सतना। मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव 2023 का बिगुल बजने के बाद सभी प्रत्याशियों ने अपने नामांकन दाखिल कर दिए हैं. चुनावी अखाड़े में उतरे प्रत्याशी और उनके समर्थक पूरी शक्ति के साथ मतदाताओं से अपने पक्ष में वोट देने की गुहार लगा रहे हैं. मैहर जिले के अमरपाटन विधानसभा सीट से टिकट मिलने के बाद डॉ. राजेंद्र सिंह चुनावी मैदान में उतर गए हैं. पूर्व विधानसभा उपाध्यक्ष डॉ. राजेंद्र सिंह से जब सवाल किया गया कि आपके सामने भाजपा ने रामखेलावन पटेल को उतारा है तो उनका कहना है कि प्रतिद्वंदी को कभी भी कमजोर नहीं आंकना चाहिए. जनता काम का मूल्यांकन करती है.
वचनपत्र के वायदे बता रहे मतदाताओं को : उन्होंने कहा कि रामखेलावन पटेल 5 साल और शिवराज सरकार के 18 साल के कार्यकाल जनता की कसौटी पर खरी नहीं उतरी. जनता पूरी तरह से नाराज है. कांग्रेस के लिए एकपक्षीय माहौल है. लेकिन हम लोग निश्चिंत होकर नहीं बैठते. हर मतदाता के पास पहुंच रहे हैं और वचन पत्र में जो शामिल किया गया है, उन बातों को मतदाताओं तक पहुंचा रहे हैं. वहीं विंध्य क्षेत्र के लिए घोषणा पत्र में क्या शामिल किया गया है, इस सवाल पर डॉ. राजेंद्र सिंह ने बताया कि जिस तरह नर्मदा विकास प्राधिकरण, शिप्रा प्राधिकरण बना है. नदियों के विकास के लिए नदियों को जीवित करने के लिए तटों के विकास के लिए. इसी तरह से विंध्य क्षेत्र की खुशहाली के लिए तमट नदी को जिंदा करने के लिए तमट विकास प्राधिकरण बनेगा.
राम वन गमन पथ प्राथिमिकता में : दूसरा राम वन गमन पथ हम 5 साल में पूरा करेंगे. सीएम शिवराज सिंह ने कहा है कि विंध्य क्षेत्र को कांग्रेस ने हमेशा उपेक्षित रखा है, इस पर राजेंद्र सिंह ने कहा कि महिलाओं द्वारा सीएम शिवराज को शकुनि मामा, कंस मामा और झूठा मामा कहा जाता है. विंध्य क्षेत्र में 30 सीटों में कांग्रेस कितनी सीटें जीत रही है, इस सवाल पर उन्होंने कहा कि वह पिछली बार की तुलना में 20 सीटे ज्यादा जीत रहे हैं. अपने विधानसभा में किस पार्टी को प्रतिद्वंदी मान रहे हैं बीजेपी या बीएसपी को तो उन्होंने भाजपा को बताया. बीएसपी पिछले बार की अपेक्षा और कमजोर हुई है.
विंध्य प्रदेश का प्रस्ताव फिर भेजेंगे : मध्य प्रदेश से अलग विंध्य प्रदेश के आप कितने समर्थक हैं, इस सवाल पर उन्होंने कहा कि हम प्रबल समर्थक हैं. 1998 से 2003 तक हमारे पिताजी इसी क्षेत्र से विधायक थे. स्वर्गीय शिव मोहन सिंह मेरे पिताजी द्वारा विधानसभा में प्रस्ताव पेश किया गया था. जो सर्वसम्मत से पास होकर दिल्ली भेजा गया था. हमारी सरकार बनेगी तो फिर भेजा जाएगा. राज्य का पुनर्गठन संसद के कार्य क्षेत्र में है, वह कभी भी निर्णय ले सकती है.