना है कि गुमशुदी के मामले में पुलिस ने कार्रवाई करते हुए 24 घंटे के अंदर मानसिक रूप से कमजोर एक नाबालिग बच्ची को ढूंढ निकाला है. इस मामले पर सतना पुलिस अधीक्षक ने बताया था कि गुमशुदा बच्चे और बच्चियों को लेकर पुलिस की टीम बना दी गई है और सख्ती से इस मामले पर कार्रवाई की जाएगी.
परिजनों ने गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई थी
सतना जिले के कोलगवां थाना क्षेत्र का है, जहां टिकुरिया टोला निवासी एक महिला ने थाने में जाकर रिपोर्ट दर्ज कराई थी कि उसकी मानसिक रूप से कमजोर 13 वर्ष की बच्ची गुम हो गई है, जो अपनी मौसी के यहां मैहर गई हुई थी. मौसी नाबालिग बच्ची को बस से सतना ले आई और उसे बस स्टैंड से एक ऑटो में बैठा दिया. जब बच्ची अपने घर घर देर शाम तक नहीं पहुंची तो घर वालों ने बच्ची को खोजना शुरू किया और जब बच्ची नहीं मिली तो परिजन कोलगवां थाने पहुंचे और गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई.
बच्ची को 24 घंटे के अंदर पुलिस ने ढूंढा
पुलिस ने रिपोर्ट दर्ज कर नाबालिग की तलाश शुरू कर दी. पुलिस द्वारा बस ऑटो सभी से पूछताछ की गई और सीसीटीवी कैमरे की भी चेकिंग की. उसके बाद में पता चला कि बच्ची एक महिला के साथ उसके घर में चली गई. पुलिस ने या पता लगा लिया कि बच्चे कहां पर है और 24 घंटे के अंदर बच्ची को पुलिस ने बरामद कर लिया. जानकारी में यह सामने आया कि बच्चे को अकेला घूमता हुआ देख सिविल लाइन थाना क्षेत्र मझगवां भट्टा ग्राम निवासी मुन्नीबाई कॉल नाम की महिला ने उसे अपने घर में शरण दे रखा था. बच्ची खानपान सारी चीजों की व्यवस्था कर रखी थी. इस मामले पर सतना पुलिस अधीक्षक धर्मवीर सिंह ने अनजान बच्ची को अपने घर में सुरक्षित रखने वाली महिला का शाल श्रीफल देकर सम्मानित किया. इसके अलावा सतना पुलिस अधीक्षक ने नाबालिक बच्चों एवं बच्चियों के गुमशुदगी को लेकर सख्त कार्य करने के निर्देश दिए हैं.
गुम हुए बच्चों के आंकड़े
गुमशुदा बच्चों के आंकड़े को लेकर सतना एसपी ने बताया कि वर्ष 2020 में 219 नाबालिग बच्चे एवं बच्चियों के गुमशुदगी के मामले दर्ज किए गए हैं. जिसमें 163 बच्चे बच्चियों को दस्तयाब कर लिया गया है. शेष बचे 56 बच्चों को तलाशने के लिए टीमें लगी हुई हैं. इसी प्रकार से वर्ष 2019 में 280 नाबालिग बच्चे हुए बच्चों के गुमशुदगी दर्ज की गई थी, जिसमें 105 बच्चों को दस्तयाद कर लिया गया है. शेष बचे 175 बच्चों को तलाश में टीमें लगी हुई है. वर्ष 2019 और 2020 के आंकड़ों के मुताबिक 499 मामले नाबालिग बच्चों और बच्चियों के गुमशुदगी दर्ज की गई थी. जिसमें 268 बच्चे बच्चियां दस्तयाब कर लिये गए हैं . 231 बच्चे एवं बच्चियां अभी भी गुमशुदा है जिसकी तलाश के लिए टीमें लगी हुई हैं.