ETV Bharat / state

नगर निगम बनी सियासत का अखाड़ा, प्रभारी उपायुक्त को हटाने कर्मचारियों ने लगाए पोस्टर - कर्मचारियों ने लगाए पोस्टर

सागर में नगर निगम के प्रभारी उपायुक्त प्रणय कमल खरे को हटाने के लिए नगर पालिका के कर्मचारियों के संघ ने मोर्चा खोल दिया है. कर्मचारियों ने प्रभारी उपायुक्त को हटाने के लिए पोस्टर लगा दिए हैं.

Municipal council
नगर निगम
author img

By

Published : Feb 9, 2021, 12:03 PM IST

सागर। नगर निगम कर्मचारियों और अधिकारियों के बीच की सियासत का अखाड़ा बना हुआ है. खासकर नगर निगम के प्रभारी उपायुक्त प्रणय कमल खरे को हटाने के लिए नगर पालिका के कर्मचारियों के संघ ने मोर्चा खोल दिया है. मामला यहां तक पहुंच गया है कि कर्मचारियों ने नगर निगम परिसर में उपायुक्त को फर्जी उपायुक्त करार देते हुए जगह-जगह पोस्टर लगा दिए हैं.

कर्मचारियों ने लगाए पोस्टर

आंदोलनरत कर्मचारियों का कहना है कि एक तो प्रभारी उपायुक्त को नियम अनुसार प्रभार नहीं दिया गया है. वहीं नगर निगम के कामकाज और नियमों की जानकारी ना होने के कारण प्रभारी उपायुक्त कर्मचारियों को प्रताड़ित करते हैं. कर्मचारियों ने ऐलान किया है कि अगर प्रभारी उपायुक्त को हटाया नहीं गया तो आंदोलन तेज किया जाएगा. वहीं इस मामले में जिम्मेदार अधिकारियों ने चुप्पी साधी हुई है.

आयुर्वेद चिकित्सक को दे दिया प्रशासनिक प्रभार

नगर निगम के प्रभारी उपायुक्त को फर्जी उपायुक्त कहने के पीछे नगर निगम के कर्मचारियों का कहना है कि नगर निगम में अगर उपायुक्त का पद खाली होता है, तो यह पद सहायक आयुक्त अधीक्षक या अन्य पदों पर तैनात प्रशासनिक अधिकारियों को प्रभार दिया जाता है. लेकिन प्रणय कमल खरे को उपायुक्त का प्रभार दिया गया है. जबकि वह नगर निगम में आयुर्वेद चिकित्सक के पद पर पदस्थ हैं.

नियमानुसार प्रशासनिक स्तर के पद पर आयुर्वेद चिकित्सक को प्रभार नहीं दिया जा सकता है. साथ ही प्रभारी उपायुक्त उपायुक्त पदनाम का उपयोग नहीं कर सकता है. अगर करता है तो पद के साथ प्रभारी भी लगाना होता है.

कर्मचारियों को कर रहे हैं प्रताड़ित

मध्यप्रदेश नगर निगम और नगर पालिका कर्मचारी संघ का आरोप है कि प्रभारी उपायुक्त को प्रशासन और नगर निगम के नियमों की जानकारी नहीं है. ऐसी स्थिति में प्रभारी उपायुक्त कर्मचारियों से मनमर्जी से काम लेते हैं और उन्हें प्रताड़ित करते हैं. कर्मचारियों से बदसलूकी भी करते हैं. नियम अनुसार कर्मचारी एक निश्चित समय में ड्यूटी करता है, लेकिन यह ड्यूटी के अतिरिक्त भी कर्मचारियों की तैनाती करते हैं,जिससे कर्मचारी मानसिक रूप से प्रताड़ित रहते हैं.

पद से हटाया नहीं गया तो करेंगे उग्र आंदोलन

प्रदेश नगर निगम निगम नगर पालिका कर्मचारी संघ के प्रांतीय महामंत्री राजेश सिंह का कहना है कि नियमों को ताक पर रखकर प्रणय कमल खरे को उपायुक्त बनाया गया है. इस मामले में हम लोगों ने आंदोलन शुरू कर दिया है. सबसे पहले सागर कमिश्नर जो कि नगर निगम सागर के प्रशासक भी हैं,उनको ज्ञापन सौंपकर प्रभारी आयुक्त को पद से हटाने की मांग की है. नगर निगम परिसर में पोस्टर भी लगाए हैं. अगर हमारी मांग पर प्रशासन द्वारा कोई जल्दी निर्णय नहीं लिया गया तो हम उग्र आंदोलन करेंगे के लिए मजबूर हैं.

