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सतना: जिला अस्पताल में खुलेआम चल रही है खून की दलाली, ब्लड बैंक के कर्मचारी ही कर रहे हैं ब्लैक मार्केटिंग - mp news

सतना के जिला अस्पताल में ब्लड बैंक से ब्लड की ब्लैक मार्केटिंग की जा रही है. पोषण पुर्नवास केंद्र में भर्ती कुपोषित बच्चों के नाम जारी ब्लड के आकड़ों में ये मामला सामने आया है.

जिला अस्पताल में खुलेआम चल रही है खून की दलाली
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Published : Aug 31, 2019, 7:43 PM IST

सतना। जिला अस्पताल में ब्लड बैंक की व्यवस्था है. जहां से जरूरतमंदों को ब्लड मिल सके, लेकिन ब्लड बैंक में पदस्त कर्मचारियों ने खून का ही करोबार करना शुरू कर दिया है. यहां पदस्त कर्मचारी गरीबों के नाम पर फर्जी तरीके से ब्लड इशू कर करोबार कर रहे है. ताजा मामला पोषण पुर्नवास केंद्र में भर्ती कुपोषित बच्चों के नाम जारी ब्लड के आकड़ों का है.

जिला अस्पताल में खुलेआम चल रही है खून की दलाली


दस्तक अभियान के तहत जिले के अति कुपोषित बच्चों को चिन्हित कर स्वास्थ और महिला बाल विकास के कर्मचारियों ने बच्चों को एनआरसी में भर्ती कराया. जिले के नौ एनआरसी में कुल 289 बच्चे भर्ती किये गए. इन बच्चों में से कई बच्चों को ब्लड की जरूरत थी. ब्लड बैंक से इन बच्चों के लिए 102 यूनिट ब्लड जारी किया गया. मगर 102 यूनिट ब्लड में से चार यूनिट ब्लड ही एनआरसी में भर्ती बच्चों के काम आया और बाकी का 98 यूनिट ब्लड रास्ते से ही गायब हो गया.


सूत्रों की माने तो कुपोषित बच्चों के साथ- साथ कैंसर, थैलसीमिया जैसे गंभीर बीमारी से पीड़ित मरीजों की आड़ में खून की ब्लैक मार्केटिंग की जा रही है. दरअसल पिछले 6 माह में 12 रक्त दान शिविरों में 542 यूनिट रक्त का कलेक्सन किया गया, लेकिन स्टॉक में 576 यूनिट रक्त का विरतण दर्षाया गया है. संग्रहित ब्लड और वितरित किये गए ब्लड में 35 यूनिट का अंतर पाया गया.

सतना। जिला अस्पताल में ब्लड बैंक की व्यवस्था है. जहां से जरूरतमंदों को ब्लड मिल सके, लेकिन ब्लड बैंक में पदस्त कर्मचारियों ने खून का ही करोबार करना शुरू कर दिया है. यहां पदस्त कर्मचारी गरीबों के नाम पर फर्जी तरीके से ब्लड इशू कर करोबार कर रहे है. ताजा मामला पोषण पुर्नवास केंद्र में भर्ती कुपोषित बच्चों के नाम जारी ब्लड के आकड़ों का है.

जिला अस्पताल में खुलेआम चल रही है खून की दलाली


दस्तक अभियान के तहत जिले के अति कुपोषित बच्चों को चिन्हित कर स्वास्थ और महिला बाल विकास के कर्मचारियों ने बच्चों को एनआरसी में भर्ती कराया. जिले के नौ एनआरसी में कुल 289 बच्चे भर्ती किये गए. इन बच्चों में से कई बच्चों को ब्लड की जरूरत थी. ब्लड बैंक से इन बच्चों के लिए 102 यूनिट ब्लड जारी किया गया. मगर 102 यूनिट ब्लड में से चार यूनिट ब्लड ही एनआरसी में भर्ती बच्चों के काम आया और बाकी का 98 यूनिट ब्लड रास्ते से ही गायब हो गया.


सूत्रों की माने तो कुपोषित बच्चों के साथ- साथ कैंसर, थैलसीमिया जैसे गंभीर बीमारी से पीड़ित मरीजों की आड़ में खून की ब्लैक मार्केटिंग की जा रही है. दरअसल पिछले 6 माह में 12 रक्त दान शिविरों में 542 यूनिट रक्त का कलेक्सन किया गया, लेकिन स्टॉक में 576 यूनिट रक्त का विरतण दर्षाया गया है. संग्रहित ब्लड और वितरित किये गए ब्लड में 35 यूनिट का अंतर पाया गया.

