सागर। देवरी इलाके से गुजरने वाले नेशनल हाईवे 44 पर वन विभाग और पुलिस की टीम ने लोडिंग वाहन का पीछा कर सागौन की तस्करी का खुलासा किया है. वन विभाग और पुलिस की टीम ने तस्करों की गाड़ी का फिल्मी स्टाइल में पीछा किया है. नेशनल हाईवे-44 का ऐसा नजारा बना, मानों किसी की फिल्म शूटिंग चल रही हो. हालांकि आखिरकार तस्करों की गाड़ी को वन विभाग पुलिस की मदद से पकड़ने में कामयाब मिली. एक तस्कर पुलिस के हत्थे चढ़ गया. हालांकि दो तस्कर भागने में कामयाब रहे और सागौन की लकड़ी भी बरामद की गई. बताया जा रहा है कि वन विभाग की टीम पहुंचने की सूचना मिल जाने पर तस्कर जंगल में बड़े पैमाने पर सागौन छोड़ आए हैं.
क्या है मामला: देवरी वन परिक्षेत्र अधिकारी राघवेन्द्र सिंह भदोरिया ने बताया कि "आज सुबह 6 बजे मुखबिर से सूचना मिली थी कि दक्षिण वनमंडल की सिंगपुर बीट के नजदीक नेशनल हाइवे-44 पर झिराघाटी में एक पिकअप गाड़ी में सागौन की लकड़ी के भरी जा रही है. वनविभाग की टीम तत्काल रवाना हुई और साथ में महाराजपुर थाना की डायल 100 को भी सूचना दी, जब डायल 100 और वनविभाग की टीम मौके पर पहुंची, तो वहां से पिकअप निकल निकल चुकी थी. जिसका पुलिस और वनविभाग की टीम ने पीछा किया और नेशनल हाईवे 44 पर स्थित रीछई गांव के पास पिकअप को पकड़ लिया, जिसमें 18 नग सागौन के बरामद किए गए. सागौन तस्करी कर रहे वाहन में 3 तस्कर सवार थे, जिनमें से एक आरोपी गोविंदा अहिरवार को गिरफ्तार किया गया है और दो आरोपी भागने में कामयाब हो गए.
इंदौर की क्राइम की ये खबरें भी पढ़ें.. |
वनविभाग को सूचना मिलने की लग गई थी भनक: वनविभाग से मिली जानकारी के अनुसार, तस्करों को भी वनविभाग और पुलिस उनकी सक्रियता की जानकारी मिल गई थी और वह बड़े पैमाने में सागौन जंगल में ही छोड़कर भाग गए. पकड़े गए आरोपी की निशानदेही पर दो अन्य आरोपियों की तलाश की जा रही है. गिरफ्तार आरोपी जंगल के जिस इलाके से तस्करी कर रहे थे. उधर भी एक टीम भेजकर जानकारी इकट्ठा की जा रही है. शुरुआती पूछतांछ में पता चला है कि पकड़े गए तस्कर कई दिनों से सागौन की तस्करी को अंजाम दे रहे थे, लेकिन पकड़ में नहीं आ रहे है.