सागर। नगर निगम कर्मचारियों और अधिकारियों के बीच की सियासत का अखाड़ा बना हुआ है. खासकर नगर निगम के प्रभारी उपायुक्त प्रणय कमल खरे को हटाने के लिए नगर पालिका के कर्मचारियों के संघ ने मोर्चा खोल दिया है. मामला यहां तक पहुंच गया है कि कर्मचारियों ने नगर निगम परिसर में उपायुक्त को फर्जी उपायुक्त करार देते हुए जगह-जगह पोस्टर लगा दिए हैं.

कर्मचारियों ने लगाए पोस्टर

आंदोलनरत कर्मचारियों का कहना है कि एक तो प्रभारी उपायुक्त को नियम अनुसार प्रभार नहीं दिया गया है. वहीं नगर निगम के कामकाज और नियमों की जानकारी ना होने के कारण प्रभारी उपायुक्त कर्मचारियों को प्रताड़ित करते हैं. कर्मचारियों ने ऐलान किया है कि अगर प्रभारी उपायुक्त को हटाया नहीं गया तो आंदोलन तेज किया जाएगा. वहीं इस मामले में जिम्मेदार अधिकारियों ने चुप्पी साधी हुई है.

आयुर्वेद चिकित्सक को दे दिया प्रशासनिक प्रभार

नगर निगम के प्रभारी उपायुक्त को फर्जी उपायुक्त कहने के पीछे नगर निगम के कर्मचारियों का कहना है कि नगर निगम में अगर उपायुक्त का पद खाली होता है, तो यह पद सहायक आयुक्त अधीक्षक या अन्य पदों पर तैनात प्रशासनिक अधिकारियों को प्रभार दिया जाता है. लेकिन प्रणय कमल खरे को उपायुक्त का प्रभार दिया गया है. जबकि वह नगर निगम में आयुर्वेद चिकित्सक के पद पर पदस्थ हैं.

नियमानुसार प्रशासनिक स्तर के पद पर आयुर्वेद चिकित्सक को प्रभार नहीं दिया जा सकता है. साथ ही प्रभारी उपायुक्त उपायुक्त पदनाम का उपयोग नहीं कर सकता है. अगर करता है तो पद के साथ प्रभारी भी लगाना होता है.

कर्मचारियों को कर रहे हैं प्रताड़ित

मध्यप्रदेश नगर निगम और नगर पालिका कर्मचारी संघ का आरोप है कि प्रभारी उपायुक्त को प्रशासन और नगर निगम के नियमों की जानकारी नहीं है. ऐसी स्थिति में प्रभारी उपायुक्त कर्मचारियों से मनमर्जी से काम लेते हैं और उन्हें प्रताड़ित करते हैं. कर्मचारियों से बदसलूकी भी करते हैं. नियम अनुसार कर्मचारी एक निश्चित समय में ड्यूटी करता है, लेकिन यह ड्यूटी के अतिरिक्त भी कर्मचारियों की तैनाती करते हैं,जिससे कर्मचारी मानसिक रूप से प्रताड़ित रहते हैं.

पद से हटाया नहीं गया तो करेंगे उग्र आंदोलन

प्रदेश नगर निगम निगम नगर पालिका कर्मचारी संघ के प्रांतीय महामंत्री राजेश सिंह का कहना है कि नियमों को ताक पर रखकर प्रणय कमल खरे को उपायुक्त बनाया गया है. इस मामले में हम लोगों ने आंदोलन शुरू कर दिया है. सबसे पहले सागर कमिश्नर जो कि नगर निगम सागर के प्रशासक भी हैं,उनको ज्ञापन सौंपकर प्रभारी आयुक्त को पद से हटाने की मांग की है. नगर निगम परिसर में पोस्टर भी लगाए हैं. अगर हमारी मांग पर प्रशासन द्वारा कोई जल्दी निर्णय नहीं लिया गया तो हम उग्र आंदोलन करेंगे के लिए मजबूर हैं.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.