सतना। मैहर सिविल अस्पताल के बाहर आशा-ऊषा और सहयोगिनी कार्यकर्ता 24 जून से भूख हड़ताल पर बैठी हुई हैं. जिसका असर अब उनके स्वास्थ्य पर भी दिखने लगा है. गुरूवार को अचानक 11 आशा कार्यकर्ताओं की तबीयत बिगड़ गई, इसके बाद भी वह सब धरना दे रहीं थीं. सूचना के बाद फौरन मैहर एसडीएम सुरेश अग्रवाल और विधायक नारायण त्रिपाठी मौके पर पहुंचे. जहां दोनों की समझाइश के बाद कार्यकर्ताओं ने जरूर अपनी भूख हड़ताल खत्म कर दी, पर उनका क्रमिक अनशन जारी है.
अस्पताल में नहीं हो रहीं थी भर्ती
जिले की 23सौ आशा कार्यकर्ता हड़ताल पर हैं, सभी मैहर सिविल अस्पताल के बाहर बैठी हैं. गुरुवार को धरना दे रहीं 11 आशा कार्यकर्ताओं की अचानक तबीयत बिगड़ गई थी. सभी को जब भर्ती करने के लिए कहा गया, तो उन्होंने दो टूक मना कर दिया. मैहर एसडीएम और विधायक नारायण त्रिपाठी की समझाइश के बाद जैसे-तैसे यह कार्यकर्ता मानीं, फिर उन्हें इलाज के लिए भर्ती कराया गया, अभी भी 6 आशा कार्यकर्ताओं का इलाज जारी है.
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सीएम शिवराज पर साधा निशाना
अपनी मांगों को लेकर लगातार प्रदर्शन कर रहीं आशा कार्यकर्ताओं ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान पर भी निशाना साधा. उन्होंने कहा कि सीएम सभी को अपना भांजा-भांजी और भाई-बहन का दर्जा देते हैं, लेकिन अब बहनों की मांग भाई को सुनाई नहीं दे रही है, सीएम ने अभी तक मामले में सुध नहीं ली है. नारेबाजी के साथ ही महिलाएं भजन के माध्यम से सीएम शिवराज से कफन मांग रही हैं.
जानिए आशा-ऊषा कार्यकर्ताओं की मांग