सतना। प्रदेश की तीन विधानसभा और एक लोकसभा सीट पर होने वाले उपचुनाव के लिए बीजेपी-कांग्रेस ने अपने अपने महारथियों को मैदान में उतार दिया है, नामांकन की आज आखिरी तारीख है, ऐसे में बचे हुए प्रत्याशी और निर्दलीय भी नामांकन करने पहुंच रहे हैं. वहीं रैगांव में दिवंगत बीजेपी विधायक जुगल किशोर बागरी के बेटे पुष्पराज बागरी ने बगावत कर दी है और निर्दलीय नामांकन भी कर दिया है, ये बगावत बीजेपी को भारी पड़ने वाली है. टिकट नहीं मिलने से पुष्पराज नाराज हैं.
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दिवंगत विधायक परिवार से तीन दावेदार
बीजेपी विधायक जुगल किशोर बागरी के निधन से खाली हुई सीट पर जुगल किशोर बागरी के दोनों बेटे पुष्पराज बागरी और देवराज बागरी भी टिकट की दावेदारी कर रहे थे, ऐसे में बीजेपी ने दोनों को दरकिनार कर प्रतिमा बागरी को प्रत्याशी बना दिया है क्योंकि इस सीट पर बागरी परिवार का दबदबा रहा है. वहीं कांग्रेस ने यहां के कल्पना वर्मा को अपना उम्मीदवार बनाया है. सीट के समीकरणों को देखकर दोनों ही प्रत्याशी अपनी-अपनी जीत का दावा कर रहे हैं.
2013 में पुष्पराज को उषा ने हराया था
दिवंगत बीजेपी विधायक जुगल किशोर बागरी के बड़े पुत्र पुष्पराज बागरी हैं, पुष्पराज बागरी वर्ष 2013 में रैगांव विधानसभा प्रत्याशी रहे हैं, उन्हें बसपा विधायक उषा चौधरी से हार का सामना करना पड़ा था, विधायक के दिवंगत होने के बाद पुष्पराज टिकट के प्रबल दावेदार माने जा रहे थे, लेकिन पुष्पराज बागरी को बीजेपी ने दरकिनार कर प्रतिमा बागरी को टिकट दे दिया, पुष्पराज बागरी की उम्र 45 वर्ष है, पोस्ट ग्रेजुएट पुष्पराज सतना जिला पंचायत के उपाध्यक्ष भी रह चुके हैं.
दिवंगत विधायक के बेटे ने की बगावत
पुष्पराज बागरी की दावेदारी को उनके परिवार के अंदर से ही चुनौती मिल रही थी, उनके छोटे भाई देवराज बागरी और अनुज पत्नी वंदना देवराज बागरी ने भी टिकट की दावेदारी की थी, पुष्पराज के नाम पर पार्टी की मुहर लगने के आसार भी नजर आ रहे थे, लेकिन पार्टी ने दिवंगत विधायक के परिवार को ही दरकिनार कर दिया. जिससे खफा पुष्पराज बागरी ने बगावत कर निर्दलीय नामांकन दाखिल कर दिया है.