सतना। शहर के ट्रांसपोर्ट नगर निवासी एक शख्स ने आत्महत्या कर ली. बताया जा रहा है कि व्यक्ति मानसिक अवसाद में जी रहा था. आर्थिक तंगी और बच्चों के भविष्य की चिंता इतनी भारी पड़ी की उसने खुदकुशी कर ली. दरअसल मृतक प्रमोद गुप्ता पर पूरे परिवार का भार था, एक छोटा सा व्यवसाय था मगर हादसे ने उसे कंगाल बना दिया. मृतक के ऊपर 4 बच्चों के पोषण की जिम्मेदारी थी. 2 बच्चे 5 साल पहले सड़क हादसे का शिकार हुए, दोनों की जान तो बच गई मगर बेटी की रीढ़ की हड्डी टूटने से वह विकलांग हो गई, पिता ने दोनों के इलाज के लिए पूरी जमा पूंजी खर्च कर दी, कर्ज लिया, जमीन जायदाद तक बेच दी.
वादे के बाद प्रशासन ने किया नजर अंदाज: हादसे के बाद बिटिया ने भी हार नहीं मानी, कठिन परिस्थितियों में बेड पर लेटे हुए हाईस्कूल का पेपर दिया और मेरिट लिस्ट में जगह बनाई. सतना जिला प्रशासन ने बेटी और उसके परिवार का मान बढ़ाया, सम्मान किया और हर सम्भव मदद का भरोसा दिलाया. लेकिन उसके बाद किसी ने परिवार की सुध तक नहीं ली. पीड़ित परिवार की मानें तो अधिकारियों के दफ्तर का चक्कर काटते रहे लेकिन किसी ने एक न सुनी. परिवार भुखमरी की कगार पर पहुंच गया और आखिरकार जब घर का गैस सिलेंडर भरवाने की बात आई तो खून भी बेचना पड़ा. स्कूल से बच्चों की फीस न जमा होने पर नोटिस आने लगे तो शख्स टूट गया और आत्महत्या कर लिया.
अब पूरा परिवार सदमे में है, बेटी का बुरा हाल है. वो पिता की मौत के लिए स्थानीय जनप्रतिनिधियों और जिला प्रशासन को जिम्मेदार मान रही है. बेटी की मानें तो सम्मान के दिन बड़े बड़े वायदे किए गए, गरीबीं रेखा का कार्ड, स्मार्ट फोन देने और इलाज का खर्च तक देने की बात कही गई थी, मगर इसके बाद कोई पूछने तक नहीं आया. बल्कि कार्यालय जाने पर गुमराह करते रहे. मजबूरी में पिता ने घातक कदम उठाया.
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जांच में जुटी पुलिस: इस बारे में जिला मुख्यालय प्रभारी डीएसपी ख्याति मिश्रा ने बताया कि 55 वर्षीय प्रमोद गुप्ता ने सुसाइड किया है, मामला संज्ञान में आते ही पुलिस ने मर्ग कायम कर मृतक का पोस्टमार्टम, पंचनामा की कार्रवाई की. मृतक के परिजन की जानकारी के मुताबिक मृतक सुबह 4:00 बजे अपने घर से निकला था उसके बाद जब वह अपने घर नहीं पहुंचा. पुलिस पूरे मामले की जांच में जुटी हुई है.