सतना। नगर निगम स्मार्ट सिटी के अंतर्गत शहर में लगभग 2 सौ करोड़ की लागत से गरीबों के लिए घर बनाए जा रहे हैं. इसके बावजूद शहर की हालत बद से बदतर है. वहीं शहर के अवासविहीन गरीबों को प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत उतैली में 2,850 मकान बनाकर गरीबों को लॉटरी सिस्टम से आवंटित करना था. मगर आज तक सतना नगर निगम एक भी गरीब परिवार को मकान आवंटित नहीं कर पाई. करीब 400 से 1700 गरीब परिवारों ने कर्ज लेकर मार्जिन मनी के तहत प्रति परिवार ने 20-20 हजार लगभग साढ़े नौ करोड़ रुपए भी जमा कर चुके, लेकिन आज तक परिवार नगर निगम के चक्कर ही काट रहे हैं.
मामले में सतना महापौर भी नगर निगम के अधिकारियों को दोषी मान रही हैं. महापौर ममता पांडेय की मानें तो नवीन आवास भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ा हुआ है और किसी बड़े हादसे की वजह भी बन सकता है. उनकी मानें तो इन आवासों की जांच में अनियमितताएं पाई गई हैं, जिसके चलते बने आवास खंडहर हो चुके हैं. वहीं महापौर का अजीबोगरीब तर्क भी है कि अब इन नवीन आवासों में अदृश्य शक्तियों का वास हो चुका है.