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बुंदेलखंड में बारिश के कारण टमाटर की फसल रोगग्रस्त, देखें - ये है बर्बादी का आलम - सागर में टमाटर की फसल बर्बाद

Tomato Crops destroy by Jhulasa: बुंदेलखंड में लगातार बारिश से टमाटर की फसल रोगग्रस्त हो गई. टमाटर उत्पादक किसानों की सारी फसल बर्बाद हो गयी है. लागत निकलने के भी आसार नहीं हैं. बारिश के कारण टमाटर की फसल झुलसा रोग की चपेट में आ गई. इससे सागर सहित पूरे बुंदेलखंड में करीब चार हजार हेक्टेयर फसल प्रभावित हुई है.

tomato crop getting rotten due to continuous rain
बारिश से टमाटर की फसल में लगा रोग
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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Dec 8, 2023, 2:59 PM IST

बुंदेलखंड में बारिश के कारण टमाटर की फसल रोगग्रस्त

सागर। बुंदेलखंड में सागर और दमोह ऐसे दो जिले हैं, जहां बडे पैमानें पर टमाटर की खेती होती है. बुंदेलखंड का टमाटर अपने स्वाद और खट्टेपन के लिए काफी मशहूर है और प्रदेश के बाहर भी यहां के टमाटर की काफी डिमांड है. यहां के किसान बडे़ पैमाने पर टमाटर का उत्पादन करते हैं. दोनों जिलों में आत्मनिर्भर भारत के तहत एक जिला एक उत्पाद में टमाटर को ही शामिल किया गया है. लेकिन इस साल टमाटर उत्पादक किसानों की सारी फसल बर्बाद हो गयी है. उद्यानिकी विभाग ने टमाटर की फसल को हुए नुकसान का सर्वे शुरू कर दिया है. Tomato Crops destroy by Jhulasa

सब्जी उत्पादक किसान संकट में : रबी फसल की बोवनी के साथ ही मौसम में आए बदलाव के चलते जहां मावठ के कारण अनाज उत्पादक किसान खुश हैं. रबी की फसल गेहूं, चना और मसूर उगाने वाले किसान के चेहरे खिल उठे हैं. वहीं विशेषज्ञ इसे फसलों के लिए अमृत की तरह मान रहे हैं. लेकिन दूसरी तरफ सब्जी उत्पादक किसानों के लिए भारी नुकसान हो गया है. खासकर सागर जिले में बडे़ पैमाने पर उत्पादित होने वाली टमाटर की फसल में झुलसा रोग लग गया है. जिले के रहली विकासखंड में करीब चार सौ हेक्टेयर फसल बर्बाद हो गयी है. यहां टमाटर उत्पादक गांव चनौआ, परासिया, बाछलोन और काछी पिपरिया जैसे इलाके जो पूरे बुंदेलखंड में अपने टमाटर के लिए जाने जाते हैं. वहां टमाटर की फसलों को काफी नुकसान हुआ है. Tomato Crops destroy by Jhulasa
लागत भी डूबने के आसार : टमाटर उत्पादक किसान इस नुकसान से दुखी हैं. किसान बताते हैं कि टमाटर की मांग को देखते हुए इस बार अच्छे उत्पादन के लिए कर्ज लेकर हाइब्रिड बीज बाहर से मंगवाए थे. लेकिन लगातार बारिश के कारण टमाटर की फसल पूरी तरह बर्बाद हो गयी है. बीज काफी महंगा आता है और एक हेक्टेयर में 4 सौ ग्राम प्रति हेक्टेयर तक बुवाई की जाती है. झुलसा रोग के कारण फसल टमाटर की फसल इस तरह बर्बाद हो गयी है कि ना तो टमाटर के सही दाम मिलेंगे और ना ही लागत निकल पाएगी. Tomato Crops destroy by Jhulasa

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मावठा से सब्जी को नुकसान : उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण विभाग के उपसंचालक रवीन्द्र चौबे ने बताया कि जिले में लगातार मावठा से तापमान गिरने के कारण टमाटर और धनिया की फसल में नुकसान हुआ है. सबसे ज्यादा नुकसान की सूचना फिलहाल रहली विकासखंड से मिली है. प्राथमिक तौर पर मिली जानकारी के अनुसार झुलसा रोग लग गया है. इसके कारण टमाटर के पत्ते झुलस जाने से टमाटर पकने के पहले ही दागदार हो जाता है और सड़ जाता है. Tomato Crops destroy by Jhulasa

बुंदेलखंड में बारिश के कारण टमाटर की फसल रोगग्रस्त

सागर। बुंदेलखंड में सागर और दमोह ऐसे दो जिले हैं, जहां बडे पैमानें पर टमाटर की खेती होती है. बुंदेलखंड का टमाटर अपने स्वाद और खट्टेपन के लिए काफी मशहूर है और प्रदेश के बाहर भी यहां के टमाटर की काफी डिमांड है. यहां के किसान बडे़ पैमाने पर टमाटर का उत्पादन करते हैं. दोनों जिलों में आत्मनिर्भर भारत के तहत एक जिला एक उत्पाद में टमाटर को ही शामिल किया गया है. लेकिन इस साल टमाटर उत्पादक किसानों की सारी फसल बर्बाद हो गयी है. उद्यानिकी विभाग ने टमाटर की फसल को हुए नुकसान का सर्वे शुरू कर दिया है. Tomato Crops destroy by Jhulasa

सब्जी उत्पादक किसान संकट में : रबी फसल की बोवनी के साथ ही मौसम में आए बदलाव के चलते जहां मावठ के कारण अनाज उत्पादक किसान खुश हैं. रबी की फसल गेहूं, चना और मसूर उगाने वाले किसान के चेहरे खिल उठे हैं. वहीं विशेषज्ञ इसे फसलों के लिए अमृत की तरह मान रहे हैं. लेकिन दूसरी तरफ सब्जी उत्पादक किसानों के लिए भारी नुकसान हो गया है. खासकर सागर जिले में बडे़ पैमाने पर उत्पादित होने वाली टमाटर की फसल में झुलसा रोग लग गया है. जिले के रहली विकासखंड में करीब चार सौ हेक्टेयर फसल बर्बाद हो गयी है. यहां टमाटर उत्पादक गांव चनौआ, परासिया, बाछलोन और काछी पिपरिया जैसे इलाके जो पूरे बुंदेलखंड में अपने टमाटर के लिए जाने जाते हैं. वहां टमाटर की फसलों को काफी नुकसान हुआ है. Tomato Crops destroy by Jhulasa
लागत भी डूबने के आसार : टमाटर उत्पादक किसान इस नुकसान से दुखी हैं. किसान बताते हैं कि टमाटर की मांग को देखते हुए इस बार अच्छे उत्पादन के लिए कर्ज लेकर हाइब्रिड बीज बाहर से मंगवाए थे. लेकिन लगातार बारिश के कारण टमाटर की फसल पूरी तरह बर्बाद हो गयी है. बीज काफी महंगा आता है और एक हेक्टेयर में 4 सौ ग्राम प्रति हेक्टेयर तक बुवाई की जाती है. झुलसा रोग के कारण फसल टमाटर की फसल इस तरह बर्बाद हो गयी है कि ना तो टमाटर के सही दाम मिलेंगे और ना ही लागत निकल पाएगी. Tomato Crops destroy by Jhulasa

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