Intro:एंकर
सतना जिला अस्पताल के ब्लड बैंक में फल फूल रहा है ब्लड का गोरख धंधा.मरीजो मिलने वाले ब्लड का हो रहा हैं सौदा.जिले में कुपोषण के कलंक को मिटाने पोषण पुर्नवास क्रेंद में भर्ती मासूमो के लहू के नाम बड़ा खेल. दस्तक अभियान के तहत चिन्हित अति कुपोषित बच्चो को एनआरसी में भर्ती कराया गया. जरूरतमंद मासूमो को खून चढ़ाने के लिए ब्लड बैंक से खून निकला मगर रास्ते से ही 98 यूनिट ब्लड़ गायब हो चुका.बीच रास्ते मे मासूमो के लिए निकला लहू कौन पी गया.ये अब जांच का विषय है कि 102 यूनिट कुपोषित वच्चो के लिए निकला स्टॉक से ब्लड गया कहा.जबकि एनआरसी में सिर्फ चार यूनिट ही ब्लड पहुचा ।


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सतना जिला अस्पताल में ब्लड बैंक की व्यवस्था है.जहां से जरूरतमंदों को ब्लड मिल सके.लेकिन ब्लड बैंक में पदस्त कर्मचारियो ने खून को ही करोबार बना लिया.यहां पदस्त कर्मचारी गरीबो के नाम पर फर्जी तरीके से ब्लड इशू कर करोबार कर रहे.ताजा मामला पोषण पुर्नवास क्रेंदो में भर्ती कुपोषित बच्चों के नाम जारी ब्लड के आकड़ो में का है. दस्तक अभियान के तहत जिले के अति कुपोषित वच्चो को चिन्हित कर स्वास्थ और महिला बाल विकास के कर्मचारियो ने मासूमो को एनआरसी में भर्ती कराया.जिले के नौ एनआरसी में कुल 289 बच्चे भर्ती किये गए.इन मासूमो में से कई मासूमो को ब्लड की जरूरत थी.ब्लड बैंक से इन मासूमो के लिए 102 यूनिट ब्लड जारी किया गया.मगर 102 यूनिट ब्लड में से चार यूनिट ब्लड ही एनआरसी में भर्ती मासूमो के काम आया.बीच रास्ते मे से 98 यूनिट ब्लड गायब हो गया.ब्लड बैंक के स्टॉक से जारी ब्लड का आज तक कोई पता नही चला की आखिरकार मासूमो के लिए निकला खून कौन पी गया. सूत्रों की माने तो कुपोषित बच्चों के साथ साथ कैंसर,थैलसीमिया जैसे गंभीर बीमारी से पीड़ित मरीजों की आड़ में खून का खेल खेला जा रहा.सतना जिले के ब्लड बैंक में जारी खून के खेल को लेकर अब प्रशासन के कान खड़े हो चुके.इस मामले में एक चौकाने वाला खेल पकड़ में आया है.अति कुपोषित बच्चों के नाम खून के खेल के साथ साथ रक्त कलेक्शन और वितरण में भी बड़े गोलमाल के सबूत मिले है.दरअसल पिछले छः माह में 12 रक्त दान शिविरों में 542 यूनिट रक्त का कलेक्सन किया गया मगर स्टॉक में 576 यूनिट रक्त का विरतण दर्षाया गया है.मतलब संग्रहीत ब्लड और वितरित किये गए ब्लड में 35 यूनिट का अंतर है.स्टॉक से ज्यादा 35 यूनिट ब्लड कहा से आया इसका जबाब ब्लड बैंक के पास नही.हालांकि जिला अस्पताल के ब्लड बैंक में जारी खून के खेल को लेकर जिला कलेक्टर गंभीर हुए है और इस पूरे मामले की जांच के लिए महिला बाल विकास अधिकारी और जिला स्वास्थ्य अधिकारी के नेतृत्व में एक जांच टीम के गठन की बात कह रहे है.जिला कलेक्टर की माने तो इस पूरे मामले की जांच होगी और यदि अनिमितता मिली तो दोषी कर्मचारियी पर सख्त कार्यबाही होगी ।

Conclusion:Byte --
सतेंद्र सिंह -- कलेक्टर जिला सतना ।
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