सतना। गर्मी का दौर शुरू हो चुका है. शॉर्ट सर्किट की वजह से किसानों के खेत में या घरों में आग लगना आम बात हो चुकी है. लेकिन जिले में अगर फायर ब्रिगेड की बात करें तो 20 फायर ब्रिगेड के भरोसे करीब 20 लाख की आबादी है. इनमें वर्तमान में अभी छह फायर ब्रिगेड खराब हैं, जिसके सुध लेने वाला कोई नहीं है. जिला प्रशासन भी मौन बैठा हुआ है.
इतनी बड़ी आबादी वाले जिले में आग पर काबू पाने के लिए 14 दमकल कार्यरत हैं. सतना जिले में 12 नगरीय निकाय हैं, जिनमें कुल 20 दमकल हैं. इनमें से छह खराब हालात में हैं और 14 कार्यरत हैं. जिला मुख्यालय में छह दमकल में से चार खराब हैं. अमरपाटन में एक, मैहर में एक, नागौर में दो, उचेहरा में एक, रामनगर में एक, जैतवारा में एक, रामपुर में एक, चित्रकूट में दो, कोठी में एक, वीरसिंहपुर में एक और कोटर में एक भी दमकल फिलहाल नहीं है.
यदि हम आग के सुरक्षा मापदंडों पर बात करें तो करीब 50 हजार की आबादी के बीच कम से कम एक फायर ब्रिगेड होना आवश्यक है. लेकिन जिला 14 फायर ब्रिगेड के भरोसे टिका हुआ है. जिले के अंदर हालात यह है कि अक्सर आग लगने पर फायर ब्रिगेड को स्थानीय लोग और प्रशासन सूचना जरूर देता है लेकिन जब तक दमकल पहुंचता है, तब तक सब जलकर खाक हो जाता है.
ऐसी परिस्थिति में जिला प्रशासन द्वारा जल्द ही अगर इसके लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाए गए तो आम जनजीवन के लिए बहुत बड़ा संकट बन सकता है.