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सरकार की HC में दलील- शासकीय जमीन से हटा दिए शत-प्रतिशत अतिक्रमण

जबलपुर हाईकोर्ट की युगलपीठ ने सतना जिले की मैहर तहसील में सरकारी भूमि पर काबिज अतिक्रमण के मामले में याचिकाकर्ता को भूमि स्वामी होने के दस्तावेज प्रस्तुत करने नोटिस जारी किया है. वहीं सरकार की तरफ से सभी अतिक्रमण को हटाने की बात कही गई है.

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Published : Jan 8, 2021, 7:22 AM IST

Jabalpur High Court
सरकार की दलील- शासकीय जमीन से हटा दिए शत-प्रतिशत अतिक्रमण

जबलपुर। सतना जिले की मैहर तहसील अंतर्गत ग्राम गोबरी की सरकारी चरनोई की भूमि पर काबिज अतिक्रमण को चुनौती देते हुए हाईकोर्ट में याचिका दायर की गई थी. याचिका की सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस मोहम्मद रफीक और जस्टिस प्रकाश श्रीवास्तव की युगलपीठ को सरकार की तरफ से बताया गया कि शत-प्रतिशत अतिक्रमण हटाये गए हैं. सुनवाई के दौरान युगलपीठ को बताया गया कि तहसीलदार द्वारा दुर्भावनावश याचिकाकर्ता को भूमि स्वामी होने के संबंध में दस्तावेज प्रस्तुत करने नोटिस जारी किया गया है. याचिका पर अगली सुनवाई 25 जनवरी को निर्धारित की गई है.

मैहर के गोबरी ग्राम निवासी सोमदत्त तिवारी की तरफ से दायर याचिका में कहा गया था कि अनावेदक अमृत लाल तिवारी ने ग्राम में स्थित सरकारी चरनोई की भूमि पर अतिक्रमण कर मकान व अन्य निर्माण कर लिए हैं. जिसकी शिकायत तहसीलदार से की गई थी. जिस पर वर्ष 2019 में तहसीलदार ने अतिक्रमण पाते हुए अनावेदक पर पांच हजार रुपए की पेनाल्टी लगाते हुए अतिक्रमण हटाने के निर्देश दिए थे. तहसीलदार के आदेश के खिलाफ अनावेदक ने एसडीएम के समक्ष अपील की थी, जो कि खारिज हो गई थी. इसके बावजूद भी अतिक्रमण नहीं हटा, जिस पर हाईकोर्ट की शरण ली गई है. मामले में राजस्व विभाग के प्रमुख सचिव, संभागायुक्त रीवा, सतना कलेक्टर, एसडीओ व तहसीलदार मैहर सहित अनावेदक अमृतलाल तिवारी को पक्षकार बनाया गया है.

पूर्व में हुई सुनवाई के दौरान सरकार की तरफ से बताया गया था कि विधि अनुसार अतिक्रमणकारियों को नोटिस जारी कर समय प्रदान किया गया है. याचिका पर गुरूवार को हुई सुनवाई के दौरान सरकार की तरफ से बताया गया कि शासकीय भूमि से शत-प्रतिशत अतिक्रमण हटा दिए गए हैं. युगलपीठ ने याचिकाकर्ता को इस संबंध में हलफनामा पेश करने के आदेश दिए हैं. वहीं याचिकाकर्ता की तरफ से अधिवक्ता धर्मेन्द्र सोनी ने पैरवी की.

जबलपुर। सतना जिले की मैहर तहसील अंतर्गत ग्राम गोबरी की सरकारी चरनोई की भूमि पर काबिज अतिक्रमण को चुनौती देते हुए हाईकोर्ट में याचिका दायर की गई थी. याचिका की सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस मोहम्मद रफीक और जस्टिस प्रकाश श्रीवास्तव की युगलपीठ को सरकार की तरफ से बताया गया कि शत-प्रतिशत अतिक्रमण हटाये गए हैं. सुनवाई के दौरान युगलपीठ को बताया गया कि तहसीलदार द्वारा दुर्भावनावश याचिकाकर्ता को भूमि स्वामी होने के संबंध में दस्तावेज प्रस्तुत करने नोटिस जारी किया गया है. याचिका पर अगली सुनवाई 25 जनवरी को निर्धारित की गई है.

मैहर के गोबरी ग्राम निवासी सोमदत्त तिवारी की तरफ से दायर याचिका में कहा गया था कि अनावेदक अमृत लाल तिवारी ने ग्राम में स्थित सरकारी चरनोई की भूमि पर अतिक्रमण कर मकान व अन्य निर्माण कर लिए हैं. जिसकी शिकायत तहसीलदार से की गई थी. जिस पर वर्ष 2019 में तहसीलदार ने अतिक्रमण पाते हुए अनावेदक पर पांच हजार रुपए की पेनाल्टी लगाते हुए अतिक्रमण हटाने के निर्देश दिए थे. तहसीलदार के आदेश के खिलाफ अनावेदक ने एसडीएम के समक्ष अपील की थी, जो कि खारिज हो गई थी. इसके बावजूद भी अतिक्रमण नहीं हटा, जिस पर हाईकोर्ट की शरण ली गई है. मामले में राजस्व विभाग के प्रमुख सचिव, संभागायुक्त रीवा, सतना कलेक्टर, एसडीओ व तहसीलदार मैहर सहित अनावेदक अमृतलाल तिवारी को पक्षकार बनाया गया है.

पूर्व में हुई सुनवाई के दौरान सरकार की तरफ से बताया गया था कि विधि अनुसार अतिक्रमणकारियों को नोटिस जारी कर समय प्रदान किया गया है. याचिका पर गुरूवार को हुई सुनवाई के दौरान सरकार की तरफ से बताया गया कि शासकीय भूमि से शत-प्रतिशत अतिक्रमण हटा दिए गए हैं. युगलपीठ ने याचिकाकर्ता को इस संबंध में हलफनामा पेश करने के आदेश दिए हैं. वहीं याचिकाकर्ता की तरफ से अधिवक्ता धर्मेन्द्र सोनी ने पैरवी की.

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