सतना। रैगांव में होने वाले उपचुनाव (Raigaon By Election) को लेकर बीजेपी और कांग्रेस दोनों के प्रत्याशी आमने सामने हैं. दोनों ही पार्टी प्रत्याशियों ने चुनाव प्रचार-प्रसार (Election Campaign in Raigaon) को लेकर कमर कस ली है. देखना यह होगा कि इस विधानसभा में उपचुनाव का परचम किसके सर लहराएगा.
बीजेपी-कांग्रेस ने ठोकी दावेदारी की ताल
रैगांव विधानसभा में होने वाले उपचुनाव का ताज के लिए बीजेपी-कांग्रेस (BJP and Congress) दोनों ही पार्टी के दावेदारों ने ताल ठोक दी है. अब ऐसे में दोनों ही प्रत्याशी अपने-अपने मुद्दों को लेकर चुनावी मैदान में कमर कसे हुए हैं. एक तरफ बीजेपी प्रदेश में नए विकास के वादे कर रही है, तो वहीं कांग्रेस पार्टी रैगांव विधानसभा क्षेत्र में शिक्षा, स्वास्थ्य, सड़क, रोजगार को लेकर चुनावी मैदान में है. पांच बार बीजेपी विधायक का इस सीट पर कब्जा होने के बावजूद मूलभूत सुविधाओं का अभाव कांग्रेस पार्टी के लिए एक मुनाफे साबित हो सकता है.
कांग्रेस प्रत्याशी कल्पना वर्मा (Congress Candidate Kalpna Verma)
विधानसभा क्षेत्र से वर्ष 2018 में कांग्रेस की पूर्व प्रत्याशी रहीं कल्पना वर्मा पर पार्टी ने फिर से भरोसा जताते हुए अपना प्रत्याशी घोषित किया है. कल्पना वर्मा 32 वर्ष की हैं. इनका निवास स्थान कपूरी ग्राम, देरुहा नागौद हैं. शैक्षणिक योग्यता मैथमेटिक्स एमएससी हैं. कल्पना सतना जिला पंचायत वार्ड नंबर-2 से जिला पंचायत सदस्य भी रह चुकी हैं. वर्ष 2018 में कल्पना वर्मा रैगांव विधानसभा क्षेत्र के उम्मीदवार रहीं. हालांकि कल्पना वर्मा को हार मिली और भाजपा से विधायक स्वर्गीय जुगुल किशोर बागरी 17421 वोटों से आगे रहे. जुगुल किशोर बागरी को 65,910 वोट और कल्पना वर्मा को 48,489 वोट मिलीं. कल्पना का विधानसभा चुनाव का यह पहला मौका था, जब वह दूसरे नंबर पर थीं, जबकि बसपा की उषा चौधरी को 16,677 मत मिले थे.
भाजपा प्रत्याशी प्रतिमा बागरी (BJP Candidate Pratima Bagri)
प्रतिमा बागरी की बात करें तो यह युवा नेत्री हैं और वर्तमान में भाजपा महामंत्री के पद पर पार्टी के लिए काम कर रही हैं. प्रतिमा लंबे वक्त से युवा नेत्री के रूप में भाजपा के लिए कार्य कर रही हैं और स्वर्गीय जुगल किशोर बागरी के बड़े भाई की पोती हैं. प्रतिमा बागरी का जन्म 20 जुलाई 1988 को हुआ था. प्रतिमा बागरी बीए, एलएलबी हैं. प्रतिमा विकास और गर्ल्स एजुकेशन के मुद्दे को लेकर जनता के बीच लाएंगी. उनका कहना है कि इस क्षेत्र में गर्ल्स एजुकेशन को लेकर ज्यादा काम नहीं हुआ है. लिहाजा, इस और वह सरकार का ध्यान आकर्षित करेंगे.
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जुगल किशोर बागरी के निधन से खाली हुई सीट
बता दें कि भाजपा के दिवंगत विधायक जुगल किशोर बागरी के निधन से यह सीट खाली हुई है. इस सीट में त्रिकोणीय समीकरण रहा. जातीय समीकरण के अनुसार अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित सीट है. यहां पर भाजपा कांग्रेस के अलावा बसपा का भी पलड़ा भारी रहा है, लेकिन इस उपचुनाव में बसपा ने अपना प्रत्याशी मैदान में नहीं उतारा.