सागर। कोरोना वायरस और लॉकडाउन के चलते प्रवासी मजदूरों को उनके घरों तक पहुंचाने में शिवराज सरकार नाकाम साबित हुई है. यह आरोप मध्य प्रदेश कांग्रेस कमेटी के कार्यकारी अध्यक्ष एवं पूर्व मंत्री सुरेंद्र चौधरी ने लगाया है. उन्होंने कहा कि 56 दिनों के लॉकडाउन बीत जाने के बाद भी हजारों परिवार शिवराज सरकार की नाकामी के कारण अपने घरों तक नहीं पहुंच सके हैं.
पूर्व मंत्री सुरेंद्र चौधरी ने कहा कि, इस बात की पुष्टि सागर जिले के ग्राम पामाखेड़ी निवासी संजय शर्मा ने 21 दिन पहले पुणे से सागर आने के लिए पंजीयन कराया था. इसी प्रकार विकासखंड सागर के ग्राम रजौआ फसल कटाई कार्य के लिए आए, राजस्थान के ग्राम खैरपुर जिला बारा निवासी सतपाल खेरुआ व उनके अन्य 15 साथी जो पिछले 1 माह से सागर में फंसे हुए हैं जो अपने घर जाने के लिए लगातार आवेदन कर रहे हैं, लेकिन अभी तक सरकार ने कोई मदद नहीं की और वह अपने घर नहीं पहुंच सके.
उन्होंने कहा कि, इतना ही नहीं विकासखंड सागर के ग्राम टीला खेड़ी निवासी बहादुर सिंह का परिवार उत्तराखंड से सागर आने के लिए 1 माह पूर्व पंजीयन कराने के बाद भी शासन द्वारा उनके घरों तक भेजने की कोई व्यवस्था नहीं कराई गई है. इसी प्रकार अन्य प्रदेशों के मध्य प्रदेश में फंसे हजारों परिवारों की स्थिति इसी प्रकार है. जिन्हें शासन की ओर से किसी प्रकार की व्यवस्था कराई गई है और ना ही उनके खातों में 1 हजार रूपये शासन की घोषणा के अनुसार उन तक पहुंच सका है. हजारों परिवार अपने घरों तक आने की उम्मीद लगाए हुए हैं. लेकिन सरकार ने अभी तक मदद नहीं की है.
चौधरी ने कहा कि, यही स्थिति कैंटोनमेंट क्षेत्रों में निवासरत गरीब परिवारों को शासन की ओर से खाद्य सामग्री के साथ अन्य सहायता भी मुहैया नहीं कराई जा रही है. जिस कारण हजारों गरीब मजदूर परिवारों पर आर्थिक संकट मंडराने के साथ-साथ भरण पोषण का भी संकट उत्पन्न हो गया है, जो शिवराज सरकार की नाकामी को उजागर करता है.