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रैगांव में बागरी के बागी बेटे बढ़ा सकते हैं भाजपा की टेंशन, पुष्पराज ने निर्दलीय ठोकी ताल, टिकट नहीं मिलने से नाराज

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Published : Oct 8, 2021, 2:36 PM IST

Updated : Oct 8, 2021, 3:28 PM IST

रैगांव विधानसभा क्षेत्र में अब बीजेपी की टेंशन बढ़ने वाली है क्योंकि दिवंगत बीजेपी विधायक जुगल किशोर बागरी के बेटे पुष्पराज बागरी ने पार्टी से बगावत कर निर्दलीय ताल ठोक दी है, पुष्पराज ने बतौर निर्दलीय उम्मीदवार अपना नामांकन दाखिल कर दिया है, पुष्पराज को बीजेपी से टिकट मिलने की उम्मीद थी , लेकिन प्रतिमा बागरी को उम्मीदवार घोषित किए जाने के बाद उन्होंने पार्टी से बगावत कर दी है.

Pushpraj Bagri filed nomination
टिकट नहीं मिलने से नाराज दिवंगत विधायक के पुत्र ने की बगावत

सतना। प्रदेश की तीन विधानसभा और एक लोकसभा सीट पर होने वाले उपचुनाव के लिए बीजेपी-कांग्रेस ने अपने अपने महारथियों को मैदान में उतार दिया है, नामांकन की आज आखिरी तारीख है, ऐसे में बचे हुए प्रत्याशी और निर्दलीय भी नामांकन करने पहुंच रहे हैं. वहीं रैगांव में दिवंगत बीजेपी विधायक जुगल किशोर बागरी के बेटे पुष्पराज बागरी ने बगावत कर दी है और निर्दलीय नामांकन भी कर दिया है, ये बगावत बीजेपी को भारी पड़ने वाली है. टिकट नहीं मिलने से पुष्पराज नाराज हैं.

Pushpraj Bagri filed nomination
रैगांव में आमने सामने महिला प्रत्याशी

MP By-Election: आमने-सामने उम्मीदवार, जातियों का झुकाव तय करेगा जीत हार, साफ होगी 2023 की तस्वीर

दिवंगत विधायक परिवार से तीन दावेदार

बीजेपी विधायक जुगल किशोर बागरी के निधन से खाली हुई सीट पर जुगल किशोर बागरी के दोनों बेटे पुष्पराज बागरी और देवराज बागरी भी टिकट की दावेदारी कर रहे थे, ऐसे में बीजेपी ने दोनों को दरकिनार कर प्रतिमा बागरी को प्रत्याशी बना दिया है क्योंकि इस सीट पर बागरी परिवार का दबदबा रहा है. वहीं कांग्रेस ने यहां के कल्पना वर्मा को अपना उम्मीदवार बनाया है. सीट के समीकरणों को देखकर दोनों ही प्रत्याशी अपनी-अपनी जीत का दावा कर रहे हैं.

2013 में पुष्पराज को उषा ने हराया था

दिवंगत बीजेपी विधायक जुगल किशोर बागरी के बड़े पुत्र पुष्पराज बागरी हैं, पुष्पराज बागरी वर्ष 2013 में रैगांव विधानसभा प्रत्याशी रहे हैं, उन्हें बसपा विधायक उषा चौधरी से हार का सामना करना पड़ा था, विधायक के दिवंगत होने के बाद पुष्पराज टिकट के प्रबल दावेदार माने जा रहे थे, लेकिन पुष्पराज बागरी को बीजेपी ने दरकिनार कर प्रतिमा बागरी को टिकट दे दिया, पुष्पराज बागरी की उम्र 45 वर्ष है, पोस्ट ग्रेजुएट पुष्पराज सतना जिला पंचायत के उपाध्यक्ष भी रह चुके हैं.

दिवंगत विधायक के बेटे ने की बगावत

पुष्पराज बागरी की दावेदारी को उनके परिवार के अंदर से ही चुनौती मिल रही थी, उनके छोटे भाई देवराज बागरी और अनुज पत्नी वंदना देवराज बागरी ने भी टिकट की दावेदारी की थी, पुष्पराज के नाम पर पार्टी की मुहर लगने के आसार भी नजर आ रहे थे, लेकिन पार्टी ने दिवंगत विधायक के परिवार को ही दरकिनार कर दिया. जिससे खफा पुष्पराज बागरी ने बगावत कर निर्दलीय नामांकन दाखिल कर दिया है.

सतना। प्रदेश की तीन विधानसभा और एक लोकसभा सीट पर होने वाले उपचुनाव के लिए बीजेपी-कांग्रेस ने अपने अपने महारथियों को मैदान में उतार दिया है, नामांकन की आज आखिरी तारीख है, ऐसे में बचे हुए प्रत्याशी और निर्दलीय भी नामांकन करने पहुंच रहे हैं. वहीं रैगांव में दिवंगत बीजेपी विधायक जुगल किशोर बागरी के बेटे पुष्पराज बागरी ने बगावत कर दी है और निर्दलीय नामांकन भी कर दिया है, ये बगावत बीजेपी को भारी पड़ने वाली है. टिकट नहीं मिलने से पुष्पराज नाराज हैं.

Pushpraj Bagri filed nomination
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दिवंगत विधायक परिवार से तीन दावेदार

बीजेपी विधायक जुगल किशोर बागरी के निधन से खाली हुई सीट पर जुगल किशोर बागरी के दोनों बेटे पुष्पराज बागरी और देवराज बागरी भी टिकट की दावेदारी कर रहे थे, ऐसे में बीजेपी ने दोनों को दरकिनार कर प्रतिमा बागरी को प्रत्याशी बना दिया है क्योंकि इस सीट पर बागरी परिवार का दबदबा रहा है. वहीं कांग्रेस ने यहां के कल्पना वर्मा को अपना उम्मीदवार बनाया है. सीट के समीकरणों को देखकर दोनों ही प्रत्याशी अपनी-अपनी जीत का दावा कर रहे हैं.

2013 में पुष्पराज को उषा ने हराया था

दिवंगत बीजेपी विधायक जुगल किशोर बागरी के बड़े पुत्र पुष्पराज बागरी हैं, पुष्पराज बागरी वर्ष 2013 में रैगांव विधानसभा प्रत्याशी रहे हैं, उन्हें बसपा विधायक उषा चौधरी से हार का सामना करना पड़ा था, विधायक के दिवंगत होने के बाद पुष्पराज टिकट के प्रबल दावेदार माने जा रहे थे, लेकिन पुष्पराज बागरी को बीजेपी ने दरकिनार कर प्रतिमा बागरी को टिकट दे दिया, पुष्पराज बागरी की उम्र 45 वर्ष है, पोस्ट ग्रेजुएट पुष्पराज सतना जिला पंचायत के उपाध्यक्ष भी रह चुके हैं.

दिवंगत विधायक के बेटे ने की बगावत

पुष्पराज बागरी की दावेदारी को उनके परिवार के अंदर से ही चुनौती मिल रही थी, उनके छोटे भाई देवराज बागरी और अनुज पत्नी वंदना देवराज बागरी ने भी टिकट की दावेदारी की थी, पुष्पराज के नाम पर पार्टी की मुहर लगने के आसार भी नजर आ रहे थे, लेकिन पार्टी ने दिवंगत विधायक के परिवार को ही दरकिनार कर दिया. जिससे खफा पुष्पराज बागरी ने बगावत कर निर्दलीय नामांकन दाखिल कर दिया है.

Last Updated : Oct 8, 2021, 3:28 PM IST
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