भोपाल। मध्यप्रदेश में बड़े अफसरों का राजनीतिक दलों की ओर झुकाव कोई नई बात नहीं है. सतना कलेक्टर और नगर निगम आयुक्त की दो तस्वीरें सोशल मीडिया पर वायरल हो रही हैं. खास बात ये है कि ये तस्वीरें बीजेपी को छोड़कर बाकी सभी राजनीतिक दलों के आंख की किरकिरी बनी हुई हैं. तस्वीरों पर सवाल उठ रहे हैं. क्योंकि इस तस्वीर में राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के कार्यक्रम में सतना जिले के कलेक्टर अनुराग वर्मा और नगर निगम आयुक्त राजेश शाही ना केवल मौजूद हैं, बल्कि संघ की शाखा में ध्वजप्रणाम की मुद्रा में दिखाई भी दे रहे हैं.
कांग्रेस प्रवक्ता ने साधा निशाना : इस मामले में कांग्रेस समेत कम्युनिस्ट पार्टी ने सवाल उठाए हैं. विरोधी दलों का सवाल है कि अगर ऐसे अधिकारी चुनाव कराएंगे तो उनसे निष्पक्षता की उम्मीद कैसे की जा सकती है. कांग्रेस मीडिया विभाग के चेयरमैेन केके मिश्रा ने इस तस्वीर को ट्वीट करते हुए कहा "शर्म कीजिए कलेक्टर सतना और निगमायुक्त जी. आरएसएस के कार्यक्रम में इतने बड़े चरण चुंबक भी मत बनिए. क्या आपसे निष्पक्ष चुनाव संपादन की उम्मीद की जा सकती है. 5 महीने बाद का भी ध्यान रखिए."
भाकपा ने भी सवाल उठाए : भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी ने सतना जिले के कलेक्टर और नगर निगम आयुक्त को लेकर कहा है कि जिस तरह से ये दोनों अधिकारी संघ के कार्यक्रम शामिल हुए. अगर ये दोनों अधिकारी विधानसभा चुनाव में शामिल रहे तो तय है कि ये बीजेपी के पक्ष में काम करेंगे. इसकी पूरी संभावना है. कम्यूनिस्ट पार्टी का कहना है कि इनका व्यवहार व आचरण सेवा शर्तों और आचार संहिता के अनुरूप नहीं हैं. इन दोनों अधिकारियों को निर्वाचन प्रक्रिया से दूर रखा जाना चाहिए. इस मामले में सतना कलेक्टर अनुराग वर्मा ने ईटीवी भारत से बातचीत में बताया कि जो कार्यक्रम था, उसमे राज्य शासन के मंत्री एवं एजी हाईकोर्ट आए थे. प्रोटोकॉल था, इसलिए वहां मौजूदगी जरूरी थी.